आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जब तक विकास दुबे की गिरफ़्तारी नहीं हुई थी, कांग्रेस उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर संरक्षण देने की बात कर रही थी, लेकिन मध्य प्रदेश में हुई गिरफ़्तारी से तेवर बदल गए और जाति ढूंढ भाजपा मुख्यमंत्री पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगाने में देरी नहीं की। कांग्रेस शायद यह भूल रही कि योगी स्वयं एक योगी है और एक योगी ब्राह्मण विरोधी कैसे हो सकता है? दूसरे, यह कि विकास ब्राह्मण होकर शातिर क्यों बना?
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला मोस्टवॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे को आखिरकार मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया है। आज बृहस्पतिवार (जुलाई 09, 2020) सुबह ही ख़बरों के मुताबिक़ वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन करने के लिए भीतर दाख़िल हो रहा था तभी उसे मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने पहचाना। जिसके बाद उसने इस मामले की सूचना पुलिस को दी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस समय मध्य प्रदेश पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे से अज्ञात जगह पर पूछताछ कर रही है। अदालत से रिमांड मिलने के बाद उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
गिरफ्तारी के दौरान पूरे घटनाक्रम के तमाम वीडियो सामने आए। एएनआई द्वारा साझा किए गए इस वीडियो में कुछ बातें मोटे तौर पर समझ आती हैं। गिरफ्तारी के ठीक बाद उसने अपनी पहचान बताई। इस घटना का एक वीडियो है, जिसमें पुलिस उसे पकड़ कर ले जा रही है। तभी वह चिल्ला कर कहता है, “मैं विकास दुबे हूँ, कानपुर वाला।” ऐसा कहने के ठीक बाद पीछे खड़े पुलिसकर्मी ने उसे एक थप्पड़ भी मारा और शांत रहने के लिए कहा।
पत्रकार बृजेश मिश्रा के वीडियो में इस गिरफ्तारी के घटनाक्रम का शुरुआती हिस्सा नज़र आता है। जिसमें महाकाल मंदिर के कई सुरक्षाकर्मी और पुलिस वाले विकास दुबे को पकड़ कर बाहर ले आ रहे हैं। इस वीडियो में विकास दुबे स्पष्ट तौर पर अकड़ कर चलता हुआ नज़र आ रहा है। इस वीडियो में पुलिसकर्मी उससे कुछ दूरी पर मौजूद हैं।
घटनाक्रम के और भी कई वीडियो फेसबुक से लेकर ट्वीटर जैसे तमाम सोशल मीडिया मंच पर वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो के माध्यम से एक बात साफ़ होती है और कई सवाल उठते हैं।
कांग्रेस गिरफ़्तारी का राजनीतिकरण क्यों कर रही है?
कांग्रेस के साथ कुछ अन्य राजनीतिक दल भी गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी को जातिवादी रंग में ढालकर आठ पुलिसकर्मियों की मौत पर भी राजनीतिक लाभ लेने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने इस पर ट्वीट में लिखा है कि जिस तरह से योगी सरकार विकास दुबे के प्रकरण को लेकर चल रही है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार असली कहानी उजागर नहीं करना चाहती।
जितिन प्रसाद ने एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे के परिजनों की गिरफ्तारी का राजनीतिकरण करते हुए लिखा है कि दुबे गैंग के सदस्य के असहाय माता-पिता एवं 9 दिन पहले शादी हुई खुशी दुबे (अमर की विधवा) के उत्पीड़न से क्या होने वाला है?
जितिन प्रसाद ने ट्वीट किया है – “प्रभाकर मिश्रा जो हिरासत में था, उसकी मुठभेड़ दिखाकर एनकाउन्टर करना इस बात को दर्शाता है सरकार असली कहानी को छिपाने में लगी है ताकि बड़े चेहरे बेनकाब न हो जाए।” गौरतलब है कि विकास दुबे का सहयोगी अमर दुबे कल ही एनकाउंटर में मारा गया था और उसकी नौ दिन पहले ही शादी हुई थी।
इतना ही नहीं, जैसे ही विकास दुबे को पकड़ने के लिए UP पुलिस अभियान में जुटी, कांग्रेस के वॉट्सऐप ग्रुपों में योगी सरकार को ब्राह्मण-विरोधी बताने के लिए इसे आधार बनाया जा रहा था। जितिन प्रसाद ने तो यहाँ तक कह डाला था कि योगी सरकार के रहते हुए ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़े हैं।
इसी बीच विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर मीडिया कई तरह के संदेह जता रही है। कुछ लोगों का मानना है कि विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया बल्कि विकास दुबे ने आत्मसमर्पण किया है। ऐसे में गैंगस्टर विकास दुबे की माँ का बयान आया है कि सरकार को जो उचित लगे उन्हें वही करना चाहिए।
एक वीडियो में गैंगस्टर विकास दुबे की माँ कहते सुनाई दे रही हैं – “इस टाइम तो वो सपा में है, भाजपा में है नहीं… सरकार को जो उचित लगे कार्रवाई करे।”
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कहा, “मैं एमपी पुलिस को विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए बधाई देता हूँ। मैं लगातार उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के संपर्क में हूँ और यूपी के सीएम आदित्यनाथ से भी बात की है। आगे की जाँच के लिए, उसे यूपी पुलिस को सौंप दिया जाएगा। दोनों राज्यों की पुलिस समन्वय में काम करेंगी।”
वहीं, विकास दुबे के परिवार के करीबियों का कहना है कि गैंगस्टर विकास दुबे नास्तिक था और वह मंदिर में सिर्फ सिर्फ इस कारण से छुपा था ताकि पुलिस मंदिर में गोली ना चलाए और वह ज़िंदा बच सके।
विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर मीडिया के एक वर्ग का अभी तक मानना है कि पुलिस की कार्रवाई उनकी समझ से परे है। मीडिया का यह वर्ग यकीन ही नहीं कर पा रहा है कि विकास दुबे पकड़ लिया गया है। मीडिया का यह वर्ग अभी तक यह समझने की कोशिश कर रहा है कि आखिर विकास दुबे की गिरफ्तारी में वो कौन सा कोण अपने लायक तलाश सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पकड़ने गई टीम के 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में वांछित अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले उसका बिकरु गाँव स्थित मकान ढहा दिया गया था। इसके साथ ही विकास के मकान में खड़े ट्रैक्टर सहित 60 लाख की कीमत वाली दो एसयूवी गाड़ियाँ भी तोड़ दी थीं।
एक बात साफ़ है कि जिस तरह का अपराध उसने किया है, उसे लेकर उसके ज़हन में कोई मलाल नहीं है। दूसरा क्या यह आत्मसमर्पण था? एक दिन पहले तक विकास दुबे की असल लोकेशन फ़रीदाबाद थी, ख़बर राजस्थान जाने की भी थी? पुलिस हाई एलर्ट पर थी, ऐसे में विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन तक कैसे पहुँचा?
जब तक विकास दुबे की गिरफ़्तारी नहीं हुई थी, कांग्रेस उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर संरक्षण देने की बात कर रही थी, लेकिन मध्य प्रदेश में हुई गिरफ़्तारी से तेवर बदल गए और जाति ढूंढ भाजपा मुख्यमंत्री पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगाने में देरी नहीं की। कांग्रेस शायद यह भूल रही कि योगी स्वयं एक योगी है और एक योगी ब्राह्मण विरोधी कैसे हो सकता है? दूसरे, यह कि विकास ब्राह्मण होकर शातिर क्यों बना?
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला मोस्टवॉन्टेड गैंगस्टर विकास दुबे को आखिरकार मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया है। आज बृहस्पतिवार (जुलाई 09, 2020) सुबह ही ख़बरों के मुताबिक़ वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन करने के लिए भीतर दाख़िल हो रहा था तभी उसे मंदिर के एक सुरक्षाकर्मी ने पहचाना। जिसके बाद उसने इस मामले की सूचना पुलिस को दी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस समय मध्य प्रदेश पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे से अज्ञात जगह पर पूछताछ कर रही है। अदालत से रिमांड मिलने के बाद उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
गिरफ्तारी के दौरान पूरे घटनाक्रम के तमाम वीडियो सामने आए। एएनआई द्वारा साझा किए गए इस वीडियो में कुछ बातें मोटे तौर पर समझ आती हैं। गिरफ्तारी के ठीक बाद उसने अपनी पहचान बताई। इस घटना का एक वीडियो है, जिसमें पुलिस उसे पकड़ कर ले जा रही है। तभी वह चिल्ला कर कहता है, “मैं विकास दुबे हूँ, कानपुर वाला।” ऐसा कहने के ठीक बाद पीछे खड़े पुलिसकर्मी ने उसे एक थप्पड़ भी मारा और शांत रहने के लिए कहा।
Vikas Dubey was going to Ujjain Mahakal temple when he was identified by security personnel. Police were informed, he confessed his identity after being pushed for it. He has been apprehended by police & interrogation is underway: Ashish Singh, Ujjain Collector #MadhyaPradesh https://t.co/tBNHn3pwuw— ANI (@ANI) July 9, 2020
Vikas Dubey was going to Ujjain Mahakal temple when he was identified by security personnel. Police were informed, he confessed his identity after being pushed for it. He has been apprehended by police & interrogation is underway: Ashish Singh, Ujjain Collector #MadhyaPradesh https://t.co/tBNHn3pwuw— ANI (@ANI) July 9, 2020
महाकाल के दर्शन के पश्चात विकास दुबे ने वहां मौजूद निजी सुरक्षाकर्मियों को बताया कि "मेरा नाम विकास दुबे है आप कृपया उज्जैन पुलिस को सूचना कर दें, मैं महाकाल की शरण में सरेंडर करने आया हूं" उज्जैन पुलिस मंदिर प्रांगण के बाहर से विकास को कस्टडी में ले गई.@bstvlive— Brajesh Misra (@brajeshlive) July 9, 2020
MAHAKAL #VikashDubey surrender pic.twitter.com/WvpLSllPCx— Brajesh Misra (@brajeshlive) July 9, 2020
#VikashDubey police custody pic.twitter.com/W8nmxAYWyF— Brajesh Misra (@brajeshlive) July 9, 2020
— Brajesh Misra (@brajeshlive) July 9, 2020
चक्रेश जी क्रांतिकारी ट्वीट क्यों डिलीट हो गया ?? @chakreshm pic.twitter.com/HMsZZKv0Rq— Gaurav Singh Sengar (@sengarlive) July 9, 2020
पत्रकार बृजेश मिश्रा के वीडियो में इस गिरफ्तारी के घटनाक्रम का शुरुआती हिस्सा नज़र आता है। जिसमें महाकाल मंदिर के कई सुरक्षाकर्मी और पुलिस वाले विकास दुबे को पकड़ कर बाहर ले आ रहे हैं। इस वीडियो में विकास दुबे स्पष्ट तौर पर अकड़ कर चलता हुआ नज़र आ रहा है। इस वीडियो में पुलिसकर्मी उससे कुछ दूरी पर मौजूद हैं।
घटनाक्रम के और भी कई वीडियो फेसबुक से लेकर ट्वीटर जैसे तमाम सोशल मीडिया मंच पर वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो के माध्यम से एक बात साफ़ होती है और कई सवाल उठते हैं।
कांग्रेस गिरफ़्तारी का राजनीतिकरण क्यों कर रही है?
कांग्रेस के साथ कुछ अन्य राजनीतिक दल भी गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी को जातिवादी रंग में ढालकर आठ पुलिसकर्मियों की मौत पर भी राजनीतिक लाभ लेने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने इस पर ट्वीट में लिखा है कि जिस तरह से योगी सरकार विकास दुबे के प्रकरण को लेकर चल रही है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार असली कहानी उजागर नहीं करना चाहती।
जितिन प्रसाद ने एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे के परिजनों की गिरफ्तारी का राजनीतिकरण करते हुए लिखा है कि दुबे गैंग के सदस्य के असहाय माता-पिता एवं 9 दिन पहले शादी हुई खुशी दुबे (अमर की विधवा) के उत्पीड़न से क्या होने वाला है?
जितिन प्रसाद ने ट्वीट किया है – “प्रभाकर मिश्रा जो हिरासत में था, उसकी मुठभेड़ दिखाकर एनकाउन्टर करना इस बात को दर्शाता है सरकार असली कहानी को छिपाने में लगी है ताकि बड़े चेहरे बेनकाब न हो जाए।” गौरतलब है कि विकास दुबे का सहयोगी अमर दुबे कल ही एनकाउंटर में मारा गया था और उसकी नौ दिन पहले ही शादी हुई थी।
इतना ही नहीं, जैसे ही विकास दुबे को पकड़ने के लिए UP पुलिस अभियान में जुटी, कांग्रेस के वॉट्सऐप ग्रुपों में योगी सरकार को ब्राह्मण-विरोधी बताने के लिए इसे आधार बनाया जा रहा था। जितिन प्रसाद ने तो यहाँ तक कह डाला था कि योगी सरकार के रहते हुए ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़े हैं।
इसी बीच विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर मीडिया कई तरह के संदेह जता रही है। कुछ लोगों का मानना है कि विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया बल्कि विकास दुबे ने आत्मसमर्पण किया है। ऐसे में गैंगस्टर विकास दुबे की माँ का बयान आया है कि सरकार को जो उचित लगे उन्हें वही करना चाहिए।
एक वीडियो में गैंगस्टर विकास दुबे की माँ कहते सुनाई दे रही हैं – “इस टाइम तो वो सपा में है, भाजपा में है नहीं… सरकार को जो उचित लगे कार्रवाई करे।”
विकास दुबे की मां कह रही हैं कि 'इस टाइम तो वो सपा में है, भाजपा में है नहीं... सरकार को जो उचित लगे कार्रवाई करे'।— Sushant Sinha (@SushantBSinha) July 9, 2020
कुछ दिन पहले मैंने विकास दुबे के 'समाजवादी विकास' की बात की थी तो सपाई भर भरकर मुझे गाली देने आए थे, अब माताजी को भी गाली देंगे क्या?
pic.twitter.com/c2I5f17fd2
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कहा, “मैं एमपी पुलिस को विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए बधाई देता हूँ। मैं लगातार उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के संपर्क में हूँ और यूपी के सीएम आदित्यनाथ से भी बात की है। आगे की जाँच के लिए, उसे यूपी पुलिस को सौंप दिया जाएगा। दोनों राज्यों की पुलिस समन्वय में काम करेंगी।”
वहीं, विकास दुबे के परिवार के करीबियों का कहना है कि गैंगस्टर विकास दुबे नास्तिक था और वह मंदिर में सिर्फ सिर्फ इस कारण से छुपा था ताकि पुलिस मंदिर में गोली ना चलाए और वह ज़िंदा बच सके।
जिस तरह से योगी सरकार विकास दुबे के प्रकरण को लेकर चल रही है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार असली कहानी उजागर नहीं करना चाहती।सरकार को विकास दुबे को गिरफ्तार करना चाहिये ताकि 8 शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारों को सही न्याय मिले एवं उन शहीद पुलिस कर्मियों का वलिदान व्यर्थ न जाये। https://t.co/VO1Qc6c2MV— Jitin Prasada जितिन प्रसाद (@JitinPrasada) July 9, 2020
आप से निवेदन है कि ब्राह्मणों कोसंघठित कर उनकी आवाज़ बुलंद करे नही तो ये दमन चलता रहेगा ,हम आपके साथ है एक ब्राह्मण होने के नाते ये मेरा भी फ़र्ज़ है, उत्तरप्रदेश में कई रिश्ते दार है हमारे सब आपके साथ होंगे,आगरा फिरोजाबाद मुजफ्फरनगर मेरठ— ravi gaur ◇🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ravianand_gaur) July 9, 2020
केवल आप है जो सच बोलने की हिम्मत रखते है क्यो नही एक ब्राह्मण पार्टी बना देते— जै बजरंग बली (@jaibharatbhum) July 9, 2020
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष का भी कहना है कि पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारे जाने के डर से विकास दुबे आत्मसमर्पण करना चाहता था। पुजारी के अनुसार मंदिर परिसर पहुँचने के बाद विकास दुबे अपने बारे में बताने लगा था।पूरे देश के कुल अवैध हथियारों के मामले में 56% मामले यूपी में दर्ज हैं।— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 8, 2020
2016-2018 के मध्य यूपी में साइबर अपराधों के मामले में 138% की वृद्धि हुई।
यूपी सरकार इन आंकड़ों को संज्ञान में लेकर एक्शन लेने की बजाय इनकी बाजीगरी करने का काम कर रही है। अपराध कम कैसे होगा? pic.twitter.com/LZeHlqcFIw
विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर मीडिया के एक वर्ग का अभी तक मानना है कि पुलिस की कार्रवाई उनकी समझ से परे है। मीडिया का यह वर्ग यकीन ही नहीं कर पा रहा है कि विकास दुबे पकड़ लिया गया है। मीडिया का यह वर्ग अभी तक यह समझने की कोशिश कर रहा है कि आखिर विकास दुबे की गिरफ्तारी में वो कौन सा कोण अपने लायक तलाश सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पकड़ने गई टीम के 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में वांछित अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले उसका बिकरु गाँव स्थित मकान ढहा दिया गया था। इसके साथ ही विकास के मकान में खड़े ट्रैक्टर सहित 60 लाख की कीमत वाली दो एसयूवी गाड़ियाँ भी तोड़ दी थीं।
एक बात साफ़ है कि जिस तरह का अपराध उसने किया है, उसे लेकर उसके ज़हन में कोई मलाल नहीं है। दूसरा क्या यह आत्मसमर्पण था? एक दिन पहले तक विकास दुबे की असल लोकेशन फ़रीदाबाद थी, ख़बर राजस्थान जाने की भी थी? पुलिस हाई एलर्ट पर थी, ऐसे में विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन तक कैसे पहुँचा?
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