जिस तरह से नागरिकता संशोधक कानून अराजक तत्वों और कट्टरपंथियों के हाथ की कठपुतली बना हुआ था और अंजाम हिन्दू विरोधी दंगों में बदल गया, ठीक वही स्थिति इस किसान आंदोलन की है, जिसे इन्हीं तत्वों ने शुरू से ही हाईजैक हो चूका है।
किसान आंदोलन के पीछे छिपी मंशा को लेकर शुरुआत से ही सवाल उठते रहे हैं। अब खुफिया सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में हैरान करने वाले दावे किए गए हैं। इसके मुताबिक किसान आंदोलन को अतिवादी वामपंथी संगठनों और कट्टरपंथियों ने अपने नियंत्रण में ले लिया है और वे बड़े पैमाने पर हिंसा की योजना बना रहे हैं।
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि किसान प्रदर्शनों पर अब वामपंथी अतिवादी अपना कब्जा जमा चुके हैं। इस खबर के आने के बाद कंगना रनौत ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि अतिवादी संगठन किसानों को भड़का कर हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की योजना बना रहे हैं।
#Breaking | Left-wing extremists have hijacked the farmers' protests: Intelligence sources. pic.twitter.com/qDE3x7aP0H
— TIMES NOW (@TimesNow) December 11, 2020
इस जानकारी के सामने आने के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है, “जो खूफिया सूत्र आज कह रहे हैं मैंने भी वही कहा था, लेकिन मेरे लिए लोगों ने ‘दिलजीत ने कंगना को @#ल दिया’ ट्रेंड कर दिया, जिसका मतलब होता है दिलजीत ने कंगना का रेप किया। ये ट्रेंड सभी लिबरलों ने एक अकेली महिला के लिए चलाया जिसका भावनात्मक और मानसिक रूप से बलात्कार किया गया और ऐसे चेयरलीडर्स भी थे जो तालियाँ बजा रहे थे… मैंने सबको देखा था।”
पिछले दिनों ट्विटर पर अपने बयानों के कारण कंगना को जिस तरह ट्रोल किया गया उसे याद दिलाते हुए उन्होंने कहा, “उन्होंने कहा था कि मुझे माफी माँगनी चाहिए। अब जिसने ये कहा उन सबको मुझसे माफी माँगनी चाहिए, सिर्फ इसलिए क्योंकि तुम्हारे पास दूरदर्शिता, स्पष्टता और सबसे जरूरी ईमानदारी नहीं है कि तुम हकीकत देख सको। तुम मुझे ऐसे नामों से नहीं बुला सकते। मेरे लिए अपमानजनक ट्रेंड नहीं चला सकते और न ही मुझ पर भाजपा का ठप्पा लगा सकते। माफी माँगो।”
ट्विटर पर लोगों की प्रक्रियाएंLOL and they said I should apologise, everyone who aksed me to apologise must apologise to me, just because you don’t have foresight, depth,clear perception,above all honesty to see what is, you cant call me names, run offensive trends and brand me BJP spokesperson. Say sorry ! https://t.co/tjIa2lcBXA
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) December 11, 2020
he is real Sikh 💪💪 pic.twitter.com/7KTeZgN2Nr
— Woke 🌈 (@reborn2ndtime_) December 8, 2020
बांटने में भी माहिर हैं
— Pk Rajput (@PKTanwar0) December 11, 2020
देश की जड़ें काटने में भी माहिर हैं
हम कांग्रेस पर थूके भी कैसे
ये गुलाम चमचे चाटने में भी माहिर हैं 🤣
ਤੁਹਾਨੂੰ ਰੋਟੀ ਨਈ ਟੱਟੀ ਖਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਆ..
— LSSekhon (@luvsekhon) December 11, 2020
बिल्कुल सही बात है भाई 🙏🏻
— सुभाष जैन🇮🇳जय हिंद,जय मां भारती (@subh_09910468) December 11, 2020
They won’t apologise. They’re professionals. Once paid, they never backtrack.
— Pratap Mishra (@pratmist) December 11, 2020
Also it’s a question of future deals.
As you can see most of them have signed new projects, albums, brand deals, and so on. pic.twitter.com/hBy8PG2Y4d
अंधभक्तो की अलग ही दुनिया है अगर इनकी माने तो :- मोदी भगवान् है, कंगना झांसी की रानी है, रीना ठाकुर बहन है, आसाराम बापु है, सावरकर वीर है, गोडसे देशभक्त है, और महात्मा गांधी देशद्रोही है 😂😂
— Mohd Arif (@MohdAri46031494) December 11, 2020
Dhram ni sikhata kisi se bair krna 🙂
— Gursewak Pannu (@GursewakPannu12) December 11, 2020
But unka sikhata hai. Wahi halat hogi jo pahale hui thi is bharatvarsh ki😢
— techbuddy (@techbuddyzz) December 11, 2020
Negligence of MHA . And the mob involved in the riots are not the local residents . This thing is exactly before elections so i think there's something fishy . And the Hindus targetted/attacked muslims and rest what happened is known to everyone .
— Gursewak Pannu (@GursewakPannu12) December 11, 2020
https://t.co/0m7p8wrjjB
— दुर्गेश (@laughingcoffinx) December 11, 2020
Tere se yhi expect tha.
Ab bol vid bhi fake h...
There are 31 Kisan unions out of them 30 are united and have the same demands against farm laws. they are against 1 union which is BKU Ugrahan which has organized this.
— Farmer Jaspreet grewal (@grewal_jaspreet) December 11, 2020
The BKU ugrahan head is not even included in meetings of all Kissan unions...
Its well planned work and its cold war in a big way. pic.twitter.com/RzWhpVe5DW
— DeshkaSipahe (@Mohinder12) December 11, 2020
एक तरफ जहाँ मीडिया खबरों में खूफिया सूत्रों के हवाले से किसान आंदोलन पर वामपंथियों के कब्जे की बात सामने आ गई है। वहीं सोशल मीडिया के जरिए किसानों के प्रदर्शन को खालिस्तानियों के समर्थन की बात भी सामने आई है।
दरअसल, Khalsa Aid India नाम के फेसबुक पेज ने जानकारी दी है कि वह सिंघु बॉर्डर पर स्टॉल खोल चुके हैं और किसानों को सहायता उपलब्ध करवाएँगे। इसके लिए उनको 1000 कंबल और 500 गद्दे भी भी डोनेट किए गए हैं।
अब यह Khalsa Aid India क्या है? दरअसल, इस संगठन पर संदेह है कि यह बब्बर खालसा इंटरनेशनल का ही संगठन है, जिसके ख़िलाफ़ साल 2012 में एनआईए ने केस दर्ज किया था। आरोप था कि पंजाब का बीकेआई, यूके के बीकेआई संचालको (बलबीर सिंह बैंस और जोगा सिंह) और उनके संगठनों, जैसे- सिख वेलफेयर फॉर प्रिजनर वेलफेयर, अखंड कीर्ति जत्था ( AKJ) और खालसा एड, से पैसे ले रहा है ताकि भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकें।
इन पर पाकिस्तान के बीकेआई नेताओं (वाधवा सिंग और जगतार सिंह तारा) का समर्थन पाने का भी आरोप था। इतना ही नहीं, जाँच में पता चला था कि संगठन ने पैसे लेने के बाद स्लीपर सेल्स और जेल में बंद आतंकियों व उनके परिवारों में बाँटा था।
साल 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पूरे मामले में जाँच अधूरी रह गई थी, क्योंकि यूके ने संबंधित आरोपितों से जुड़े सबूत भारत के साथ साझा करने से मना कर दिए थे। बता दें कि बब्बर खालसा की मंशा भारत में हिंसा के जरिए एक स्वतंत्र सिख राज्य बनाने की है। यह संगठन कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार भी है। ट्रंप शासन में बीकेआई को अमेरिकी हितों के लिए खतरा घोषित किया था।
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