हिंदू संगठनों ने सिटी मजिस्ट्रेट का पुतला फूँका
जब भी हिन्दुओं के बहुचर्चित त्यौहार शिव रात्रि, करवाचौथ, रक्षा बंधन, होली और दीपावली आते हैं, लिबरल और छद्दम धर्मनिरपेक्ष एकदम सक्रिय हो जाते हैं। क्या किसी अन्य के धर्म के बारे में बोलने का ये पाखंडी हिन्दू बोलने का साहस कर सकते हैं? शब-ए-बारात पर होते हुड़दंग के बारे में क्या सिटी मजिस्ट्रेट बोलने का साहस कर सकते हैं?
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद मेंं सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मौर्य ने पीस कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए होली को नशे का त्योहार बताया। बैठक होली और शब-ए-बारात के मद्देनजर नगर में होने वाले इंतजामों की चर्चा को लेकर हो रही थी। हालाँकि, मजिस्ट्रेट ने इंतजामों पर बात करते हुए हिन्दुओं के त्योहार होली के लिए विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि होली नशे का त्योहार है, इसलिए सभी लोग अपने अपने बच्चों का स्वयं ध्यान रखें।
जानकारी के अनुसार, मजिस्ट्रेट अशोक मौर्या ने बैठक में कहा कि होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग शराब पीतें हैं और नशा करते हैं। वह बोले, “होली ड्रग्स का त्योहार है, इसलिए उत्सव के दौरान शहर में होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधियों पर प्रशासन को कड़ी निगरानी रखनी होगी।” मौर्य ने आगे कहा, “अगर आपको कहीं भीं शराब या ड्रग की बिक्री को लेकर को कोई भी जानकारी मिले तो आप फौरन पुलिस को सूचित करें।”
➡हिंदू जागरण मंच ने सिटी मजिस्ट्रेट का फूंका पुतला
— भारत समाचार (@bstvlive) March 22, 2021
➡शहर कोतवाली के चौक बाजार में फूंका पुतला
ये हाल तब हैं जब गद्दी पर खुद बाबा जी बैठे हैं।
— Yogesh Semwal योगेश सेमवाल 🇮🇳 (@YogeshS09696718) March 22, 2021
सिटी मजिस्ट्रेट के इस बयान को सुनने के बाद वहाँ बैठे एक वकील डॉ. दीपक द्विवेदी भड़क गए। डॉ. दीपक ने आपत्ति जाहिर करते हुए मौर्य से माफी माँगने को कहा। जवाब में मौर्य ने कहा कि उनके कहने का यह मतलब नहीं था। इसके बाद हिन्दू जागरण मंच के सदस्यों ने भी सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ़ प्रदर्शन किया। चौक बाजार इलाके में मजिस्ट्रेट के पुतले जलाए गए।
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