उज्जैन से मिली मनोज यादव की कार, सपा से क्या है सम्बन्ध ? : विकास दुबे की गिरफ्तारी

विकास दुबे
कानपुर शूटआउट के बाद से ही मुख्य आरोपित विकास दुबे, जिसका आज(10 जुलाई 2020) की सुबह एनकाउंटर में जीवनलीला को विराम लग गया, के सपा-बसपा नेताओं के साथ संबंध को लेकर तथ्य सामने आते रहे हैं। उसकी पत्नी सपा से पंचायत चुनाव भी लड़ चुकी है। अब उज्जैन में यूपी रजिस्ट्रेशन वाली एक कार मिलने के बाद से फिर से सपा से उसके संबंधों को लेकर सोशल मीडिया में दावे किए जा रहे हैं।
उज्जैन से ही जुलाई 9, 2020 विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद यहॉं एक कार मिली है। यह कार हाई कोर्ट के वकील मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड है।
दावा किया जा रहा है कि इसी कार से विकास दुबे उज्जैन पहुॅंचा था। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि मनोज यादव सपा से जुड़ा हुआ है।



अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक पड़ताल में अभी तक मालूम चला है कि यह कार मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड है। नंबर प्लेट पर हाईकोर्ट लिखा हुआ है।



सोशल मीडिया पर मनोज यादव को समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। हालाँकि इन दावों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मनोज यादव ने भी विकास के साथ किसी तरह के संबंधों को नकार दिया है।
दूसरी ओर, विकास दुबे की माँ ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि विकास सपा से जुड़ा हुआ है। अब पुलिस सभी पहलुओं पर गहराई से जाँच कर रही है।
मनोज यादव भी उज्जैन में ही था। दैनिक जागरण ने उसके हवाले से बताया है कि वह अपने साथी अधिवक्ता तेज बहादुर के साथ 2 जुलाई को लखनऊ से निकला था। बुधवार को उज्जैन पहुँचा और यहॉं एक होटल में ठहरा था। यूपी नंबर की गाड़ी देख पुलिस उसे पूछताछ करने के लिए थाने ले गई थी। उसने अपना नाम घसीटने और गाड़ी की तस्वीर वायरल करने वालों पर केस करने बात भी कही है।
लखनऊ में मनोज यादव की पत्नी से पूछताछ किए जाने की बात भी सामने आ रही है। उसकी पत्नी ने विकास दुबे के साथ परिवार के लोगों का संबंध होने से इनकार करते हुए कहा कि उसके पति काम के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं।
विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद से उससे पूछताछ में उसने पुष्टि की है कि चौबेपुर थाने में कई पुलिस वाले उसकी मदद कर रहे थे।   
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार बीती 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरु गाँव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का आरोपित .....
उसने बताया है कि उन लोगों ने एनकाउंटर के डर से फायरिंग की थी। फायरिंग के बाद उनका इरादा पुलिसकर्मियों के शव को जलाकर सबूत मिटाने का था। विकास दुबे का कहना है कि उन्हें खबर मिली थी कि पुलिस सुबह आएगी। मगर, पुलिस सुबह की जगह रात में ही रेड करने आ गई।

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