हिन्दू महिलाओं को " टके-टके में बिकने" वाले बयान पर योगराज को फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से निकाला

                                       'द कश्मीरी फाइल्स' से निकाले गए योगराज सिंह
हिन्दू महिलाओं पर आपत्तिजनक बयान देने के कारण पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह को फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने अपनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से निकाल दिया है। फिल्म में योगराज सिंह की जगह अब पुनीत इस्सर अभिनय निभाएँगे।

विवेक अग्निहोत्री ने अपने बयान में कहा है, “मैंने अपनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में योगराज सिंह को एक बहुत महत्तवपूर्ण रोल के लिए कास्ट किया था और उनसे लंबी बात भी की थी। मुझे उनकी हिस्ट्री पता थी। लेकिन मैंने उसे इग्नोर किया, क्योंकि मैं कला और कलाकार को मिक्स नहीं करता। मैंने हमेशा कला और राजनीति को अलग रखा। जब उन्होंने भाषण दिया तो वो हैरान करने वाला था।”

फिल्म निर्देशक विवेक कहते हैं, “मैं किसी ऐसे व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं कर सकता जो महिलाओं के ख़िलाफ़ बुरी तरह बोले। ये बात सिर्फ़ हिन्दू महिलाओं या मुस्लिम महिलाओं के लिए नहीं है, उन्होंने महिलाओं के लिए इतना बुरा कहा। उससे भी बड़ी बात उन्होंने नफरत से भरा विभाजनकारी नैरेटिव बनाने की कोशिश की।”

अग्निहोत्री ने कहा, “मैंने आधिकारिक तौर से उन्हें टर्मिनेशन लेटर भेज दिया है। मुझे जवाब की परवाह नहीं है। मैं कोई कमर्शियल फिल्ममेकर नहीं हूँ। मैं उद्देश्य के साथ फिल्म बनाता हूँ। मैंने सच्चाई उजागर करने के लिए फिल्म बनाई है और मैं नहीं चाहता ये आदमी उस सच का हिस्सा बने। उन्होंने जो भी कहा, वह नफरत भरा था और ऐसे लोग सिर्फ़ हिंसा भड़काना जानते हैं।”

योगराज सिंह के हिन्दू घृणा से भरे बयान

योगराज सिंह ने पिछले दिनों किसान आंदोलन में अपना समर्थन देते हुए पंजाबी में एक भाषण में कहा था,
“मैं इन्हें आप लोगों से ज्यादा जानता हूँ। ये माँ-बेटियों की कसमें खा कर भी पलट जाते हैं। मैं आपको बधाई देता हूँ कि जब अमित शाह ने कहा कि निरंकारी ग्राउंड आ जाओ तो आपलोग नहीं गए। इनकी किसी बात का विश्वास नहीं करना। एक बात और कहना चाहता हूँ जब इनकी औरतों को अहमद शाह दुर्रानी ले जाता और वहाँ टके-टके की बिकती थी, तो पंजाबियों ने बचाया।”
इसके बाद योगराज सिंह ने नेताओं को लेकर बयान देते हुए कहा,
“मैंने अपने नेताओं को दिल्ली दरबार में बिकते हुए देखा है। बोली लगती है। 5 करोड़ से लेकर 10-20 करोड़ तक। ये वो कौम है, जिन्होंने हजारों साल गुलामी की है, वो गुलाम जब सत्ता में आते हैं तो ऐसा ही करते हैं। मैं हाथ जोड़ कर कहता हूँ कि अपने में लीडर ढूँढो, बहुत मिलेंगे। पंजाब बचाना है तो अपने हाथ में सत्ता रखो। हम एक जरनैल नहीं पैदा कर सकते? ये जो खड़े हैं, सब जरनैल हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर सवाल उठाते हुए योगराज ने गुजरातियों पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था,
“मैंने मुंबई में 15 साल इन गुजरातियों के साथ बिताए हैं। ये लोग अपनी माँ बहन और बेटियों की कसमें खाकर भी पलट जाते हैं।”
इसके अलावा योगराज सिंह ने इंदिरा गाँधी का हवाला देकर प्रधानमंत्री मोदी को दी गई धमकियों पर अपना स्पष्टीकरण दिया था और साथ ही कहा था कि सरकार के अत्याचार बाबर, औरंगजेब और ब्रिटिश जैसे आक्रांताओं से भी बहुत ज्यादा हैं।
योगराज भावेश में वास्तविकता की ओर आते-आते तुरंत दिशा बदल गए। योगराज यह भी भूल गए कि किस तरह सिख गुरुओं ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अपने ही बच्चों तक की क़ुरबानी दे दी थी, और आज टके-टके के भाव बिक कर अपने ही गुरुओं का अपमान सिख समुदाय के सामने कर दिया और सिख समाज ऐसे पाखंडी को बर्दाश्त कर रहे हैं। योगराज और वहां उपस्थित समस्त सिख समुदाय को इस ट्वीट को ध्यान और धैर्य  देखना चाहिए, ये जो सिख भाई हाथ में प्ले-कार्ड लिए हुए है, यह कोई शो-पीस नहीं, एक कटु सच्चाई को व्यक्त कर रहा है। और योगराज उन्ही आतताइयों का गुणगान कर रहा है।
दिल्ली में गुरुद्वारा शीश गंज के सामने फुव्वारे पर लगे चित्र जिन आतताइयों का योगराज द्वारा गुणगान किया गया है, उसकी असलियत को बयान कर रहा है। और कुछ नहीं तो योगराज को ऐसी बयानबाज़ी करने से पहले गुरुद्वारा शीश गंज और फुव्वारे पर जाकर माथा टेकना था। 

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