आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर अक्सर तानाशाही के आरोप लगते रहते हैं। लेकिन अबकी बंगाल में कोरोना की महामारी पर भी राजनीति हो रही है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगा है कि पार्टी रविवार (अप्रैल 5, 2020) को उन सभी घरों को चिह्नित करेगी, जहाँ लाइट्स ऑफ किए जाएँगे। साथ ही धमकी भरे अंदाज़ में आज रात 9 बजे लाइट ऑफ करने वालों के दरवाजों पर निशान लगाने की बात भी कही गई है। तृणमूल से जुड़े प्रसून भौमिक की फेसबुक पोस्ट से तो ऐसा ही प्रतीत होता है।
ममता को लाइट ऑफ करने के समय पर आध्यात्मिक ध्यान देना चाहिए, तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए बहुत समय है। अभी लगभग दो दिन पूर्व टीवी परिचर्चा में हमेशा मोदी और मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले स्वामी प्रमोद कृष्णन ने अप्रैल 5, 2020, समय रात्रि 9 बजे और 9 मिनट लाइट ऑफ कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च अथवा मोबाइल फ्लैशलाइट से रौशनी करने के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाते समस्त विरोधियों को आध्यात्मिक ज्ञान का आईना दिखा पस्त कर दिया था। उन्होंने 5 एवं 9 के महत्व पर भी अपने विचारों से अवगत करवाया। जो ममता की बुद्धि से बहुत दूर है, शायद इसी कारण 9 बजे लाइट ऑफ करने वालों के मकान चिन्हित कर उन्हें दण्डित करने की योजना पर काम रही हैं।
प्रसून भौमिक ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि 5 अप्रैल को रात 9 बजे ऐसे लोगों के घरों के दरवाजे पर निशान लगा कर चिह्नित किया जाएगा, जहाँ लाइट्स ऑफ होंगे। पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की लगातार हत्या होती रही है। वहाँ ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने और भाजपा की रैलियों में भाग लेने वालों के ख़िलाफ़ तृणमूल कार्यकर्ता खुलेआम गुंडागर्दी करते हैं। प्रसून ने दावा किया है कि 5 अप्रैल को जिन घरों की लाइट्स ऑफ होंगी, उनके दरवाजे पर चॉक से निशान बनाया जाएगा।
भौमिक बंगाल थिएटर से जुड़ा हुआ है और कवि है। उसने ‘यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता’ से पढ़ाई की है। साथ ही तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की थी कि सभी देशवासी 5 अप्रैल को रात 9 बजे घर की सभी लाइटें बंद कर, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएँ। मोदी ने कहा था कि घर की सभी लाइटें बंद कर चारों तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का एहसास होगा जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा।
पत्रकार कंचन गुप्ता ने ट्विटर पर प्रसून भौमिक की इस धमकी की तरफ ध्यान दिलाया।
उन्होंने कहा कि जहाँ एक तरफ बंगाल के सांसद पार्लियामेंट में ‘फासिज्म के लक्षण’ गिनाते हैं, वहीं दूसरी तरफ राज्य में वही तरीका अपनाया जा रहा है जिसे कभी हिटलर जैसे तानाशाह ने अपनाया था। टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने जून 2019 में लोकसभा में अपने पहले ही भाषण में ‘भारत में फासिज्म के 7 लक्षण’ गिना कर मोदी सरकार पर निशाना साधा था।
अवलोकन करें:-
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर अक्सर तानाशाही के आरोप लगते रहते हैं। लेकिन अबकी बंगाल में कोरोना की महामारी पर भी राजनीति हो रही है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगा है कि पार्टी रविवार (अप्रैल 5, 2020) को उन सभी घरों को चिह्नित करेगी, जहाँ लाइट्स ऑफ किए जाएँगे। साथ ही धमकी भरे अंदाज़ में आज रात 9 बजे लाइट ऑफ करने वालों के दरवाजों पर निशान लगाने की बात भी कही गई है। तृणमूल से जुड़े प्रसून भौमिक की फेसबुक पोस्ट से तो ऐसा ही प्रतीत होता है।
ममता को लाइट ऑफ करने के समय पर आध्यात्मिक ध्यान देना चाहिए, तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए बहुत समय है। अभी लगभग दो दिन पूर्व टीवी परिचर्चा में हमेशा मोदी और मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले स्वामी प्रमोद कृष्णन ने अप्रैल 5, 2020, समय रात्रि 9 बजे और 9 मिनट लाइट ऑफ कर दीया, मोमबत्ती, टॉर्च अथवा मोबाइल फ्लैशलाइट से रौशनी करने के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाते समस्त विरोधियों को आध्यात्मिक ज्ञान का आईना दिखा पस्त कर दिया था। उन्होंने 5 एवं 9 के महत्व पर भी अपने विचारों से अवगत करवाया। जो ममता की बुद्धि से बहुत दूर है, शायद इसी कारण 9 बजे लाइट ऑफ करने वालों के मकान चिन्हित कर उन्हें दण्डित करने की योजना पर काम रही हैं।
प्रसून भौमिक ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि 5 अप्रैल को रात 9 बजे ऐसे लोगों के घरों के दरवाजे पर निशान लगा कर चिह्नित किया जाएगा, जहाँ लाइट्स ऑफ होंगे। पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की लगातार हत्या होती रही है। वहाँ ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने और भाजपा की रैलियों में भाग लेने वालों के ख़िलाफ़ तृणमूल कार्यकर्ता खुलेआम गुंडागर्दी करते हैं। प्रसून ने दावा किया है कि 5 अप्रैल को जिन घरों की लाइट्स ऑफ होंगी, उनके दरवाजे पर चॉक से निशान बनाया जाएगा।
The post says the doors of houses where lights are switched off at 9 pm on Sunday 5th April will be 'marked with chalk'. In #WestBengal.— Kanchan Gupta (@KanchanGupta) April 4, 2020
This is how the Gestapo and SS worked during Hitler era.
And a TMC MP has the gall to recite "7 signs of Fascism" outside Bengal. https://t.co/bVZcsaj1jS

पत्रकार कंचन गुप्ता ने ट्विटर पर प्रसून भौमिक की इस धमकी की तरफ ध्यान दिलाया।
उन्होंने कहा कि जहाँ एक तरफ बंगाल के सांसद पार्लियामेंट में ‘फासिज्म के लक्षण’ गिनाते हैं, वहीं दूसरी तरफ राज्य में वही तरीका अपनाया जा रहा है जिसे कभी हिटलर जैसे तानाशाह ने अपनाया था। टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने जून 2019 में लोकसभा में अपने पहले ही भाषण में ‘भारत में फासिज्म के 7 लक्षण’ गिना कर मोदी सरकार पर निशाना साधा था।
अवलोकन करें:-
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