दिल्ली: निजामुद्दीन : जानबूझ कर इधर-उधर थूक रहे तबलीग़ी जमात के लोग


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन से आई एक खबर ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया। 14-15 मार्च को यहां तबलीगी जमात का कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जिसमें विदेशी मुस्लिम धर्मप्रचारकों के साथ ही 400 के करीब लोग शामिल हुए थे।संकट तब पैदा हो गया जब इस मरकज में शामिल हुए 10 लोगों की मौत कोरोना से हो गई। वहीं मरकज में मौजूद लोगों में से 24 में संक्रमण की पुष्टि हुई है। सबसे बुरी खबर यह है कि इस जमात में शामिल हुए लोग देश के कई राज्यों में गए। वहीं विदेशी मौलवियों के वीजा में गड़बड़ी का मामला सामने आया है।
दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित मस्जिद से मिले 2000 मुसलमानों के मिलने के बाद से पूरी दिल्ली में हड़कंप मचा हुआ है। अरविन्द केजरीवाल ने बताया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अभी तक सामुदायिक संक्रमण का एक भी मामला नहीं आया है। यहाँ कोरोना के कुल 97 मामले मिले हैं, जिनमें से 41 ऐसे हैं जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री है। यानी ये सभी विदेश से लौटे लोग हैं। 21 मरीज इनके परिवार वाले हैं। 10 मामले ऐसे हैं, जिनके बारे में सूचनाएँ इकट्ठी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने लॉफ्टिनेंट गवर्नर से दरख्वास्त की है कि निजामुद्दीन मामले में एफआईआर दर्ज की जाए।
मरगज के मौलाना साद पर मार्च 31 को एफआईआर दर्ज कर दी गयी है और जाँच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सुपुर्द की गयी है। ऐसे में ज्वलंत प्रश्न यह है कि जब हिन्दुओं के नवरात्र पर्व पर सारे मंदिर बंद हैं, शांतिप्रिय मुसलमान मस्जिद की बजाए घरों में नमाज पढ़ रहे हैं, मस्जिदों में नहीं जा रहे, फिर किस आधार पर मरगज में हज़ारों की संख्या में जमा थे? क्या तबलीगी की इस हरकत ने देश के अन्य बेकसूर मुसलमानों को बदनाम नहीं कर रही? क्या इसके पीछे कोई षड़यंत्र है?
इधर निजामुद्दीन से ले जाए जा रहे सभी लोग बदतमीजी पर उतर आए हैं। उनके द्वारा वो सारी हरकतें की जा रही हैं, जिनसे संक्रमण फैलने का ख़तरा है। एक डॉक्टर ने बताया कि बस से ले जाए जा रहे ये सभी लोग इधर-उधर थूक रहे हैं और अधिकारियों की बात नहीं मान रहे हैं। ये सभी बस की खिड़कियों की तरफ़ से थूक रहे थे, जिससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का ख़तरा है। मेडिकल कर्मचारी भी उनलोगों से परेशान हो गए हैं। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी इस आरोप की पुष्टि की।




उधर दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि एलजी द्वारा जल्द ही एफआईआर रजिस्टर करने का आदेश दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर किसी भी अधिकारी के द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही की बात सामने आएगी तो उसके ख़िलाफ़ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। निजामुद्दीन में मिले विदेशियों ने वीजा नियमों का भी उल्लंघन किया है, ऐसा गृह मंत्रालय ने बताया है। यहाँ तबलीग जमात के मजहबी कार्यक्रम में न सिर्फ़ सैकड़ों लोग शामिल हुए बल्कि उन्होंने एम्बुलेंस को भी लौटा दिया था। इन्होने सतर्कता और सोशल डिस्टन्सिंग की सलाहों को भी जम कर ठेंगा दिखाया।
आरोप है कि स्थानीय लोगों ने मस्जिद में छिपे विदेशियों और अन्य मुसलमानों का पूरा साथ दिया। बता दें कि वो मुस्लिम बहुल इलाक़ा है। वहीं मरकज लगातार दावा कर रहा है कि वो प्रशासन से लगातार संपर्क में है और उसने लगातार सरकार का सहयोग किया है। मरकज में कुल 2500 लोगों के एक मजहबी कार्यक्रम में शामिल होने की बात सामने आई थी। इनमें से 800 लोगों को हॉस्पिटल ले जाया गया है। कइयों को अभी भी ले जाया जा रहा है। इनमें से कुछ के यूपी जाने की आशंका है, जिनकी तलाशी के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
तबलीगी जमात के विदेशी मौलवियों ने देशभर में फैलाया कोरोना वायरस
निजामुद्दीन इलाके में जमात मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कश्मीर, अंडमान, सऊदी, थाईलैंड, इंडोनेशिया, उजबेकिस्तान और मलयेशिया से लोग जुटे थे। इन लोगों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद 300 से ज्यादा लोगों को कोरोना का संदिग्ध पाया गया, तो वहीं 700 लोगों का दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में जांच जारी है। 34 को एम्स झज्जर भेजा गया। लोकनायक अस्पताल में 153 को भर्ती किया गया है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 65 लोगों को भर्ती कराया गया है। वहीं उत्तरी रेलवे के आइसोलेशन केंद्र में भी 97 लोगों को रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग को यह जानकारी मिलने के बाद निजामुद्दीन की उस मस्जिद को बंद कर दिया गया है और सेनेटाइज करवाया जा रहा है। साथ ही पुलिस ड्रोन के माध्यम से भी ऐसे लोगों की तलाश करने और नज़र रखने का काम भी कर रही है। इसके लिए इलाके में ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं। दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने कहा , यह बहुत बड़ा अपराध है। दिल्ली सरकार ने इस संगठन पर “भारी लापरवाही” करने का आरोप लगाया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मरकज में शामिल हुए कई विदेशियों को वीजा देने के मामले में गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। विदेशियों में से 220 के वीजा में गड़बड़ी पाई गई है। वीजा नियमों में धार्मिक प्रचार प्रसार, धार्मिक भाषण देना आदि में भाग लेने की पाबंदी होती है। ऐसे में सरकार इन सभी विदेशी धर्मप्रचारकों पर आजीवन प्रतिबंध लगा सकती है। 
सरकारी सूत्र ने ये भी बताया कि ये मौलाना समूहों में तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा पहुंचे थे। वहां की मस्जिदों और कई मीटिंग में इन लोगों ने हिस्सा भी लिया था। ऐसे में कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका और ज्यादा हो गई है। एक अधिकारी ने बताया, ‘तेलंगाना में सामने आने वाले कोविड-19 के लगभग 50 फीसदी केस के तार निजामुद्दीन के मरकज़ से जुड़े हैं। यानी संक्रमित हुए लोगों में ज्यादातर मरकज़ में शामिल हुए थे या फिर इसमें शामिल होने वाले लोगों के संपर्क में आए थे।’
सरकार के निर्देशों को दिखाया गया ठेंगा 

दिल्ली के निजामुद्दीन में कोरोना पर सरकार के निर्देशों के नजरअंदाज कर धार्मिक सभा करने वाले जमात के नेता अब इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। हालांकि अब उस पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। जमात के प्रवक्ता अशरफ मंगलवार को मीडिया के सामने आए और दावा किया कि 12 मार्च से ही लोगों को वापस भेजने का काम शुरू कर दिया गया था। लेकिन निजामुद्दीन स्थित जमात के मुख्यालय में मिले सैकड़ों लोग और तारीखें बयां कर रही हैं कि किस तरह समय-समय पर आ रहे सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखाया गया, बल्कि मजमे को जारी रखा गया।
तेलंगाना में कोरोना से 6 की मौत

इसी बीच हैदराबाद से तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि इस जलसे में शामिल होकर वापस लौटे लोगों में से 6 लोगों की मौत हो चुकी है और बाकी लोगों की तलाश की जा रही है।
आंध्रप्रदेश में 11 लोग कोरोना से संक्रमित

दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए 11 लोग आंध्रप्रदेश में संक्रमित पाए गए हैं। जबकि एक शख्स इस जमात में शामिल शख्स के करीबी होने की वजह से संक्रमित हो गया है।
अंडमान में 10 लोग कोरोना पॉजिटिव

अंडमान में कोरोना वायरस के 10 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। संक्रमित पाए गए लोगों में से 9 दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के सेंटर (मरकज) से लौटे थे। बताया जा रहा है कि 10वीं संक्रमित महिला है, जो इनमें से किसी एक मरीज की पत्नी है। ये सभी 9 लोग 24 मार्च को अलग-अलग फ्लाइट से अंडमान पहुंचे थे। पूछताछ में इन सबने पुलिस को बताया कि ये निजामुद्दीन स्थित मरकज आए थे। 
तमिलनाडु में एक की मौत, दो संक्रमित

उधर तमिलनाडु के अंबुर, इरोड और सलेम से 38 इस्लामिक प्रचारकों को हिरासत में लिया गया है। जिनमें 23 इंडोनेशिया, 8 म्यांमार और 7 थाईलैंड से हैं। जिनमें से दो को कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाया गया है। इरोड जिले के एक अस्पताल में दो मस्लिम प्रचारकों को कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद प्रशासन ने पेरुदुरई में नौ सड़कों को सील कर दिया, जिनका इस्तेमाल मुस्लिम धर्मप्रचारकों ने किया था। सात प्रचारक 12 मार्च को थाईलैंड से इरोड जिले पहुंचे थे। 15 मार्च तक वे पेरुदुरई के तीन मस्जिदों में रुके थे और उनमें से एक की बाद में कोयंबटूर सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी।
अहमदनगर के मस्जिद से मिले 10 विदेशी मुस्लिम
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के नेवासा नगर स्थित एक मस्जिद से 10 विदेशी मुसलमानों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस खबर की जानकारी मराठी समाचार पोर्टल देशदूत में प्रकाशित हुई। देशदूत के मुताबिक इन दसों लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया है और मस्जिद के ट्रस्टियों पर महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
लखनऊ में छिपे थे 24 विदेशी मौलवी , 3 संक्रमित
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक मस्जिद में कई विदेशी नागरिकों के छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और एसीपी ने छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, इस मस्जिद में बीते 13 मार्च से कई विदेशी नागरिकों के रुके होने की जानकारी मिली थी। मस्जिद में मौजूद सभी देसी-विदेशी नागरिकों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है और मस्जिद में ताला लगा दिया गया है। सीएमओ कार्यालय के मुताबिक, राजधानी लखनऊ की अमीनाबाद, काकोरी और आईआईएम रोड स्थित मस्जिदों से 24 विदेशी मिले। इनमें 14 बांग्लादेश और 10 लोग कजाकिस्तान से आए थे। इनमें से तीन 3 लोगों में कोरोना के लक्षण मिलने पर जांच नमूना लेकर केजीएमयू भेजा गया है।
मेरठ के मस्जिदों में छिपे थे 19 विदेशी मौलवी
इसके साथ ही मेरठ जिले की दो मस्जिदों में 19 विदेशी नागरिकों के मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। ये विदेशी जमात के संग 17 और 21 मार्च को मेरठ पहुंचे थे। ये विदेशी मौलवी इंडोनेशिया, केन्या, सूडान और जिबूती समेत अन्य देशों से हैं। दैनिक जागरण के अनुसार मवाना स्थित बिलाल मस्जिद में रविवार देर रात 10 और सरधना में आजाद नगर स्थित मस्जिद में नौ विदेशी मौलवी रह रहे थे। लॉकडाउन के दौरान इन्हें शरण देने वालों ने भी पुलिस को जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा। हिन्दुस्तान के अनुसार किसी को पता न चले, इसलिए मस्जिद के बाहर ताला लगा रखा था।

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