आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
शाहीन बाग में CAA धरने में हो रहे फैसलों से क्या भारत में तुष्टिकरण नीति का नंगा नाच खेल रहे नेता आंखें खोलेंगे या फिर संविधान की दुहाई देते हुए, जयचन्द बनेंगे? जितनी आग लगवानी थी, लग गयी, अब मामला इन वोटबैंक के भूखे नेताओं के हाथों से निकल चुका है। इतने दिनों से जनता को जो परेशानी हो रही है, उसकी न किसी तुष्टिकरण पुजारी को और न ही किसी मानवाधिकार को चिन्ता। अगर इस वीडियो को सही माना जाए, समस्त राजनीतिक दलों को एक छाते के नीचे आकर, मुसलमान को नागरिकता संशोधन कानून की वास्तविकता को बताना होगा, अगर देश किसी भी साम्प्रदायिक दंगा होता है, उसके जिम्मेदार मुसलमान नहीं, बल्कि इस आग को लगाने वाले वोटबैंक के भूखे नेता होंगे।
शाहीन बाग़ में CAA और अदृश्य NRC के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी है। शाहीन बाग की तर्ज पर शाहीन बाघ के मास्टरमाइंड शरजील इमाम के शुरूआती अपील पर कई और प्रदर्शन स्थल देश के अलग-अलग शहरों में बनाए गए जहाँ से अक्सर तरह-तरह के भड़काऊ बयान आते रहते हैं।
शाहीन बाग़ में फैसला हो चुका है, फैसला हम कर चुके हैं अब हिन्दुस्तान उसे मानेगा, कोई एडजस्टमेन्ट नहीं होगा। फैसला शाहीन बाग से हो चुका है। ये आपके ऊपर है कि कब मानेगें। जितना जल्दी करेंगे उतना अच्छा होगा, जितना डिले करेंगे आपकी कब्र उतनी गहरी खुदेगी। आपको तय करना है कि 2 फ़ीट नीचे जाना है या 20 फ़ीट नीचे जाना है।”
ये क्या है? क्या अब भी आपको लगता है ये प्रोटेस्ट सिर्फ CAA के खिलाफ है। आप खुद देखिए वीडियो और तय कीजिए। ऐसे कई और बयान पहले भी सामने आ चुके हैं। जो न सिर्फ देश के खिलाफ है बल्कि खुलेआम देश के बहुसंख्यक आबादी को धमकी है।
शाहीन बाग में CAA धरने में हो रहे फैसलों से क्या भारत में तुष्टिकरण नीति का नंगा नाच खेल रहे नेता आंखें खोलेंगे या फिर संविधान की दुहाई देते हुए, जयचन्द बनेंगे? जितनी आग लगवानी थी, लग गयी, अब मामला इन वोटबैंक के भूखे नेताओं के हाथों से निकल चुका है। इतने दिनों से जनता को जो परेशानी हो रही है, उसकी न किसी तुष्टिकरण पुजारी को और न ही किसी मानवाधिकार को चिन्ता। अगर इस वीडियो को सही माना जाए, समस्त राजनीतिक दलों को एक छाते के नीचे आकर, मुसलमान को नागरिकता संशोधन कानून की वास्तविकता को बताना होगा, अगर देश किसी भी साम्प्रदायिक दंगा होता है, उसके जिम्मेदार मुसलमान नहीं, बल्कि इस आग को लगाने वाले वोटबैंक के भूखे नेता होंगे।
शाहीन बाग़ में CAA और अदृश्य NRC के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी है। शाहीन बाग की तर्ज पर शाहीन बाघ के मास्टरमाइंड शरजील इमाम के शुरूआती अपील पर कई और प्रदर्शन स्थल देश के अलग-अलग शहरों में बनाए गए जहाँ से अक्सर तरह-तरह के भड़काऊ बयान आते रहते हैं।
ये सुन लीजिए। "शाहीनबाग़ ने तय कर दिया है" ... "कोई इफ/बट नहीं" "आपको तय करना है कि क़ब्र 2 फ़ीट नीचे बनेगी या 20 फ़ीट नीचे बनेगी"— Sushant Sinha (@SushantBSinha) February 4, 2020
गजब ही चल रहा है इस देश में। इससे खतरनाक क्या होगा। 🤦 pic.twitter.com/RyccRAccT0
अब धमकी भरा और इस प्रोटेस्ट को बेनकाब करता एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिल्ली के शाहीन बाग के सपोर्ट में नांदेड़ से जो बयान जारी हुआ है वो इस प्रदर्शन के खतरनाक मंसूबों को उजागर करता है। कि इनकी लड़ाई CAA के खिलाफ नहीं है बल्कि देश को अस्थिर करने की साजिश है।
वायरल वीडियो में कहा जा रहा है, “इस लड़ाई में अगर-मगर की कोई गुंजाइश नहीं है। ये कानून वापस जायेगा, हुकूमत वापस जाएगी। CAA भी नहीं रहेगा, हुकूमत भी नहीं रहेगा। और अगर ये दोनों नहीं रहेंगे तो कुछ भी नहीं रहेगा। ये बात भी बहुत क्लियर करने की ज़रूरत है कि CAA भी नहीं रहेगा और हुकूमत भी नहीं रहेगा। अगर दोनों रहेंगे तो कुछ भी नहीं रहेगा। चाहे उसके लिए कुछ भी करना हो मुस्लिम कम्युनिटी और नौजवान इसके लिए तैयार है। ये कोई बाबरी मस्जिद वाली स्ट्रैटजी की बात नहीं है कि कोर्ट का फैसला मान लेंगे।
अवलोकन करें:-
अरफा खानुम किस प्रकार प्लान बता रही है वो आपको गौर से सुनना चाहिए, इन दिनों कट्टरपंथी तत्व जो तिरंगा लहरा रहे है, राष्ट्रगान गा रहे है वो इनकी स्ट्रेटेजी का हिस्सा है, सुनिए क्या कहती है अरफा।
इस देश में काफी सारे सेक्युलर हिन्दू अरफा खानुम और इनके जैसे लोगों का मोदी विरोध में जमकर साथ दे रहे है, अरफा खानुम इन सेकुलरों के सामने तो भाईचारे, दलित, आदिवासी की बात करती है, पर मुस्लिम भीड़ के आगे वो पूरी प्लानिंग समझाती है।
अरफ़ा की इस बात से देश समस्त छद्दम धर्म-निरपेक्षों को अपनी आंखें खोलने चाहिए, जो सेकुलरिज्म का हर वक़्त राग अलापते रहते हैं। वास्तव में हिन्दुओं का छद्दम धर्म-निरपेक्षों द्वारा मूर्ख ही बनाया जा रहा, बल्कि ये लोग स्वयं गजवा हिन्द बनाने में इन कट्टरपंथी स्लीपर सैल्स की मदद कर, भारत को पुनः गुलाम बनाने की ओर धकेल रहे हैं, जो अरफ़ा के बयानों से स्पष्ट झलक रहा है।
इस देश में काफी सारे सेक्युलर हिन्दू अरफा खानुम और इनके जैसे लोगों का मोदी विरोध में जमकर साथ दे रहे है, अरफा खानुम इन सेकुलरों के सामने तो भाईचारे, दलित, आदिवासी की बात करती है, पर मुस्लिम भीड़ के आगे वो पूरी प्लानिंग समझाती है।
अरफ़ा की इस बात से देश समस्त छद्दम धर्म-निरपेक्षों को अपनी आंखें खोलने चाहिए, जो सेकुलरिज्म का हर वक़्त राग अलापते रहते हैं। वास्तव में हिन्दुओं का छद्दम धर्म-निरपेक्षों द्वारा मूर्ख ही बनाया जा रहा, बल्कि ये लोग स्वयं गजवा हिन्द बनाने में इन कट्टरपंथी स्लीपर सैल्स की मदद कर, भारत को पुनः गुलाम बनाने की ओर धकेल रहे हैं, जो अरफ़ा के बयानों से स्पष्ट झलक रहा है।
शाहीन बाग़ में फैसला हो चुका है, फैसला हम कर चुके हैं अब हिन्दुस्तान उसे मानेगा, कोई एडजस्टमेन्ट नहीं होगा। फैसला शाहीन बाग से हो चुका है। ये आपके ऊपर है कि कब मानेगें। जितना जल्दी करेंगे उतना अच्छा होगा, जितना डिले करेंगे आपकी कब्र उतनी गहरी खुदेगी। आपको तय करना है कि 2 फ़ीट नीचे जाना है या 20 फ़ीट नीचे जाना है।”
ये क्या है? क्या अब भी आपको लगता है ये प्रोटेस्ट सिर्फ CAA के खिलाफ है। आप खुद देखिए वीडियो और तय कीजिए। ऐसे कई और बयान पहले भी सामने आ चुके हैं। जो न सिर्फ देश के खिलाफ है बल्कि खुलेआम देश के बहुसंख्यक आबादी को धमकी है।
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