सोनिया गाँधी के खिलाफ FIR दर्ज : PM केयर्स फंड मामला

सोनिया गांधी के ये 5 सुझाव कोरोना से ...
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
पीएम-केयर फंड को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा फैलाई जा रही लगातार गलत जानकारियों के बाद कर्नाटक के शिमोगा में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दर्ज FIR में सोनिया गाँधी पर भ्रामक और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 505 के तहत ये एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में अपील की गई है कि सोनिया गाँधी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। दरअसल जिस सोशल मीडिया एकाउंट से पीएम केयर्स फंड को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे थे, उसमें कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी की पहचान हैंडलर के रूप में की गई है।
कथित तौर पर कांग्रेस पार्टी ने 11 मई को एक ट्वीट किया था, जिसमें पीएम केयर्स फंड के बारे में गलत जानकारी दी गई थी। दरअसल यह एफआईआर कर्नाटक में शिमोगा जिले के वकील प्रवीण द्वारा कराई गई है।
इससे पहले सोनिया गाँधी ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बनाए गए PM CARES यानी ‘प्राइम मिनिस्टर सिटीजन्स असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन’ कोष में जमा राशि को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में ट्रांसफर करने की माँग की थी, हालाँकि यह साफ नहीं हो सका है कि किस ट्वीट के खिलाफ सोनिया गाँधी पर यह FIR दर्ज की गई है।

कोरोनो वायरस जैसी महामारी के खिलाफ लड़ने को लेकर सार्वजनिक रूप से दान प्राप्त करने के लिए इस वर्ष 27 मार्च को पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट का गठन किया गया था। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इसके सदस्य के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।
PM केयर्स फंड से ही भारत सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 3100 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की थी। 3100 करोड़ रुपये में से, लगभग 2000 करोड़ रुपये की राशि वेंटिलेटर्स की खरीद के लिए, 1000 करोड़ रुपये का उपयोग प्रवासी मजदूरों की देखभाल के लिए 100 करोड़ रुपये वैक्सीन विकसित करने के लिए दिया जाएगा।
केंद्रीय सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक पीएम केयर्स फंड से लगभग 2000 करोड़ रुपए खर्च करके मेड-इन-इंडिया निर्मित 50000 वेंटिलेटर खरीदे जाएँगे। यह वेंटिलेटर सरकार द्वारा चलाए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में चलाए जा रहे कोरोना अस्पतालों में दिए जाएँगे, जिससे गंभीर कोरोनो मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके। यह कदम देश भर में कोरोना वायरस के मामलों से निपटने के लिए सहायक साबित होगा।
congress president Rahul Gandhi Sonia Gandhi Rajiv Gandhi Indira ...PM CARES ने एक हफ्ते में जुटाए ₹6500 करोड़, इसे PMNRF में ट्रांसफर किया जाए : सोनिया गाँधी 
कांग्रेस की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्थापित किए गए PM केयर्स के अंतर्गत अब तक जमा हुई संपूर्ण धनराशि को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) में ट्रांसफर करने के लिए प्रधानमंत्री से कहा है। सोनिया गाँधी के अनुसार बेहतर पारदर्शिता, जवाबदेही के लिए यह कदम उठाया जाना बेहद जरूरी है।
भले ही सोनिया गाँधी का यह बयान सामान्य लग रहा हो, लेकिन ऐसे समय में जब देश एक वैश्विक महामारी से निपटने की कोशिश कर रहा है, यह बयान राजनीति से प्रेरित है। इस संदर्भ में बताना जरूरी है कि PMNRF हमेशा एक प्रबंधन समिति की देखरेख में संचालित होता है, जो जमा हुई धनराशि का नियोजन प्रधानमंत्री के विवेकानुसार सुनिश्चित करती है। बता दें कि पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा PMNRF की स्थापना के समय से लेकर आज तक इसकी प्रबंध समिति में कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष भी हमेशा शामिल रहता है, जो कि वर्तमान में सोनिया गाँधी हैं।
यहाँ तक की 1985 में राजीव गाँधी कार्यकाल के दौरान इस कोष की मैनेजिंग कमेटी ने कोष के प्रबंधन से संबंधित सभी अधिकार प्रधानमंत्री को सौंप दिए। प्रधानमंत्री को अधिकार मिल गया कि वह अपने प्रतिनिधि के रूप में किसी को ‘कोष का सचिव’ नियुक्त कर सकते हैं जिसके पास अन्य बातों के अलावा इस कोष के बैंक अकाउंट संचालित करने का भी अधिकार था।
वुहान कोरोना वायरस के इस संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने PM CARES फंड लॉन्च किया है, जिसमें सहयोग करने के लिए उन्होंने पूरे देश का आव्हान किया है। यह एक आपातकालीन कोष है जिसका उपयोग कोरोना वायरस से निपटने के लिए किया जाएगा। PM CARES यानी ‘प्राइम मिनिस्टर सिटीजन्स असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन’ कोष की स्थापना पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में की गई है। प्रधानमंत्री जहाँ इस ट्रस्ट के चेयरमैन हैं, वहीं देश के रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री तथा गृह मंत्री इस ट्रस्ट के सदस्य हैं।
जैसे ही यह कोष लॉन्च हुआ, देश के हर ख़ास-ओ-आम से इसे अपार सहयोग मिलना प्रारम्भ हो गया। जिसमें आम जनता से लेकर उद्योगपतियों, फिल्म स्टार्स आदि ने अपना अपना अंशदान करना शुरू कर दिया। यहाँ ये सवाल लगातार पूछा जा रहा कि आखिर PM CARES फंड नामक नए फंड की जरूरत क्या थी जब कि PMNRF मौजूद था ही?
यह दिलचस्प है कि सोनिया गाँधी पीएम केयर्स में अब तक जमा हुई धनराशि 6500 करोड़ को PMNRF में ट्रांसफर करने की माँग करेंगी, जबकि पीएम केयर्स सिर्फ कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्थापित किया गया है और PMNRF हर एक आपदा से निपटने के लिए बनाया गया है।

शायद ऐसा इसलिए है, क्योंकि PMNRF सीधे प्रधानमंत्री के नियंत्रण में है और सोनिया गाँधी को उम्मीद है कि भविष्य में एक दिन देश का प्रधानमंत्री गाँधी परिवार से ही होगा। इस तरह यह धनराशि प्रधानमंत्री के नियंत्रण में होगी। यह कहना गलत नहीं होगा कि पीएम केयर्स PMNRF की तुलना में कहीं अधिक उचित और पारदर्शी है।
PM CARES, PMNRF की तुलना में कहीं ज्यादा पारदर्शी और सक्षम है हालाँकि, PMNRF भी समय-समय पर नागरिकों की मदद के लिए आगे आता रहा है। यहाँ यह भी बताते चलें कि PM CARES में 13 विशेषज्ञों को भी शामिल करने का प्रावधान है जो अपनी सेवाएँ देश के लिए निःशुल्क प्रदान करेंगे। इसमें सलाहकारी बोर्ड के तौर पर भी 10 व्यक्तियों को शामिल करने की व्यवस्था है, जिन्हें ट्रस्टीज द्वारा डॉक्टरों, स्वास्थ्य सेवा प्रोफेशनलों, अकादमिक जगत के लोगों, अर्थशास्त्रियों और वकीलों में से चुना जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारी ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि “PMNRF के विपरीत, पीएम केयर्स में ट्रस्टियों की जिम्मेदारी परिभाषित की गई है। PMNRF में सलाहकार बोर्ड का कोई प्रावधान नहीं है। इसमें ट्रस्ट के सदस्यों के रूप में प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष और टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधि और फिक्की का चुना गया उद्योग प्रतिनिधि हैं।”
बीजेपी के एक सीनियर नेता ने PM CARES पर कांग्रेस के विरोध को खुद के स्वार्थों से प्रेरित बताते हुए कहा कि वे सिर्फ इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि PM CARES में PMNRF की भाँति कांग्रेस अध्यक्ष को जगह नहीं दी गई है। बीजेपी नेता ने आगे कहा, ”इस फंड में बीजेपी से भी कोई नहीं है- ट्रस्ट में जो भी लोग हैं वो सरकार में अपनी पोजीशन की वजह से हैं।” 
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य अब शायद देश में कानून बन चुके हैं। शायद ही उनकी किसी बात को मानने से देशवासी .....
उन्होंने आगे कहा कि पीएम केयर्स का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल या किसी अन्य प्रकार की आपातकालीन आपदा जैसे कि संकट में राहत या सहायता और मानव निर्मित या प्राकृतिक आपदाओं के बीच स्वास्थ्य एवं दवा जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।

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