दिल्ली : आप ने उत्तराखंड की इष्ट देवी नंदा देवी की तुलना कूड़े के ढेर से

अरविन्द केजरीवाल की पार्टी ने उत्तराखंड की
इष्ट देवी का किया अपमान
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
आम आदमी पार्टी कितनी हिन्दू विरोधी हो सकती है, दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के अलावा इसके गरीब, मजलूम शांतिदूतों द्वारा राजौरी गार्डन, विकासपुरी और लाल कुआँ में हुए हिन्दुओं पर हमलों पर ख़ामोशी साध दंगाइयों को संरक्षण दिया जाता रहा है। 
अरविन्द केजरीवाल माफ़ी मांगो 
अरविन्द केजरीवाल जो चुनावों में हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, लेकिन यह नहीं जानते की हनुमान राक्षसों और धर्म का अपमान करने वालों के घोर विरोधी थे। लेकिन चुनाव उपरांत उनकी हरकतों से उनके हिन्दू होने पर ही संदेह होने लगता है।
जिस तरह आप के अधिकारित ट्वीट से गाज़ीपुर के कूड़े के ढेर की भारत के सबसे ऊँचे पहाड़ों से करने पर भी बेशर्मों की तरह चुप्पी साधे होने का क्या अर्थ निकाला जाए। क्या केजरीवाल सहित पार्टी में जितने भी हिन्दू हैं उन सबको राष्ट्र से माफ़ी मांगनी चाहिए। क्या इन आपी हिन्दुओं को नहीं मालूम की हमारे हिन्दुओं के अधिकतर तीर्थ जैसे : वैष्णो देवी, भैरों, शिव खोडी, अमरनाथ, माँ नन्दा देवी आदि पहाड़ों पर ही हैं। क्या गाज़ीपुर कूड़े का ढेर इन पहाड़ों से ऊँचा है? यदि नहीं, फिर किस आधार पर अधिकृत ट्विटर पर इसे भारत का सबसे ऊँचा पहाड़ बताया? क्या लोकप्रियता या चर्चा में रहने का कोई और अन्य तरीका नहीं था, जो हिन्दू तीर्थों का अपमान कर किया जा रहा है? अगर अरविन्द केजरीवाल में लेशमात्र भी शर्म है, तो तुरंत माफ़ी मांगे। 
मोदी विरोध करने में कांग्रेस और वामपंथी तो बेनकाब हो गयी है, अगला नंबर केजरीवाल पार्टी का है, जो आगामी नगर निगम चुनाव के कारण हिन्दू विरोधी प्रचार कर मुस्लिम वोट बैंक को खुश कर रहे हैं। 
दिल्ली को संयुक्त राष्ट्र भी ‘पॉल्यूशन कैपिटल’ के रूप में देखता है लेकिन अरविन्द केजरीवाल की सरकार इस छवि को बदलने की बजाए आरोप-प्रत्यारोप में लगी हुई है, भले ही इससे देश की बदनामी ही क्यों न हो। ईस्ट दिल्ली के गाजीपुर में भारत का सबसे बड़ा कूड़ा-करकट का पहाड़ है, देश का सबसे बड़ा कचरे का ढेर। केजरीवाल की पार्टी ने इसकी तुलना उन पवित्र पर्वतों से की है, जिसकी लोग पूजा करते हैं। इसी क्रम में AAP ने गाजीपुर के कचरे के ढेर की तुलना उत्तराखंड की नंदा देवी से कर दी, जो राज्य की इष्ट देवी भी हैं।
आगे बढ़ने से पहले उस कचरे के पहाड़ के बारे में बता दें कि वो 40 फुटबॉल पिच से भी अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है। आवारा कुत्ते और गाय वहाँ घुमते रहते हैं। जानवर बीमार पड़ते हैं। 1 साल पहले ही इसकी ऊँचाई 213 फ़ीट थी। ऊँचाई में ये इस्लामी आक्रांताओं द्वारा बनाए गए ताजमहल और कुतुब मीनार को टक्कर दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट तो यहाँ तक कह चुका है कि कुछ दिनों बाद वहाँ से गुजरने वाले हवाई जहाजों के लिए अलर्ट जारी करना पड़ेगा।
आते हैं आम आदमी पार्टी (AAP) की करतूत पर, जिसने गाजीपुर के उस कुड़े के पहाड़ की तुलना तीन पवित्र पर्वतों से की। उसने लिखा कि सिक्किम में कंचनजंघा सबसे बड़ा पर्वत है। इसके बाद उसने तस्वीरें डालते हुए लिखा कि इसी तरह उत्तराखंड में नंदा देवी और कामेट पर्वत शहर सबसे ऊँचा है। लेकिन इन तीनों के साथ ही उसने गाजीपुर के कचरे के पहाड़ की तस्वीर भी डाल दी और लिखा कि इसे भाजपा के एमसीडी ने बनाया है।
आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ऐसा किया। इसके बाद सोशल मीडिया में आलोचना का दौर शुरू हो गया। बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने जिन पर्वतों का जिक्र किया, वो न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए पवित्र हैं बल्कि पूरा देश उन पर गर्व करता है और उन्हें पूजता है। भारत में हिमालय को भी देवता माना गया है, जिसके घर माँ पार्वती का जन्म हुआ था। ऐसे में AAP का ये मजाक लोगों को नागवार गुजरा। उत्तराखंड में तो नंदा देवी का विशेष महत्व है।

भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी नेहा जोशी ने कहा कि AAP और अरविन्द केजरीवाल ने हमेशा उत्तराखंड और यहाँ के निवासियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि नंदा देवी उत्तराखंड की इष्ट देवी हैं और उनके अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने केजरीवाल से इस मामले में माफ़ी माँगने को कहा। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे सीएम केजरीवाल ने बाटला हाउस एनकाउंटर में बलिदान हुए मोहन चंद्र शर्मा के शौर्य पर सवाल उठाया था।
नेहा जोशी ने आरोप लगाया कि सस्ती लोकप्रियता के लिए केजरीवाल और उनकी पार्टी ने जो दुस्साहस किया है, उन्हें उस हर एक व्यक्ति से माफ़ी माँगनी चाहिए, जो माँ नंदा की उपासना करते हैं। वहीं उत्तराखंड के एक अन्य ट्विटर हैंडल ‘सनातन टाइम्स’ ने पूछा कि जिन माँ नंदा देवी की हम पूजा करते हैं, उनका अपमान करना कहाँ तक उचित है? उसने AAP को सलाह दी कि वो देवभूमि को अपनी गन्दी राजनीति से दूर रखे।

नंदा देवी का अर्थ है वो देवी, जो आनंद प्रदान करती हैं। 1983 में ही नंदा देवी और इसके चारों तरफ की पहाड़ियों को पर्वतारोहण के लिए बंद कर दिया था, क्योंकि स्थानीय लोगों के लिए इसका बड़ा ही धार्मिक महत्व है। नंदा देवी नेशनल पार्क तो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में आता है। इसे उत्तराखंड में सुनंदा देवी के नाम से भी पुकारते हैं। पूरे उत्तराखंड के लोग नंदा देवी को अपना इष्ट मानते हैं।

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