कोरोना डेथ सर्टिफिकेट्स में मोदी की फोटो, एक हफ्ते बाद सच आया सामने
कोरोना के समय भी मोदी विरोधी अपनी नीचता से बाज नहीं आ रहे। ऐसे में जनता को इन लोगों से किसी सहयोग की कल्पना करना व्यर्थ है। कोरोना मृतक प्रमाण पर मोदी की फोटो लगाए जाने की मांग उनके मानसिक दिवालियापन का सबूत है। मोदी विरोधियों को ये सब दिखाई नहीं देता। इन्हें तो बस विरोध ही करना है।
This video shd make everyone's day... Yes positive things happening.. Media won't show this... Let's b positive pic.twitter.com/BEbeWWOvGv
— Maithili (@SuvarnBharat) April 25, 2021
औधोगिक क्षेत्र मालनपुर स्थित सूर्या प्लांट द्वारा इस संकट के समय मे अपने उत्पादन को बंद कर लोगो की जान बचाने के लिए जो ऑक्सीजन देने का निर्णय लिया है उसके लिए मैं सूर्या इकाई के संचालक व प्रबंधन टीम का नतमस्तक होकर प्रणाम करता हूँ, आभार व्यक्त करता हूँ|#MPFightsCorona pic.twitter.com/KnPQ2t2An8
— Pradhuman Singh Tomar (@PradhumanGwl) April 24, 2021m
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने पिछले सप्ताह (18 अप्रैल, 2021) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फेक न्यूज फैलाई थी। उन्होंने कहा था कि अगर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो लगाई जाती है, तो कोविड-19 से जान गँवाने वालों के मृत्यु प्रमाणपत्र पर भी उनकी फोटो लगाई जानी चाहिए।
महाविकास अघाड़ी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मलिक ने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और इससे हो रही मौतों के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर प्रधानमंत्री टीकाकरण का श्रेय लेना चाहते हैं, तो उन्हें कोविड-19 से होने वाली मौतों की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद से अन्य नेता और तथाकथित बुद्धिजीवी भी इसी तरह की माँग करने लगे थे।
सेक्युलर एक्ट्रेस नगमा ने ट्विटर पर कहा, “वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स की तरह ही मोदी की एक तस्वीर कोरोना से मरने वाले हर भारतीय के मृत्यु प्रमाणपत्र पर होनी चाहिए।” नगमा ने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की पुरानी फोटो के साथ उनका हाल ही में पोस्ट किया गया एक ट्वीट शेयर करते हुए दावा किया गया कि पूर्व सेना प्रमुख अपने भाई के लिए अस्पताल में बेड की तलाश कर रहे थे। हालाँकि, वह दावा फर्जी था। वास्तव में, जनरल वीके सिंह किसी और की मदद करने की कोशिश कर रहे थे, उसके लिए वो बेड की व्यवस्था कर रहे थे।
कांग्रेस की सोशल मीडिया विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर लावण्या बल्लाल ने कहा, “कोरोना से जान गँवाने वाले हर व्यक्ति के मृत्यु प्रमाणपत्र में नरेंद्र मोदी की तस्वीर होनी चाहिए। हर कब्रिस्तान, श्मशान में उनका बिलबोर्ड होना चाहिए। यह भी राष्ट्र के लिए उनका योगदान है।”
लावण्या बल्लाल का ट्वीट
तृणमूल कांग्रेस की कथित फायरब्रांड महुआ मोइत्रा ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स की एक फोटो साझा करते हुए कहा, “अगर कोविड-19 के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स में माननीय पीएम की फोटो है, तो क्या ऑक्सीजन से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र में उनकी फोटो नहीं लगाई जा सकती है?”
महुआ मोइत्रा का ट्वीट
कांग्रेस समर्थक और मोदी के खिलाफ नफरत फ़ैलाने वाले ट्रोलर्स और फेक न्यूज फैलाने वालों को इन नेताओं के बयानों से एक मौका मिल गया है। कुछ पोस्ट सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि अब मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी पीएम मोदी की फोटो आ सकती है।
ये है सच्चाई
इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट में यह फोटो मिली है
जब हमने वायरल फोटो को रिवर्स सर्च किया तो ‘इंडिया टाइम्स’ की एक रिपोर्ट में हमें यही फोटो मिली। ये रिपोर्ट एनसीपी नेता नवाब मलिक के उस बयान से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने कहा था, “जिस तरह से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स में पीएम मोदी की फोटो लगाई जा रही है, उसे देखते हुए हम ये माँग रखते हैं कि मोदी की फोटो मृत्यु प्रमाणपत्र में भी लगाई जाए।”
वायरल फोटो में दिख रहा दस्तावेज धुँधला है, वहीं ‘इंडिया टाइम्स’ की रिपोर्ट वाली फोटो में यह दस्तावेज तुलनात्मक रूप से स्पष्ट दिखाई दे रहा है। इसे जूम करने पर साफ देखा जा सकता है कि इसके ऊपरी हिस्से में बाईं तरफ ‘Provisional Certificate for Covid-19 Vaccination’ लिखा हुआ है।
मृत्यु प्रमाणपत्र ऐसा होता है, सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स द्वारा शेयर किया गया मृत्यु प्रमाणपत्र फेक है
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