आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष पूरी तरह तैयार दिख रही थी… लेकिन सिर्फ दिख ही रही थी। उस दिख रही विपक्षी एकता को अब एक और झटका लग गया है, ममता बनर्जी तो खैर पहले दे ही चुकी हैं। अब आज बैठक से पहले ही विपक्ष में बिखराव देखने को मिल रहा है। दरअसल 13 जनवरी को दिल्ली में होने वाली विपक्ष की बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बाद अब मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP), अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया है।
यह बैठक कांग्रेस ने बुलाई है और इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी करने वाली हैं। विपक्षी दलों की यह बैठक आज दोपहर दो बजे होगी, जिसमें नागरिकता कानून और देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बैठक में जाने से इनकार करते हुए ट्वीटर इस फैसले के पीछे की वजह भी बताई है। मायावती ने सोमवार (जनवरी 13, 2019) को एक के बाद एक ट्वीट किए।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “जैसा कि विदित है कि राजस्थान कांग्रेस सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहाँ बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।”
वहीं, दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने भी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। AAP के सांसद संजय सिंह ने कांग्रेस द्वारा बुलाई गई आज की विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होने पर कहा, “ऐसी किसी भी बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसलिए, ऐसी किसी बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है जिसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।”
अवलोकन करें:-
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस और लेफ्ट पर बंगाल में डर्टी पॉलिटिक्स खेलने का आरोप लगाया था और कहा था, “मैंने सोनिया गाँधी द्वारा 13 जनवरी को नई दिल्ली में बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है क्योंकि मैं पश्चिम बंगाल में वामपंथी और कांग्रेस की हिंसा का समर्थन नहीं करती।” बनर्जी का कहना था कि वाम मोर्चा और कांग्रेस के दोहरे रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने अब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ अकेले लड़ाई लड़ने की बात कही थी।
दूसरे यह कि नागरिकता संशोधक कानून का विरोध जिस तरह पूर्णरूप से हिन्दू-विरोधी होने के साथ-साथ, मोदी और योगी के जान लेने की बातें जोर पकड़ने से, सभी को डर है यदि विरोधियों ने इन दोनों में से किसी एक पर भी हमला कर दिया, विरोधियों के साथ-साथ विरोध का समर्थन कर रहे किसी भी दल को जनता बक्शने वाली। इससे पहले इस तरह की दुर्घटना होने से पूर्व ही अच्छा है, अलग हो जाओ।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष पूरी तरह तैयार दिख रही थी… लेकिन सिर्फ दिख ही रही थी। उस दिख रही विपक्षी एकता को अब एक और झटका लग गया है, ममता बनर्जी तो खैर पहले दे ही चुकी हैं। अब आज बैठक से पहले ही विपक्ष में बिखराव देखने को मिल रहा है। दरअसल 13 जनवरी को दिल्ली में होने वाली विपक्ष की बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बाद अब मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP), अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया है।
यह बैठक कांग्रेस ने बुलाई है और इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी करने वाली हैं। विपक्षी दलों की यह बैठक आज दोपहर दो बजे होगी, जिसमें नागरिकता कानून और देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बैठक में जाने से इनकार करते हुए ट्वीटर इस फैसले के पीछे की वजह भी बताई है। मायावती ने सोमवार (जनवरी 13, 2019) को एक के बाद एक ट्वीट किए।
Delhi: Opposition parties to meet today at 2 pm in Parliament annexe to discuss current political situation in the country— ANI (@ANI) January 13, 2020
Bahujan Samaj Party (BSP) Chief Mayawati tweets, "BSP will not attend today's opposition parties meeting called by Congress". pic.twitter.com/G7nrwH2aD3— ANI UP (@ANINewsUP) January 13, 2020
AAP MP Sanjay Singh on party to not attend today's Opposition meeting called by Congress: We have no information about any such meeting. So,makes no sense to attend a meeting we have no information about https://t.co/92aLWUJowi pic.twitter.com/gkaQZMebVs— ANI (@ANI) January 13, 2020
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “जैसा कि विदित है कि राजस्थान कांग्रेस सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहाँ बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।”
वहीं, दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने भी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। AAP के सांसद संजय सिंह ने कांग्रेस द्वारा बुलाई गई आज की विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होने पर कहा, “ऐसी किसी भी बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसलिए, ऐसी किसी बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है जिसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।”
अवलोकन करें:-
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस और लेफ्ट पर बंगाल में डर्टी पॉलिटिक्स खेलने का आरोप लगाया था और कहा था, “मैंने सोनिया गाँधी द्वारा 13 जनवरी को नई दिल्ली में बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है क्योंकि मैं पश्चिम बंगाल में वामपंथी और कांग्रेस की हिंसा का समर्थन नहीं करती।” बनर्जी का कहना था कि वाम मोर्चा और कांग्रेस के दोहरे रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने अब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ अकेले लड़ाई लड़ने की बात कही थी।
दूसरे यह कि नागरिकता संशोधक कानून का विरोध जिस तरह पूर्णरूप से हिन्दू-विरोधी होने के साथ-साथ, मोदी और योगी के जान लेने की बातें जोर पकड़ने से, सभी को डर है यदि विरोधियों ने इन दोनों में से किसी एक पर भी हमला कर दिया, विरोधियों के साथ-साथ विरोध का समर्थन कर रहे किसी भी दल को जनता बक्शने वाली। इससे पहले इस तरह की दुर्घटना होने से पूर्व ही अच्छा है, अलग हो जाओ।
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