‘बाबरी विध्वंस’ के लिए प्रियंका पर ओवैसी का कटाक्ष -- खुशी है कि अब नाटक नहीं कर रहे

ओवैसी प्रियंका गाँधी
अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन पाँच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा। इस भूमि पूजन से पहले लगातार राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है। लेकिन इस सभी के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने बयान जारी करते हुए कहा कि भूमि पूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रियंका के इस ट्वीट को लेकर उनकी खिंचाई की। ओवैसी ने कांग्रेस पार्टी पर उस ‘आंदोलन में योगदान देने का आरोप लगाया जिसने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया।’ 
ओवैसी इस बात को भी भूल रहे हैं कि ताला भी कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के कार्यकाल में खुला था, और शिलान्यास भी। क्यों? उस समय ऐसी कौन-सी मजबूरी आ गयी थी, जो ताला खुलवाने से लेकर शिलान्यास तक हो गया? कुछ स्मरण भी आ रहा है कि विरोध का एक भी स्वर नहीं निकला था। ये नाटक क्या था? और आज चीख-चिल्लाट? उस समय शाहबानो के अलावा वो कौन-सा दबाव था, जिसने तब राम विरोधियों की आवाज़ बंद कर दी थी? और उस संगीन मामले के ठंठा होते ही वापस मंदिर मुद्दा कोर्ट में ले गए, ओवैसी साहब दाल में कुछ काला नहीं, पूरी दाल ही काली है, क्यों ठीक कहा ना? क्यों मुस्लिम होकर मुस्लिम के खून की होली खेली जा रही है? दंगे में हिन्दू ही नहीं मुसलमान भी मरता है 
ओवैसी ने प्रियंका गाँधी के ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “खुशी है कि वे अब और नाटक नहीं कर रहे हैं। यह अच्छी बात है कि वो भी अतिवादी विचारधार को गले से लगा रही हैं। लेकिन भाईचारे के मुद्दे पर वो खोखली बातें क्यों करती हैं। शर्म मत कीजिए, आप इस बात पर गर्व महसूस करिए कि किस तरह से आपकी पार्टी ने उस आंदोलन में योगदान दिया, जिसकी वजह से हमारे बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया।”

प्रियंका गाँधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में लिखा था, “सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।” इसके साथ प्रियंका गाँधी ने अपना वक्तव्य भी शेयर किया है, जिसके अंत में उन्होंने ‘जय सियाराम’ लिखा है।
प्रियंका गाँधी वाड्रा की ओर से ये बयान तब आया, जब कांग्रेस की ओर से राम मंदिर को लेकर अलग-अलग तरह के बयान सामने आ रहे थे। एक तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भूमि पूजन का समर्थन किया, साथ ही स्वागत भी किया। उन्होंने लोगों को भूमि पूजन की बधाई भी दी। इतना ही नहीं कमलनाथ ने अपने ट्विटर पर प्रोफाइल फोटो भी बदल ली है और भगवा वस्त्र में नज़र आ रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर दिग्विजय सिंह की ओर से भूमि पूजन के वक्त पर सवाल खड़े किए गए थे, उन्होंने कहा था कि अभी शुभ मुहूर्त नहीं है ऐसे में इसे कुछ वक्त के लिए टाल देना चाहिए।
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इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने शुभ मुहूर्त ना होने और भाजपा नेताओं को कोरोना होने के कनेक्शन को जोड़ दिया था जिस पर काफी विवाद हुआ था। इन बयानों के बाद ही भाजपा की ओर से आरोप लगाया जा रहा था कि कॉन्ग्रेस एक बार फिर मंदिर निर्माण में अड़ंगा लगा रही है।

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