नागरिकता संशोधक कानून और कोरोना भारत के वरदान सिद्ध हो रहे हैं। नागरिकता संशोधक कानून अराजक तत्व उभर कर आए, तो कोरोना ने विदेशी कंपनियों ने भारत के द्वार खोलने में सहायता की, जो भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने और बेरोजगारी को दूर कर, विश्व के विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा में सहयोग करेंगी।
चीन के वुहान से निकलकर पूरे विश्व में तबाही मचाने वाले कोरोना संक्रमण के बाद अलग-अलग देशों का रवैया चीन के प्रति बदलने लगा है। हाल ही में कोरियन उद्योगपतियों ने चीन से निकलकर उत्तर प्रदेश (UP, यूपी) में निवेश करने की अपनी इच्छा जाहिर की है।
कोरिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (KCCI) के अध्यक्ष योंगमैन पार्क ने इस विषय पर उत्तर प्रदेश के छोटे और मझोले उद्योगों के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से बात की है। उन्होंने कहा कि कोरिया के इलेक्ट्रानिक निर्माता राज्य में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। इसके बाद सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वे यूपी में उनके प्लांट सेटअप के लिए हर संभव मदद करेंगे।
KCCI अध्यक्ष और भाजपा नेता के बीच ये बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जिसे PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आयोजित करवाया था। KCCI कोरिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा व्यावसायिक संगठन है। एक विशेष अधिनियम द्वारा एक सार्वजनिक कानूनी इकाई के रूप में स्थापित, यह 73 क्षेत्रीय चैंबर और 100 से अधिक प्रमुख संस्थानों और संगठनों से बना है, जो कि सभी वाणिज्य और उद्योग से संबंधित है और जो विभिन्न क्षेत्रों की लगभग 180,000 सदस्य कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।
अब इन्हीं पहलुओं को देखते हुए यूपी मंत्री सिंह ने कोरियाई निवेशकों को राज्य में प्लांट लगाने के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने अपनी बात में मौजूदा उद्योगपतियों की शिकायतों को जल्द से जल्द हल करने की बात भी कही है। उन्होंने यह भी बताया है कि केंद्र और यूपी सरकार घरेलू औद्योगिक क्षेत्र को पटरी पर लाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम कर रही है।
पिछले माह योगी आदित्यनाथ ने भी इस संबंध में अपनी अपने मंत्रियों के सामने अपनी बात रखी थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के बाद राज्य में औद्योगिक हब को बढावा दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए थे कि वे उन कंपनियों के बारे में पता लगाएँ, जो चीन से निकलने का विचार बना रही है। ताकि वे उन्हें राज्य की औद्योगिक रिवाइवल स्ट्रैटेजी (पुनरुद्धार रणनीति) के रूप में उपयोग कर सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद सूचना है कि राज्य सरकार ने मुख्य रूप से जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, यूरोपीय संघ आदि के आधार पर ऐसे कंपनियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब माना जा रहा है व्यवसाय की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के लिए यह एक शानदार मौक़ा है।
चीन के वुहान से निकलकर पूरे विश्व में तबाही मचाने वाले कोरोना संक्रमण के बाद अलग-अलग देशों का रवैया चीन के प्रति बदलने लगा है। हाल ही में कोरियन उद्योगपतियों ने चीन से निकलकर उत्तर प्रदेश (UP, यूपी) में निवेश करने की अपनी इच्छा जाहिर की है।
कोरिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (KCCI) के अध्यक्ष योंगमैन पार्क ने इस विषय पर उत्तर प्रदेश के छोटे और मझोले उद्योगों के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से बात की है। उन्होंने कहा कि कोरिया के इलेक्ट्रानिक निर्माता राज्य में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। इसके बाद सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वे यूपी में उनके प्लांट सेटअप के लिए हर संभव मदद करेंगे।
KCCI अध्यक्ष और भाजपा नेता के बीच ये बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जिसे PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आयोजित करवाया था। KCCI कोरिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा व्यावसायिक संगठन है। एक विशेष अधिनियम द्वारा एक सार्वजनिक कानूनी इकाई के रूप में स्थापित, यह 73 क्षेत्रीय चैंबर और 100 से अधिक प्रमुख संस्थानों और संगठनों से बना है, जो कि सभी वाणिज्य और उद्योग से संबंधित है और जो विभिन्न क्षेत्रों की लगभग 180,000 सदस्य कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।
Welcoming the proposal of KCCI, Sidhart Nath Singh promised that the state govt would provide all help to the Korean investors to set up their plants in UP.@virendrajourno#UttarPradesh@myogiadityanath https://t.co/FiqSHJmbYu— Business Standard (@bsindia) May 2, 2020
अब इन्हीं पहलुओं को देखते हुए यूपी मंत्री सिंह ने कोरियाई निवेशकों को राज्य में प्लांट लगाने के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने अपनी बात में मौजूदा उद्योगपतियों की शिकायतों को जल्द से जल्द हल करने की बात भी कही है। उन्होंने यह भी बताया है कि केंद्र और यूपी सरकार घरेलू औद्योगिक क्षेत्र को पटरी पर लाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम कर रही है।
पिछले माह योगी आदित्यनाथ ने भी इस संबंध में अपनी अपने मंत्रियों के सामने अपनी बात रखी थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के बाद राज्य में औद्योगिक हब को बढावा दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए थे कि वे उन कंपनियों के बारे में पता लगाएँ, जो चीन से निकलने का विचार बना रही है। ताकि वे उन्हें राज्य की औद्योगिक रिवाइवल स्ट्रैटेजी (पुनरुद्धार रणनीति) के रूप में उपयोग कर सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद सूचना है कि राज्य सरकार ने मुख्य रूप से जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, यूरोपीय संघ आदि के आधार पर ऐसे कंपनियों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब माना जा रहा है व्यवसाय की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के लिए यह एक शानदार मौक़ा है।
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