कोरोना वायरस महामारी ने 9 अगस्त, 2020 को 1,404 नए मामलों और 16 मरीजों की मौत के साथ देश की राजधानी दिल्ली में कहर बरपाया है। इस तरह दिल्ली में कुल संक्रमितों की संख्या 1,44,127 हो गई है। दिल्ली में इस वक्त कोरोना वायरस के 10,688 ऐक्टिव केस हैं। वहीं अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 4,098 हो गई है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा कोरोना वायरस को नियंत्रित करने प्रयास शुरू किए जाने से पहले चीन के वुहान शहर से फैले इस वायरस ने दिल्ली को काफी प्रभावित किया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 10 जून को दावा किया था कि सक्रिय मामलों की संख्या 12 से 15 दिनों में 30,000 तक बढ़ जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सूचित किया था कि महीने के अंत तक 15000 बिस्तरों की अतिरिक्त आवश्यकता होगी।
इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली में मोर्चा सँभाला। दिल्ली में जुलाई की शुरूआत से ही कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों में काफी गिरावट देखी गई थी। कथित तौर पर, 18 जून से RT-PCR और रैपिड एंटीजेन टेट्स में उछाल आया है। 24 जून से 2 जुलाई के बीच, सक्रिय मामलों में 23.8% से 11.39% की कमी आई है। 27 जून से 3 जुलाई के बीच नए मामलों की संख्या 3000 के आँकड़े को पार नहीं कर पाई।
हालाँकि इस वक़्त दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या फिर से बढ़ रही है तो वहीं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जिम्मेदारी लेने के बजाय बाहरी लोगों पर इसका दोष मढ़ना शुरू कर दिया। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि का कारण दिल्ली के बाहर के लोग हैं। जो कोरोना वायरस का टेस्ट दिल्ली में करा रहे हैं।
सत्येंद्र जैन ने दो-टूक कहा, “कुछ रिपोर्ट्स हैं कि दिल्ली में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। इसकी वजह ये है कि दिल्ली से बाहर के बहुत सारे लोग यहाँ आकर टेस्ट करा रहे हैं। इसके चलते यहाँ पर पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ रही है। नहीं तो, दिल्ली में कोविड-19 मामलों का ट्रेंड घट रहा है।”
इससे पहले भी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया था कि दिल्ली के मूल निवासियों को अस्पतालों में और अधिक बेडों की आवश्यकता है। उनके इस निर्णय के पीछे दूसरे राज्यों से आए दिल्ली में रहने वालों को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताओं और दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करना भी था।
अपने इस अजीबोगरीब निर्णय के पीछे उनका तर्क था, “जैसा कि हमने पता लगाया पड़ोसी राज्यों में कोरोना के बहुत कम मामले हैं, इसलिए उन राज्यों को इस निर्णय से समस्या नहीं होनी चाहिए।” कहीं न कहीं ऐसा करके दिल्ली की कोरोना से चरमराई हालत का जिम्मा केंद्र सरकार पर मढ़ना था और इसके लिए सत्येन्द्र जैन ने केंद्र पर यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली में इस स्थिति की जिम्मेदार केंद्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को समय पर न बंद किया जाना भी है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा कोरोना वायरस को नियंत्रित करने प्रयास शुरू किए जाने से पहले चीन के वुहान शहर से फैले इस वायरस ने दिल्ली को काफी प्रभावित किया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 10 जून को दावा किया था कि सक्रिय मामलों की संख्या 12 से 15 दिनों में 30,000 तक बढ़ जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सूचित किया था कि महीने के अंत तक 15000 बिस्तरों की अतिरिक्त आवश्यकता होगी।
इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली में मोर्चा सँभाला। दिल्ली में जुलाई की शुरूआत से ही कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों में काफी गिरावट देखी गई थी। कथित तौर पर, 18 जून से RT-PCR और रैपिड एंटीजेन टेट्स में उछाल आया है। 24 जून से 2 जुलाई के बीच, सक्रिय मामलों में 23.8% से 11.39% की कमी आई है। 27 जून से 3 जुलाई के बीच नए मामलों की संख्या 3000 के आँकड़े को पार नहीं कर पाई।
There are reports that #COVID19 cases are increasing in Delhi, reason for this is that many people from outside Delhi are getting their tests done here. Hence, counting of positive cases is rising here. Otherwise, trend of COVID19 cases in Delhi is decreasing: Delhi Health Min https://t.co/DHNFmLWnIS— ANI (@ANI) August 9, 2020
again Blaming outsiders......— kanha (@kanha89) August 9, 2020
Why wud people of noida ghaziabad go to Delhi?? They r arranging free of cost testing camps hete.
I got tested in my apartment in noida only
Ye Arvind kejriwal ki baat kar ra h... Jo Haryana se aake Delhi main test karwaya h... Wo bhi 2 baar free of cost— Prajjwal Ag (@ca_prajjwal) August 9, 2020
Jab theek ho to Delhi model nai to outside people waah Satinder wah— Ryan (@gibberish_talks) August 9, 2020
— भाव्येश (@HawaaBaaz) August 9, 2020
This excuse is new .. next one must already be ready by now.— Agent Binod (@bsamray) August 9, 2020
हालाँकि इस वक़्त दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या फिर से बढ़ रही है तो वहीं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जिम्मेदारी लेने के बजाय बाहरी लोगों पर इसका दोष मढ़ना शुरू कर दिया। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि का कारण दिल्ली के बाहर के लोग हैं। जो कोरोना वायरस का टेस्ट दिल्ली में करा रहे हैं।
सत्येंद्र जैन ने दो-टूक कहा, “कुछ रिपोर्ट्स हैं कि दिल्ली में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। इसकी वजह ये है कि दिल्ली से बाहर के बहुत सारे लोग यहाँ आकर टेस्ट करा रहे हैं। इसके चलते यहाँ पर पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ रही है। नहीं तो, दिल्ली में कोविड-19 मामलों का ट्रेंड घट रहा है।”
इससे पहले भी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया था कि दिल्ली के मूल निवासियों को अस्पतालों में और अधिक बेडों की आवश्यकता है। उनके इस निर्णय के पीछे दूसरे राज्यों से आए दिल्ली में रहने वालों को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताओं और दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करना भी था।
अपने इस अजीबोगरीब निर्णय के पीछे उनका तर्क था, “जैसा कि हमने पता लगाया पड़ोसी राज्यों में कोरोना के बहुत कम मामले हैं, इसलिए उन राज्यों को इस निर्णय से समस्या नहीं होनी चाहिए।” कहीं न कहीं ऐसा करके दिल्ली की कोरोना से चरमराई हालत का जिम्मा केंद्र सरकार पर मढ़ना था और इसके लिए सत्येन्द्र जैन ने केंद्र पर यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली में इस स्थिति की जिम्मेदार केंद्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को समय पर न बंद किया जाना भी है।

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