सऊदी अरब में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर बड़ी संख्या में NRIs को किया भारत को प्रत्यर्पित

                                                                                        फाइल चित्र 
सऊदी अरब ने बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोगों (NRIs) को वापस भारत को प्रत्यर्पित किया है। ये सभी खाड़ी मुल्क में रहते हुए CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे थे। इन्होंने दिल्ली के शाहीन बाग़ विरोध प्रदर्शन से प्रेरित होकर वहाँ भी सड़क पर उतर कर मोदी सरकार के इस कानून के खिलाफ जम कर प्रदर्शन किया था। अब सऊदी अरब ने इन सभी को भारत को सौंपने का निर्णय लिया है।

सऊदी अरब की दूसरी वाणिज्यिक राजधानी मानी जाने वाली जेद्दाह में प्लाकार्ड्स लेकर मोदी सरकार और CAA के खिलाफ इन लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। इन सभी ने दिल्ली में इस कानून को लेकर उपद्रव कर रहे लोगों से सहमति जताते हुए उन्हें अपना समर्थन दिया था। इस विरोध प्रदर्शन के बाद से ही इन NRIs के सामने मुश्किलें खड़ी होती गईं। इनमें से कइयों को गिरफ्तार कर के उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।

उन पर मुल्क के नियम-कायदों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए। साथ ही उन पर अवैध तरीके से भीड़ जुटाने का आरोप लगाया गया। इनमें से कइयों को वापस भारत प्रत्यर्पित किया जा चुका है। खाड़ी मुल्कों में विरोध प्रदर्शनों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाती है। घेराव या भीड़ जुटा कर नारेबाजी को भी बर्दाश्त नहीं किया जाता। कुछ युवा प्रदर्शनकारियों का दावा है कि वो इन नियम-कायदों से अनजान थे।

कइयों पर तो सिर्फ इसीलिए कार्रवाई की गई, क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए प्रोपेगंडा फैलाने की कोशिश की थी। अक्टूबर 2019 में सऊदी अरब और भारत ने एक नए रणनीतिक पार्टनरशिप के लिए कदम बढ़ाया था। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तब नई दिल्ली आए थे और यहीं सुरक्षा के मसलों पर साझेदारी की नई रणनीति बनी। उधर सऊदी अरब ने पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है।

हाल ही में  सऊदी अरब सरकार ने रियाद में मौजूद दूतावास और जेद्दाह स्थित वाणिज्य दूतावास में 27 अक्टूबर को ‘कश्मीर बैक डे’ आयोजन की बात खारिज कर दी। इससे पाकिस्तान को गहरा झटका लगा। सऊदी अरब (जिसे पाकिस्तान अपना नज़दीकी सहयोगी मुल्क मानता है) ने FATF पर पाकिस्तान के विरोध में मत दिया, जिसके चलते पाकिस्तान ग्रे सूची में बना हुआ है। इसके बाद पाकिस्तानी सऊदी अरब को ‘गद्दार’ तक बताने लगे। 

No comments: