आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
भाजपा पर इतिहास, भूगोल आदि को बदनाम करने पर आरोपित करने पर अपने इसी स्तम्भ में लाल किला से लेकर क़ुतुब मीनार तक के विषय में राष्ट्र के सच्चाई प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन झूठ के पैर कहाँ?सेवानिर्वित होने उपरांत हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते अपने स्तम्भ "झोंक आँखों में धूल" में लिखा था कि लाल किला शाहजहाँ ने नहीं बनवाया था, जिस कारण मेरा विरोध भी बहुत हुआ था, परन्तु जब 
2014 चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा
ओडिशा के पुरी में स्थित गोवर्धन मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने ताजमहल को लेकर बड़ा दावा किया है। शंकराचार्य ने उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित मुगलिया इमारत के बारे में कहा कि ये प्राचीन काल में भगवान शिव का मंदिर था और इसका नाम ‘तेजो महालय’ था। उन्होंने कहा, “जिसे आजकल ताजमहल कहते हैं, उसका पुराना नाम तेजो महालय है। वहाँ शिवजी प्रतिष्ठित थे।“
शंकराचार्य ने कहा कि जयपुर राजपरिवार के पास ताजमहल का पूरा इतिहास सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि विदेशी यात्रियों ने भी अपनी यात्रा को लेकर जो संस्मरण लिखे हैं, उनसे ताजमहल का वास्तविक नाम ‘तेजो महालय’ ही सिद्ध होता है। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना ‘सुपरिचित’ बताते हुए कहा कि उन्हें इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए और इतिहास के नाम पर जो दूषित प्रचार किया गया है, उस पर पानी फेरने के अविलम्ब प्रयास करें।
ताजमहल के विषय पर @myogiadityanath ध्यान दें। pic.twitter.com/Gw8R3GmRBR
— Govardhan Math (@govardhanmath) September 21, 2020
भारत को बचाना है तो गुरूश्रेष्ठ श्रीपुरीपीठाधीश्वर जी की बातों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
— शशि पाण्डेय (@malukpithshashi) September 21, 2020
जय महाप्रभु जगन्नाथ,🙏🙏🚩🚩
चरण स्पर्श और प्रणाम।
— Darshan D Bhavsar - Pranami (@darshan9raj) September 21, 2020
काफी दिनों पहले यहीं विचार मेरे मन में आया था। अगर माननीय @narendramodi @AmitShah @myogiadityanath जैसे अच्छे लोगों के समय में ऐसी चीजों पर जांच नहीं होगी तो हम किस समय कि राह देख।
प्रो पी एन ओक ने ऐसे विषय पर बहुत काम किया है नेट पर उनकी पुस्तक जरुर पढ़ें।
केवल बंद कमरों को खोलकर, उसके भीतर जांच करके, भीतर मिलने वाली सभी कलाकृतियों को ही बाहर निकालकर संग्रहालय में लोगों के दर्शनार्थ रखवा दिए जाएं, तो भी हिंदुओं को उनका इतिहास देखने का, निकट से जानने का, समझने का मौका मिलेगा और यह उपकार भी बहुत होगा।
— शारदा प्रसाद यादव (@SHARDAPYADAV) September 21, 2020
CM साहिब कृपया ध्यान दीजिए. टर्की ने पाँच सौ साल पुराने चर्च को मस्जिद बना दिया और कोई Christian देश कुछ ना कर पाया. भारत तेजो महल जो ताज महल का असली नाम है भी नहीं कर सकता? कृपया विडीओ पे ध्यान दीजिए
— Dr. G Baghel (@pavanpu09990599) September 21, 2020
शंकराचार्य का ये बयान गोवर्धन मठ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो के जरिए जारी किया गया है और योगी आदित्यनाथ को टैग भी किया गया है। शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के बयान के बाद सोशल मीडिया में ताजमहल को लेकर चर्चा फिर से शुरू हो गई। लोगों का मानना है कि ताजमहल को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है और भारत के सैकड़ों हिन्दू मंदिर कलाकारी और भव्यता में इससे खासे बढ़ कर हैं।
इससे पहले श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने आगरा को अग्रवन बताते हुए कहा था कि प्राचीन काल में जो स्थल हिन्दू नाम से जाने जाते थे, उनका नाम उन्हें वापस दिया जाना चाहिए। राजस्थान सरकार द्वारा लाल पत्थर के खनन पर रोक लगाए जाने के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि जल्द ही बातचीत के माध्यम से इसे सुलझाया जाएगा।
अवलोकन करें:-
हाल ही में यूपी सीएम ने घोषणा की थी कि आगरा में निर्माणधीन म्यूज़ियम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम स्थापित किया जाएगा। ताजमहल के पूर्व में बन रहे इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 150 करोड़ रुपए है। इससे पहले इसका नाम ‘मुग़ल म्यूजियम’ रखा गया था, जिसे सीएम योगी ने बदल दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे नायक हैं, मुग़ल किसी भी स्थिति में हमारे नायक नहीं हो सकते हैं।


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