आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की कथनी और करनी में कितना अंतर है। यह भाजपा नेता कपिल मिश्रा के एक ट्वीट से उजागर हो रहा है। आखिर किस कारण केजरीवाल मेडिकल स्टाफ को होनी वाली असुविधाओं के उजागर होने से डर रहे हैं? कोरोना से लड़ने में भी तुष्टिकरण कर रहे हैं। भारत में जमात के फैले कोरोना पीड़ित के जमात से रिश्ते को परदे में रखा जा रहा है, जबकि कई चैनल स्पष्ट रूप से बता रहे हैं।
वीडियो में देखिए डॉक्टरों की पीड़ा:-
दिल्ली भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के गुरु तेगबहादुर अस्पताल की ओर से कोरोना ड्यूटी में तैनात सभी मेडिकल स्टाफ को अपनी ड्यूटी में होने वाली असुविधाओं के बारे में मीडिया को बताने और सोशल मीडिया पर हाईलाईट करने से मना किया है। कपिल मिश्रा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ऐसा आदेश सरकार के झूठ की पोल खुलने के डर से जारी किया है।
कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा
कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है- “केजरीवाल सरकार का आर्डर- कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा। मीडिया को बताने पर भी प्रतिबंध। खाना, मास्क, एकोमोडेशन – कुछ भी न मिले, चुप रहो। ये आर्डर इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर सरकार के सारे झूठ की पोल खुल रही हैं।”
गुरु तेगबहादुर अस्पताल की ओर से जारी आदेश की कॉपी, जिसे कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है –
वहीं, कुछ लोगों ने कपिल मिश्रा के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि यह स्टाफ के मौलिक अधिकारों का हनन है।
इस ट्वीट के साथ कपिल मिश्रा ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी आदेश की कॉपी भी शेयर की है, जिसमें लिखा गया है कि ड्यूटी में आ रही किसी भी प्रकार की समस्या के लिए वह स्टाफ डिपार्टमेंट हेड के पास शिकायत भेज सकता है, लेकिन बिना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए सोशल मीडिया में समस्याओं को पब्लिक करना उचित नहीं है और मेडिकल स्टाफ को इससे बचना चाहिए।
अस्पताल की ओर से जारी इस आदेश की प्रति में यह भी पढ़ा जा सकता है कि अस्पताल के कर्मचारियों को देशसेवा का स्मरण करवाकर उन्हें समस्याओं को नजरअंदाज करने की राय दी गई है। हालाँकि, यह भी कहा गया है कि स्टाफ़ की वाज़िब समस्याओं पर अवश्य संज्ञान लिया जाएगा।
कपिल मिश्रा ने GTB अस्पताल द्वारा जारी किए गए इस आदेश को शेयर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उनके ही आदेश पर इस प्रकार का आदेश दिया गया है।
अवलोकन करें:-
सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार को लेकर यह चर्चा निरंतर जारी है कि इन्होने कोरोना वायरस से निपटने में धरातल पर काम करने के बजाए सोशल मिडिया पर अपनी तारीफ में कैम्पेन करने पर ज्यादा ध्यान दिया है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाली असुविधाओं पर बात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।
दूसरे यह कि मीडिया सरकार द्वारा शराब की दुकानें खोले जाने पर सोशल डिस्टन्सिंग की उड़ती धज्जियां तो दिनभर दिखाते रहते हैं, लेकिन पुरानी दिल्ली में चांदनी महल थाना क्षेत्र शब्बे रात से सील है। कारण स्पष्ट है, परन्तु लगभग 7 घंटे की दी जाने वाली ढील में बाज़ारों में सोशल डिस्टन्सिंग की किस तरह धज्जियाँ उड़ाई जा रहीं हैं, किसी मीडिया को दिखाने का साहस नहीं। पुलिस द्वारा सख्ती करने पर पुलिस पर ही कीजड़ फेंक Victim Card खेलना शुरू कर देंगे। यदि यही स्थिति नवरात्रों और अन्य पड़ने वाले अन्य हिन्दू त्यौहारों पर हिन्दू बहुल क्षेत्रों की होती, सुबह से शाम तक सब चीखते-चिल्लाते कि "कहीं ऐसी भीड़ में कोरोना विस्फोट न हो जाए? सरकार और पुलिस क्या कर रही है?" कहा जाए कि मीडिया भी तुष्टिकरण कर रही है। इतना ही नहीं, गलियों में वितरित होने राशन किट के दौरान भी उचित दूरी का ध्यान नहीं रखा जाता। पुरानी दिल्ली में गलियां कितनी चौड़ी हैं, किसी ने नहीं छुपा। ऊपर से एक तरफ जब स्कूटर खड़े होने पर कितनी जगह बचेगी, न राशन किट वितरित करने वालों को चिंता और न ही लेने वालों को। अगर दुर्भाग्य से कोरोना विस्फोट होने की स्थिति में सारा दोष पुलिस के सिर मढ़ कर सब अपना दामन बचाकर पुलिस को बलि का बकरा बना देंगे।
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की कथनी और करनी में कितना अंतर है। यह भाजपा नेता कपिल मिश्रा के एक ट्वीट से उजागर हो रहा है। आखिर किस कारण केजरीवाल मेडिकल स्टाफ को होनी वाली असुविधाओं के उजागर होने से डर रहे हैं? कोरोना से लड़ने में भी तुष्टिकरण कर रहे हैं। भारत में जमात के फैले कोरोना पीड़ित के जमात से रिश्ते को परदे में रखा जा रहा है, जबकि कई चैनल स्पष्ट रूप से बता रहे हैं।
वीडियो में देखिए डॉक्टरों की पीड़ा:-
कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा
कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है- “केजरीवाल सरकार का आर्डर- कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा। मीडिया को बताने पर भी प्रतिबंध। खाना, मास्क, एकोमोडेशन – कुछ भी न मिले, चुप रहो। ये आर्डर इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर सरकार के सारे झूठ की पोल खुल रही हैं।”
केजरीवाल सरकार का आर्डर -— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 23, 2020
कोई डॉक्टर , नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा
मीडिया को बताने पर भी प्रतिबंध
खाना , मास्क न, एकोमोडेशन - कुछ न मिले, चुप रहो
ये आर्डर इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर सरकार के सारे झूठ की पोल खुल रही हैं pic.twitter.com/qz5jOajmV1
गुरु तेगबहादुर अस्पताल की ओर से जारी आदेश की कॉपी, जिसे कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है –
वहीं, कुछ लोगों ने कपिल मिश्रा के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि यह स्टाफ के मौलिक अधिकारों का हनन है।
केजरीवाल सरकार का आर्डर -— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 23, 2020
कोई डॉक्टर , नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा
मीडिया को बताने पर भी प्रतिबंध
खाना , मास्क न, एकोमोडेशन - कुछ न मिले, चुप रहो
ये आर्डर इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर सरकार के सारे झूठ की पोल खुल रही हैं pic.twitter.com/qz5jOajmV1
इस ट्वीट के साथ कपिल मिश्रा ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी आदेश की कॉपी भी शेयर की है, जिसमें लिखा गया है कि ड्यूटी में आ रही किसी भी प्रकार की समस्या के लिए वह स्टाफ डिपार्टमेंट हेड के पास शिकायत भेज सकता है, लेकिन बिना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए सोशल मीडिया में समस्याओं को पब्लिक करना उचित नहीं है और मेडिकल स्टाफ को इससे बचना चाहिए।
अस्पताल की ओर से जारी इस आदेश की प्रति में यह भी पढ़ा जा सकता है कि अस्पताल के कर्मचारियों को देशसेवा का स्मरण करवाकर उन्हें समस्याओं को नजरअंदाज करने की राय दी गई है। हालाँकि, यह भी कहा गया है कि स्टाफ़ की वाज़िब समस्याओं पर अवश्य संज्ञान लिया जाएगा।
कपिल मिश्रा ने GTB अस्पताल द्वारा जारी किए गए इस आदेश को शेयर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उनके ही आदेश पर इस प्रकार का आदेश दिया गया है।
अवलोकन करें:-
सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार को लेकर यह चर्चा निरंतर जारी है कि इन्होने कोरोना वायरस से निपटने में धरातल पर काम करने के बजाए सोशल मिडिया पर अपनी तारीफ में कैम्पेन करने पर ज्यादा ध्यान दिया है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाली असुविधाओं पर बात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।
दूसरे यह कि मीडिया सरकार द्वारा शराब की दुकानें खोले जाने पर सोशल डिस्टन्सिंग की उड़ती धज्जियां तो दिनभर दिखाते रहते हैं, लेकिन पुरानी दिल्ली में चांदनी महल थाना क्षेत्र शब्बे रात से सील है। कारण स्पष्ट है, परन्तु लगभग 7 घंटे की दी जाने वाली ढील में बाज़ारों में सोशल डिस्टन्सिंग की किस तरह धज्जियाँ उड़ाई जा रहीं हैं, किसी मीडिया को दिखाने का साहस नहीं। पुलिस द्वारा सख्ती करने पर पुलिस पर ही कीजड़ फेंक Victim Card खेलना शुरू कर देंगे। यदि यही स्थिति नवरात्रों और अन्य पड़ने वाले अन्य हिन्दू त्यौहारों पर हिन्दू बहुल क्षेत्रों की होती, सुबह से शाम तक सब चीखते-चिल्लाते कि "कहीं ऐसी भीड़ में कोरोना विस्फोट न हो जाए? सरकार और पुलिस क्या कर रही है?" कहा जाए कि मीडिया भी तुष्टिकरण कर रही है। इतना ही नहीं, गलियों में वितरित होने राशन किट के दौरान भी उचित दूरी का ध्यान नहीं रखा जाता। पुरानी दिल्ली में गलियां कितनी चौड़ी हैं, किसी ने नहीं छुपा। ऊपर से एक तरफ जब स्कूटर खड़े होने पर कितनी जगह बचेगी, न राशन किट वितरित करने वालों को चिंता और न ही लेने वालों को। अगर दुर्भाग्य से कोरोना विस्फोट होने की स्थिति में सारा दोष पुलिस के सिर मढ़ कर सब अपना दामन बचाकर पुलिस को बलि का बकरा बना देंगे।
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