इस्लामोफोबिक प्रोग्राम पर 'सुदर्शन न्यूज़' वाले सुरेश चव्हाणके को बड़ा झटका

Suresh Chavhanke (Sudarshan News) Age, Wife, Biography, Family & More -  FamousJoy
दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब सुरेश चव्हाणके को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। इनके ‘सुदर्शन’ चैनल के विवादित शो के प्रसारण पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है
शो का नाम ‘बिंदास बोल’ है। इसके प्रोमो में सुरेश चव्हाणके ने ‘यूपीएससी जिहाद’, ‘नौकरशाही जिहाद’ का पर्दाफाश करने का दावा किया था। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि ऊपरी तौर पर यही लगता है कि इस कार्यक्रम का मकसद मुस्लिमों की गलत छवि प्रस्तुत करना है
कोर्ट ने कहा,
‘प्रोग्राम में मुस्लिमों की अपर एज लिमिट और वो कितनी बार परीक्षा दे सकते हैं, इसे लेकर कई फैक्चुअली गलत दावे किए गए हैं. सभी समुदायों का को-एग्जिस्टेंस लोकतंत्र का मूल है ऐसे में किसी भी धर्म को विलेन की तरह प्रस्तुत करने की कोशिश का समर्थन नहीं किया जा सकता है
कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक सुदर्शन न्यूज़ टीवी अपने शो के बचे हुए एपिसोड प्रसारित नहीं कर सकता है। नाम बदलकर भी प्रसारण करने पर रोक रहेगी


फैसला सुनाते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि वो पांच नागरिकों की एक ऐसी कमिटी बनाने पर भी विचार कर रहे हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए कुछ स्टैंडर्ड तय कर सके
चैनल ने ट्रेलर जारी किया और विवाद शुरू हुआ
25 अगस्त सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर इन चीफ सुदर्शन चव्हाणके ने एक ट्वीट किया। लिखा,
“सावधान. लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ का पर्दाफ़ाश। #UPSC_Jihad #नौकरशाही_जिहाद. देश को झकझोर देने वाली इस सीरीज़ का लगातार प्रसारण प्रतिदिन। शुक्रवार 28 अगस्त रात 8 बजे से सिर्फ सुदर्शन न्यूज़ पर।”


ट्वीट में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और आरएएस को टैग भी कर दिया. इसी ट्रेलर के ख़िलाफ याचिका लगाई गई। चव्हाणके पर जामिया मिल्लिया और मुस्लिम समुदाय के छात्रों के खिलाफ ग़लत भाषा के इस्तेमाल और मानहानि का आरोप लगा। प्रोग्राम के खिलाफ याचिका लगाई गई। इसमें कहा गया,
“ट्रेलर और इसके साथ प्रस्तावित प्रसारण केबल टीवी नेटवर्क अधिनियम के तहत प्रोग्राम कोड का उल्लंघन करता है। प्रस्तावित प्रसारण और ट्रेलर में अभद्र भाषा और आपराधिक मानहानि भी होती है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (1), 153B (1), 295A और 499 के तहत अपराध है।”
याचिका में यह भी लिखा गया,
“इस ट्रेलर या प्रस्तावित प्रसारण को अनुमति दी जाती है, तो याचिकाकर्ताओं, अन्य छात्रों, जामिया मिल्लिया के पूर्व छात्रों और 2020 में सिविल सेवा परीक्षा पास कर चुके छात्रों और मुस्लिम कम्युनिटी को खतरे का सामना करना पड़ेगा। यह अनुच्छेद-21 के तहत याचिकाकर्ताओं को प्रदत्त जीवन के अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का खुला उल्लंघन होगा।”
इसी के बाद कोर्ट ने ट्रेलर और प्रस्तावित शो पर रोक लगाने का फैसला किया। शो का पहला एपिसोड 28 अगस्त को प्रसारित होना था। चव्हाणके कह रहे थे कि उन्हें कोर्ट की तरफ से शो पर रोक का कोई नोटिस नहीं मिला, इसलिए वो प्रसारित करेंगे. लेकिन शो के टाइम से पहले उन्हें नोटिस मिल गया और प्रसारण रोक दिया गया
हालांकि, केंद्र सरकार ने 9 सितंबर को प्रसारण की अनुमति दे दी। इसके बाद 11 और 14 सितंबर को इसके दो एपिसोड प्रसारित हुए। अब सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक प्रोग्राम के प्रसारण पर रोक लगा दी है

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