जैसाकि किसान आंदोलन के प्रारम्भ होते ही कयास लगाए जा रहे थे कि किसानों के नाम पर उपद्रवियों, खालिस्तानियों और पाकिस्तान प्रायोजित अराजक तत्वों ने हाईजेक कर लिया है, और इसकी प्रारम्भ से ही इसकी पुष्टि भी हो रही है। लेकिन इस आंदोलन को समर्थन देने वाली कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल और अब वामपंथी आखिर देश को किस आग में झोंकने जा रहे हैं? क्या ये किसान आंदोलन इन पार्टियों के लिए वॉटरलू सिद्ध होगा? जो सिख जिस पाकिस्तान की जयकार के नारे लगाए जा रहे हैं, वह पाकिस्तान में महाराजा रंजीत सिंह को तोड़े जाने पर क्यों खामोश हैं? कौन है जिसने महाराजा की मूर्ति खंडित की? क्या सिख समाज पाकिस्तान के विरुद्ध आवाज़ उठाएगा? अगर अभी भी ये समर्थन देने वाली पार्टियां अपने कदम पीछे कर, पाकिस्तान के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करें।
दिल्ली में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ को खालिस्तानियों ने हाईजैक कर लिया है, लगातार ऐसी खबरें आ रही थीं। अब भारत के बाहर भी तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों में ऐसी-ऐसी हरकतें हो रही हैं, जिससे ये संदेह और मजबूत होता जा रहा है। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में शनिवार (दिसंबर 12, 2020) को महात्मा गाँधी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ और तोड़फोड़ की गई है, साथ ही खालिस्तानी झंडा लहराया गया।
ये भी प्रदर्शनकारी भारत में मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने की योजना के क्रम में लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन देने के लिए सड़क पर उतरे थे। कई खालिस्तानी झंडों के साथ पहुँची भीड़ ने स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने ही राष्ट्रपति महात्मा गाँधी की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ कर के अपमान किया और फिर तोड़फोड़ भी मचाई।
#BREAKING: Mahatma Gandhi Statue vandalized and defaced outside Indian Embassy in United States by protesters against Indian Farm Bills. Disgraceful act happened in front of the local law enforcement agencies. This is outrageous and shameful. pic.twitter.com/9G2g6RCxGd
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 12, 2020
#BREAKING: Indian Embassy in the United States strongly condemns the mischievous act of defacing Mahatma Gandhi statue by hooligans masquerading as protesters. India has lodged a strong protest with US law enforcement agencies and taken up the matter with @StateDept. pic.twitter.com/aWUepyJhUu
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 13, 2020
My brothers please learn what Sewa is 😇😇then we can understand why Sikh organisations always serve humanity 😇😇
— JaspreetSinghNoCaste (@NoCasteSingh) December 13, 2020
Oh so because our parents and grandparents migrated we should neglect our family and people back home? You want people to stay silent about injustice because it doesnt directly affect them?? Not very hard to understand is it
— Kel (@thedripbender) December 13, 2020
@Rohanchhetri333 see this is exactly what is happening and people on twitter are continuously tweeting something or the other that too just for clout. :)
— Harshitaaaaaaaaaaaaaaa.🌻 (@Harshita_2908) December 13, 2020
Oh bhai uski racism, sexism, and ke woh rapist tha uska kya??? Yeh kya "mahaan aadmi" waala bakwas lagaya hai aur aise neech insaan ko aap kaise devta samaan maante ho?
— ਬਾਨੀ (@BaniKV_) December 13, 2020
ये वही तो हैं जो किसान के नाम पर शरजील इमाम और उमर खालिद जैसे दंगा मैनेजर को जेल से निकलवाने में लगे हैं।
— त्रिभुवन शर्मा (@TriTribhuwan016) December 13, 2020
महात्मा गाँधी की ये प्रतिमा वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने स्थित है। इससे पहले जून 3, 2020 को भी वहाँ महात्मा गाँधी की प्रतिमा को नुकसान पहुँचाया गया था, जब अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉएड की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा था। वहीं खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने बापू की प्रतिमा के चेहरे के साथ भी छेड़छाड़ किया। इससे पहले लंदन में भी इस तरह की हरकत की गई थी।
वहाँ भी खालिस्तानी झंडों के साथ पहुँचे प्रदर्शनकारियों ने भारत के कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी की थी। अश्वेत नागरिकों के प्रदर्शन के दौरान प्रतिमा के चेहरे को विकृत कर के स्केच बना दिए गए थे और स्प्रे पेंटिंग से प्रतिमा को बिगाड़ दिया गया था। इस प्रतिमा का डिजाइन गौतम पाल ने बनाया था। बाद में इसकी साफ़-सफाई कर के इसे ठीक किया गया था। सितम्बर 16, 2000 को इस प्रतिमा का अनावरण तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।
हाल ही में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने रेफरेंडम 2020 (सिख फॉर जस्टिस) मामले में 16 विदेशी खालिस्तानियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। एनआईए ने आज कहा कि इन सभी पर ‘रेफरंडम 2020’ के बैनर तले ‘खालिस्तान’ के लिए सोची समझी साजिश के तहत अभियान चलाने का आरोप है। सभी आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता तथा गैर कानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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