बंगाल में छिपा है JMB का सरगना मोहम्मद सलाउद्दीन

ढाका कैफे हमला
ढाका के कैफे पर हुए हमले में मारी गई तारुषि जैन के परिजन। हमले में 18 विदेशियों सहित 22 की मौत हो गई थी
                                                                                                                                         (फाइल फोटो)
आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) का सरगना कुख्यात आतंकी मोहम्मद सलाउद्दीन उर्फ सालेहान पश्चिम बंगाल में छिपा हुआ है। मीडिया रिपोर्टों में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ महीनों से वह बांग्लादेश सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के किसी जिले में छिपा हुआ है। NIA की टीम उत्तर 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदह, उत्तर दिनाजपुर, कूचबिहार जिलों में उसकी तलाश कर रही है।
सलाहुद्दीन को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 2016 में होली आर्टिसन कैफे में हुए धमाके में मौत की सजा सुनाई गई थी। वह बोधगया और खागड़ागढ़ धमाकों में भी वांछित है। तीन मौकों पर वह एजेसियों को झॉंसा दे चुका है।
NIA के एक अधिकारी ने बताया कि सलाउद्दीन ने तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में जाकर जेएमबी का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने बताया कि जाँच के दौरान अगस्त 2018 में खागड़ागढ़ में हुए विस्फोट मामले के मुख्य आरोपित जहीदुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ में सलाउद्दीन के भारत में छिपे होने की बात पता चली थी। उसने बताया कि सलाउद्दीन भारत के दक्षिणी राज्यों में कहीं छुपा हुआ है।
NIA को जाँच के दौरान पता चला कि सलाउद्दीन कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद और नादिया गाँवों में छिपा हुआ है, जो कि भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में हैं। जाँच एजेंसी ने बताया कि सलाउद्दीन कूचबिहार के गीतालदाहा गाँव में धर्म प्रचारक के रूप में रह रहा था। मगर पुलिस के छापा मारने के एक दिन पहले ही वह वहाँ से फरार हो गया। इसके बाद उसके मुर्शिदाबाद जिले के मुकीमनगर गाँव में रहने की सूचना मिली, लेकिन इस बार भी वो जाँच एजेंसी को चकमा देने में कामयाब रहा। NIA ने पिछले हफ्ते कूचबिहार के चांगरबंधा गाँव में छापा मारा था, लेकिन संदिग्ध वहाँ भी नहीं मिला। हालाँकि इस दौरान जाँच एजेंसी ने उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक बांग्लादेशी व्यापारी, जो कि अब सऊदी अरब में बस गए हैं, वो जेएमबी को फंडिंग देते हैं। ये बांग्लादेशी व्यापारी ही इस आतंकी संगठन को हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए पैसा देते हैं और उनके साथ संपर्क स्थापित करने के लिए ये लोग ओनियन ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं।
ढाका के कैफे पर एक जुलाई 2016 को हुए हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें एक भारतीय सहित 18 विदेशी थे। कैफे पर करीब 10 घंटे तक आतंकवादियों ने कब्जा जमाए रखा था। इस मामले में पिछले साल ढाका की अदालत ने 7 आतंकियों को मौत की सजा सुनाई थी। सलाउद्दीन और उसके साथियों को जब सजा सुनाई जा रही थी तो उनमें से कुछ ने अदालत में ही अल्लाहु अकबर के नारे लगाए थे।
राज्य के गृह मंत्री का खुलासा (तस्वीर ANI से साभार)
राज्य के गृह मंत्री का खुलासा (तस्वीर ANI से साभार)
बंगलुरु ही नहीं, मैसूर में भी सक्रिय JMB जिहादी सेल: गृहमंत्री कर्नाटक कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने दावा किया है कि बंगलुरु और मैसूर शहर जिहादी गतिविधियों के केंद्र बनते जा रहे हैं। उन्होंने इन राज्यों में आतंकियों के स्लीपर सेल सक्रिय होने की बात कही है। उन्होंने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) संगठन का नाम भी लिया है।
बोम्मई के अनुसार इन जिहादियों की गतिविधियाँ तटीय कर्नाटक के साथ-साथ राज्य के आंतरिक हिस्सों में भी बढ़ गईं हैं। उनके अलावा NIA प्रमुख वाईसी मोदी ने भी हाल ही में JMB की गतिविधियों को लेकर बयान दिया था। उन्होंने संगठन के कर्नाटक के अतिरिक्त झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, असम में भी सक्रिय होने की बात कही थी। NIA के महानिरीक्षक ने भी बंगलुरु में इस संगठन के 20-22 ठिकाने होने का दावा किया था

बोम्मई ने कहा, “हमारे पुलिस वाले सभी एहतियात बरत रहे हैं।” बोम्मई के अनुसार JMB की सक्रियता बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के तटों के किनारे बढ़ी है। NIA के खुलासों के बारे में पूछे जाने पर बोम्मई के कहा कि एजेंसी का ज़ोर बांग्लादेशी ultras की गतिविधि और कश्मीर पर है।
“पुलिस चौकन्नी हैं खासकर कि बंगलुरु और मैसूर में। हम लोगों की सार्वजनिक स्थानों पर तलाशी ले रहे हैं, संदेहास्पद लोगों के बारे में सूचना जुटा रहे हैं और उसका विश्लेषण कर रहे हैं।”
इसके अलावा उन्होंने बंगलुरु के लिए उसका खुद का ATS (एंटी टेरर स्क्वाड) बनाने की घोषणा की। गौरतलब है कि कर्नाटक के पास पहले से ही एक एटीएस पूरे प्रदेश के लिए है।
1 नवंबर से चालू हो जाने वाली इस एटीएस का गठन बंगलुरु और उसके आसपास बहुत सारे JMB जिहादियों की गिरफ़्तारी के बाद किया गया था।

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