देशभर में विवाद का विषय बन चुके हाथरस केस की जाँच जारी है और इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हाथरस की वारदात के बाद उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की साजिश हो रही है और इस साजिश में PFI यानी, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हाथ सामने आया है। हाथरस में जातीय दंगा भड़काने की साजिश रचने वाला PFI का चेयरमैन अब्दुल सलाम केरल के बिजली विभाग का कर्मचारी है।
जानकारी के मुताबिक PFI का चेयरमैन केरल में सरकारी कर्मचारी है। जिसका नाम अब्दुल सलाम है और वह केरल में बिजली विभाग में कार्मचारी है। अब्दुल सलाम केरल विद्युत बोर्ड में वरिष्ठ सहायक कम कैशियर के पद पर तैनात है। एबीपी न्यूज का दावा है कि उसके पास पीएफआई के चेयरमैन की कई जानकारियाँ हैं और यही वो शख्स है जो सरकारी कर्मचारी रहते हुए देश में दंगे की साजिश रच रहा है।
ऐसे में क्या केरल सरकार अब्दुल सलाम को निष्कासित कर जेल में डालेगी? केवल जेल में ही नहीं, इनको मिलने वाली समस्त सरकारी सुविधाएं जैसे पेंशन आदि भी समाप्त कर देनी चाहिए। देश की शांति भंग करने वाले ऐसे लोग किसी भी सहानुभूति के अधिकारी नहीं। केरल में पॉपुलर फ्रंट के कार्यालयों पर कोर्ट के माध्यम से सील कर, समस्त पदाधिकारियों, कर्मचारियों और इनके समर्थकों पर सख्त कार्यवाही की जाए। इनके समस्त बैंक खातों की जाँच कर, सील किए जाएं।
बड़ा ख़ुलासा #PFI का चेयरमेन अब्दुल सलाम. सरकारी कर्मचारी निकला, केरल में बिजली विभाग में काम करता है #HathrasCase में बड़ा ख़ुलासा, जातीय दंगा भड़काने की साज़िश रची थी PFI ने, 100 करोड़ की फ़ंडिंग हुई थी. pic.twitter.com/DanIcX3f3v
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) October 7, 2020
कुछ नही हो सकता ये भाजपा को हटाने के लिये कुछ भी कर सकते हमें हमारे ख़ुफ़िया तन्त्र को और मज़बूत बनाना पड़ेगा मुझे लगता है सत्ता के लालच में कुछ विरोधी पार्टियाँ में भी इनका साथ देतीं है। @AmitShah
— Manoj R (@ManojRa50334520) October 7, 2020
दिल्ली में हिंसा हुए थी.
— Rajendra Patel (@RJNDPatel) October 7, 2020
PFI का हाथ.
हाथरस कांड को लेकर UP जलाने वाले थे.
PFI का हाथ.
मुझे समज नहीं आ रहा.
इतने सारे सबूत मिलने के बावजूद.@HMOIndia क्या कर रहे हे.
PFI पर पत्रिबंध लगाने में देरी क्यूँ.
क्या @AmitShah काम करना नहीं चाहते.@narendramodi
@myogioffice
क्या केरल सरकार इसे हटाएगी?
— RAM SINGH RAWAT (@RAMSING45122933) October 7, 2020
केरल सरकार मतलब,
१. पीएफआई दलाल सरकार।
२. वामपंथी दलाल सरकार।
३. ISIS दलाल सरकार।
४. ईसाई मिशनरी सरकार।
५. भारत विरोधी सरकार।
६. हादिया प्रकरण सरकार।
फिर कहते कि आतंक का धर्म नहीं होता, मुझे समझ नहीं आता आतंक हो दंगा तो एक ही धर्म का हमेशा नाम क्यूँ आता है।( इस्लाम)
— PRAVEEN KUMAR SINGH (@praveen20684) October 7, 2020
बहुत अच्छा है
— Sanjaykumar (@SanjaykumarThe) October 7, 2020
कभी कोई मुख्यमंत्री..... ISIS का भारत का मुखिया निकले तो आश्चर्य नहीं करना
ऐसा स्पष्ट है भारत में
केरल के मल्लापुरम जिले में रहने वाले अब्दुल सलाम की साल 2000 में सरकारी नौकरी पर नियुक्ति हुई थी। अब्दुल पर बिना इजाजत विदेश जाने के भी आरोप लगे हैं। केरल के बिजली विभाग में काम करने वाला अब्दुल सलाम उस पीएफआई संगठन का मुखिया है, जिस पर उत्तर प्रदेश के हाथरस में दंगा भड़काने की साजिश का आरोप है। पीएफआई संगठन का नाम नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में सुर्खियों में आया था।यह आतंकी कहीं सरकारी पदो पर है,, ऐसे आतंकियों को ढूंढ कर ,,, जेल में डालना चाहिए
— अमोल राजपुरोहित (@amol_singhRP) October 7, 2020
मीडिया खबरों में ईडी की रिपोर्ट का हवाला देकर बताया जा रहा है कि इस कांड के बहाने जातीय दंगा फैलाने के लिए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पास मॉरिशस से 50 करोड़ रुपए आए थे।
इसके अलावा, ईडी ने दावा किया है कि पूरी फंडिंग 100 करोड़ रुपए से अधिक की थी। अब आगे पूरे मामले की पड़ताल की जा रही है। जानकारी के अनुसार, सोशल मीडिया से अफवाहों को फैला कर प्रदेश और देश की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश रची जा रही थी। हालाँकि, उत्तर प्रदेश पुलिस की मुस्तैदी और खूफिया एजेंसियों के अलर्ट होने के कारण इस पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया।
मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि विपक्ष राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश कर रहा है। योगी ने कहा था, “जिसे विकास अच्छा नहीं लग रहा, वे लोग देश में और प्रदेश में भी जातीय दंगा, सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं। इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा। इस दंगे की आड़ में उनकी रोटियाँ सेंकने के लिए उनको अवसर मिलेगा, इसलिए नए-नए षड्यंत्र करते रहते हैं।”
उल्लेखनीय है कि दिल्ली से उत्तर प्रदेश के हाथरस जाते हुए 4 संदिग्ध लोगों को मथुरा पुलिस ने 5 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। पड़ताल में पता चला था कि इनके लिंक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) से हैं। टोल प्लाजा पर चेकिंग के दौरान इनकी गिरफ्तारी हुई थी। अब मथुरा पुलिस इनसे जुड़े हर पहलू पर जाँच कर रही है।

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