अपने ही बुने जाल में फंसा The Wire; FIR दर्ज

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ने में व्यस्त है, वहीं संकट के समय में भी मोदी सरकार के खिलाफ प्रोपेगंडा फैलाने वाले पोर्टल्स की साजिशें थमने का नहीं ले रही हैं। ये पोर्टल्स आए दिन प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी सरकारों के खिलाफ अफवाहें फैला रहे हैं, लेकिन ये पोर्टल्स अपने ही बिछाये जाल में फंसते जा रहे हैं और उनके मंसूबों पर पानी फिरता जा रहा है। ताजा मामला ‘द वायर’ का है। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सिद्धार्थ वरदराजन द्वारा संचालित इस पोर्टल ने मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर एक झूठी खबर प्रकाशित की, जिसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
योगी सरकार की चेतवानी के बावजूद जब ‘द वायर’ ने फर्जी खबर नहीं हटायी, तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई। इसके बारे में योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- “हमारी चेतावनी के बावजूद इन्होंने अपने झूठ को ना डिलीट किया ना माफ़ी मांगी। कार्यवाही की बात कही थी, FIR दर्ज हो चुकी है आगे की कार्यवाही की जा रही है। अगर आप भी योगी सरकार के बारे में झूठ फैलाने के की सोच रहे है तो कृपया ऐसे ख़्याल दिमाग़ से निकाल दें।”

इससे पहले योगी सरकार ने ‘दी वायर’ के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह अपनी फर्जी खबर को डिलीट करें वरना इस पर कार्रवाई की जाएगी। यूपी सीएम के मीडिया सलाहकार ने कहा था कि झूठ फैलाने का प्रयास ना करे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कभी ऐसी कोई बात नहीं कही है। इसे फ़ौरन डिलीट करे अन्यथा इस पर कार्यवाही की जाएगी तथा डिफ़ेमेशन का केस भी लगाया जाएगा। वेबसाईट के साथ-साथ केस लड़ने के लिए भी डोनेशन मांगना पड़ जाएगा।

तबलीगी जमात को बचाने के लिए ‘द वायर’ ने फेक न्यूज़ फैलाते हुए लिखा कि जिस दिन इस इस्लामी संगठन का मजहबी कार्यक्रम हुआ, उसी दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 25 मार्च से 2 अप्रैल तक अयोध्या में प्रस्तावित विशाल रामनवमी मेला का आयोजन नहीं रुकेगा क्योंकि भगवान राम अपने भक्तों को कोरोना वायरस से बचाएंगे।
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में सैकड़ों मौलवियों की मौजूदगी और उनसे जुड़े कई लोगों की कोरोना से मौत और संक्रमण के मामले सामने आने के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया। इसी बीच मौलाना साद का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें वे मुसलमानों से कहते सुने जा सकते हैं कि मुसलमान डॉक्टरों और सरकार की सलाह न मानें क्योंकि मिलने-जुलने और एक-दूसरे के साथ बैठ कर खाने से कोरोना नहीं होगा। ऐसे में कई मौलानाओं के बयानों को ढकने के लिए ‘द वायर’ ने एक लेख प्रकाशित किया और उसके संपादक वरदराजन ने इस लेख को शेयर भी किया। लेकिन, ‘द वायर’ की झूठी खबर पकड़ी गयी। ऐसा पहली बार नहीं है, जब ‘द वायर’ ने झूठी खबर फैलाने की कोशिश की हो।
ताहिर हुसैन को निर्दोष साबित करने की कोशिश

दिल्ली दंगे में आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की बर्बर हत्या की विभीषका को झुठलाने की पूरी कोशिश की गई। प्रोपैगंडा साइट ‘द वायर’ अंकित शर्मा के हत्यारोपी ताहिर हुसैन को निर्दोष सिद्ध करने में पूरी जान लगा दी। ‘द वायर’ को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ताहिर हुसैन क्लेम करता है कि वह निर्दोष है और खुद ही साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार है। द वायर द्वारा ट्वीट की गई वीडियो क्लिप में ताहिर हुसैन को यह कहते सुना जा सकता है कि उसे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और उसको यह भरोसा है कि उसके साथ मुस्लिम होने के कारण अन्याय नहीं होगा। लेकिन इसके बाद जो तथ्य सामने आए वे किसी से छिपे नहीं है।

कश्मीर को लेकर फैलायी झूठी खबर
अगस्त 2019 में ‘द वायर’ ने कश्मीर पर झूठी खबर फैलाने की कोशिश की,जिसकी पोल श्रीनगर के डीसी शाहिद चौधरी ने खोली थी। ‘द वायर’ ने कश्मीर को लेकर ‘कश्मीर रनिंग शॉर्ट ऑफ लाइफ सेविंग ड्रग्स एज क्लैम्पडाउन कांटिन्यूज’ शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें कश्मीर में जीवन रक्षक दवाओं की कमी बताई गई थी। इसमें कहा गया था कि श्रीनगर के दवा की दुकानों में दवाइयों की आपूर्ति कम कर दी गई है,जिससे आम लोगों को परेशानी हो रही है।


श्रीनगर के मजिस्ट्रेट आईएएस अधिकारी शाहिद चौधरी ने इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया। उन्होंने लेख के लिंक को शेयर करते हुए ट्वीट कर बताया कि सभी की चिंता का ख्याल रखा जा रहा है। एक दिन के लिए भी दवाइयों की कमी नहीं हुई है। आपूर्ति में कोई व्यावधान नहीं है। यदि कोई व्यक्तिगत मामलों में भी मदद चाहता है, उसके लिए भी प्रशासन तैयार है।
सिर्फ आईएएस चौधरी ही नहीं, बल्कि जम्मू के आईपीएस प्रणव महाजन ने भी इस पोर्टल को आड़े हाथ लिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस नाजुक समय में ऐसे पोर्टल्स को परिपक्वता दिखानी चाहिए। उन्होंने सबसे पहले जमीन पर मौजूद शाहिद चौधरी जैसे अधिकारियों से बात करनी चाहिए, फिर कोई रिपोर्ट करनी चाहिए।
कश्मीर विशेषज्ञ पत्रकारों के झूठ का पर्दाफाश
‘द वायर’ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर झूठी खबरें फैलाना अपना अधिकार समझता है। ‘द वायर’ ने You Tube पर एक वीडियो अपलोड किया। जिसमें कथित वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्ता, उर्मिलेश और प्रेम शंकर झा यह डिस्कशन करते दिख रहे हैं कि 5 अगस्त, 2019 के बाद एक भी कश्मीरी अखबार छप नहीं रहा है। यह ‘आपातकाल’ से भी बुरा दौर है, जिसमें अखबार तक नहीं छप रहे हैं। उनके इस प्रोपैगंडा को दूरदर्शन के पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने अपने डिबेट शो ‘दो टूक’ में एक्सपोज करके रख दिया। उन्होंने इन तथाकथित कश्मीर विशेषज्ञ पत्रकारों के झूठ को बेनकाब करते हुए अपने डिबेट शो में इनके मुंह पर सबूत दे मारे।


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