भारत-रूस रिश्ते को लेकर देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों में से एक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने झूठ फैलाया है, जिसका रूसी दूतावास ने खंडन किया। रूसी दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “भारतीय मीडिया के एक बड़े प्रकाशन संस्थान के सूत्र गुमराह करने वाले सूत्रों से प्रेरित प्रतीत होते हैं।” ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने दावा किया था कि रूस ने भारत को बातचीत से बाहर रखा है, ऐसे में अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान शांति बैठक में भारत को शामिल किया है।
इस खबर में अप्रत्यक्ष रूप से इशारा किया गया था कि भारत और रूस के रिश्ते बिगड़ रहे हैं और रूस ने भारत के साथ बातचीत बंद कर दी है। खबर में बताया गया था कि अमेरिकी स्टेट सेकेट्री एंटोनी ब्लिंकेन ने अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को लिखे पत्र में कहा है कि अमेरिका, भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान और ईरान को मिल कर इस मामले पर बात करनी चाहिए। अफ़ग़ानिस्तान के लिए ‘यूनिफाइड एप्रोच’ के लिए ऐसा करने को कहा गया।
Noted publication in the Indian media which seems to be based on the ill-informed sources. Dialogue between #Russia & #India has always been very close & forward-looking on all global & regional issues, including the situation in #Afghanistan ➡ https://t.co/08iEmUpXCZ pic.twitter.com/2zm5S9b2dt
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) March 9, 2021
USSR helped us, not Russia. With fall of USSR, all-weather friendship also disappeared. Understand this.
— 🅹🅾🅴🆈 (@Joey_IaS) March 9, 2021
One thing: India has "paid" enough even for friendship with the USSR. It was not a free of cost friendship.
लेकिन, रूस का कहना है कि भारत के साथ उसके रिश्ते मधुर हैं और बातचीत रुकी ही नहीं है। रूस ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को फटकार लगाते हुए कहा, “भारत-रूस के बीच हमेशा से नजदीकी सम्बन्ध रहे हैं और दोनों भविष्य को देखते हुए वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर साथ मिल कर कार्य करते रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति भी अपवाद नहीं है।” रूस ने भारतीय मीडिया में चल रहे झूठ को बेनकाब किया।
रूसी दूतावास ने लिखा, “द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ताओं में कई बार इस साझेदारी पर जोर दिया गया है, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान कॉन्टैक्ट ग्रुप और मॉस्को कन्सल्टेशन्स शामिल हैं। अफ़ग़ानिस्तान समझौते की जटिलता को देखते हुए एक क्षेत्रीय आम-राय की तरफ आगे बढ़ना और अमेरिका समेत सभी साझेदारों के साथ तालमेल बिठाना काफी ज़रूरी है। दोहा में यूएस-तालिबान के बीच हुए समझौते को यूएन सुरक्षा परिषद ने मान्यता दी थी।”
रूस ने कहा कि वो भी इसी समझौते के हिसाब से आगे बढ़ रहा है। रूस ने इस बात पर जोर देते हुए दोहराया कि अफ़ग़ानिस्तान में भारत का एक बहुत बड़ा किरदार है और इसके लिए समर्पित वार्ताओं में इसकी भागीदारी स्वाभाविक है। रूसी दूतावास ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की उस खबर का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें ‘रूस द्वारा भारत को वार्ता से बाहर रखने’ का दावा किया गया था। साथ ही हैडिंग के उस हिस्से को लाल रंग से प्रदर्शित किया।
इससे पहले ‘द प्रिंट’ इसी तरह की हरकत कर चुका है। ‘द प्रिंट’ ने दावा किया था कि QUAD राष्ट्रों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) से रूस खफा है, इसीलिए पिछले 20 वर्षों में पहली बार भारत-रूस की वार्षिक समिट नहीं होगी। क्रेमलिन ने इस खबर को गलत बताते हुए इसे ‘फेक न्यूज़’ और सनसनी पैदा करने के लिए लिखी गई खबर करार दिया था। रूस ने कहा था कि भारत क्षेत्रीय एकता के समावेशी रूप को बढ़ावा दे रहा है, वो तारीफ के लायक है।
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