तबलीगी जमात के ख़िलाफ़ मत बोलो : RJ सायमा, रेडियो मिर्ची

आरजे सायमा
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
रेडियो मिर्ची की आरजे सायमा अपने विवादित बयानों के लिए पहले ही चर्चित हैं। जामिया में इसी सायमा के एक ट्वीट ने कितना विवाद कर दिया था और भारत में पूरे समाज के लिए खतरा बन चुके तबलीगी जमात की हकीकत अब सबके सामने आ चुकी हैं। ऐसे में कुछ मीडिया गिरोह के लोग सोशल मीडिया पर इनका समर्थन कर रहे हैं और अब भी इन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं। रेडियो मिर्ची की आरजे सायमा उन्हीं में से एक हैं। जो जमातियों की हरकतों पर न केवल सफाई पेश कर रही हैं। बल्कि उनके गुनाह को फेक न्यूज़ कहकर उस पर लीपापोती भी कर रही हैं। उनका कहना है कि तबलीगी जमातियों ने गलती की। मगर जो उनकी गलती को मुद्दा बना रहे हैं वो इस देश में ज्यादा खतरनाक हैं।
आरजे सायमा ने दि प्रिंट के शेखर गुप्ता के एक ट्वीट को रीट्वीट किया। जिसमें शेखर गुप्ता ने तबलीगी जमात के मुस्लिम स्कॉलर की बात पोस्ट की थी कि तबलीगी जमात की हरकत को गलती कहिए। साजिश नहीं।
हालाँकि, इस समय सायमा जैसे लोगों की ये बातें ट्विटर पर किसी जहर से कम नहीं है। जो आम जनता से ये कहना चाहती हैं कि गलत को गलत मत बोलो, बल्कि जो उसे गलत बोले, जो ऐसे अपराधियों के अपराध को उजागर करे, उनके ख़िलाफ़ बोलो।


इसी को रीट्वीट करते हुए आरजे सायमा लिखती हैं, “वास्तव में ये यही है। एक गलती। शायद एक बहुत बड़ी गलती। लेकिन इसके पीछे मंशा गलत नहीं थी। जो लोग इसपर राजनीति कर रहे हैं वे इस देश के लिए खतरा हैं। वे कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक हैं।”
आरजे सायमा ये बात अच्छे से जानती होंगी कि इस समय जमाती जगह-जगह कितनी गंदगी मचा रहे हैं। मगर फिर भी वे हर पहलू से अंजान बन रही हैं और कह रही हैं कि तबलीगी जमात की हरकतें गलती हैं, उन्होंने सब कुछ जानबूझ कर नहीं किया। 
इसी कारण  सोशल मीडिया पर इस समय लोग उन्हें घेरने लगे हैं और उनका भ्रम मिटाने के लिए वे सभी हरकतें एक के बाद एक बता रहे हैं, जो तबलीगी जमाती पकड़े जाने के बाद और क्वारंटाइन सेंटर में कर रहे हैं। इसी क्रम में एक ऐसा प्रयास संजय नाम के यूजर ने भी किया। 
संजय ने सायमा का ट्वीट देखकर प्रतिक्रिया में सायमा के लिए लिखा, “स्वास्थ्य अधिकारियों पर थूकना, सड़कों पर बस से बाहर थूकना, महिला कर्मचारियों के सामने अर्ध नग्न हो, भद्दी टिप्पणी करना, अस्पतालों में अनुचित माँग करना, केवल पुरुष कर्मचारियों को उनके लिए उपस्थित होने के लिए हंगामा करना और आप कितनी आसानी से कह रही हो कि इनके इरादे खराब नहीं हैं। हद है।”
यहाँ संजय ने इस ट्वीट के जरिए जमातियों की हरकतों को उजागर करने की कोशिश की। मगर, सायमा कहाँ समझने वाली थीं। उन्होंने उन सभी बातों को फेक न्यूज बता दिया और संजय को सलाह दी कि वे अपने भीतर मौजूद घृणा से ऊपर उठें। क्योंकि एक जीवन मिला है उसे इतनी नकारात्मकता के साथ जीने में न व्यर्थ करें।
हैरानी की बात ये देखने को मिली कि उन्होंने टीवी पर दिखाई जा रही खबरों को फेक न्यूज़ कहकर खारिज कर दिया। साथ ही फेक न्यूज बनाने वाले ऑल्ट न्यूज का प्रचार किया। सायमा ने ऑल्ट न्यूज की तारीफ करते हुए संजय को सलाह दी कि वह ऑल्ट न्यूज को फ़ॉलो करें। ताकि उन्हें पता चले कि आखिर फेक क्या होता हैं। 
जिस ऑल्ट न्यूज की खबर शेयर करते हुए आरजे सायमा यूजर से ऑल्ट न्यूज फॉलो करने की बात करती हैं। वो खबर उस वायरल वीडियो से संबंधित है। जिसमें एक मुस्लिम फल विक्रेता थूक लगाकर उसे बेचने के लिए रेड़ी पर रख रहा था। हालाँकि, इसके वायरल होने के पीछे फल विक्रेता की हरकत मुख्य कारण थी। मगर ऑल्ट न्यूज़ का फैक्ट चेक इस बात पर था कि वीडियो अप्रैल में वायरल होनी शुरू हुई है। लेकिन वास्तविकता में ये घटना फरवरी की है।
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