दिल्ली : बंद पड़े इंदिरा गाँधी अस्पताल में दिखाए 150 बेड खाली को लेकर केजरीवाल सरकार को फिर पड़ी फटकार

                                                                                              सभी चित्र साभार : नवभारत टाइम्स 
ऐसा जान पड़ता है कि दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को फटकार खाने की आदत हो गयी है। दिल्ली वालों ने केजरीवाल को भरपूर समर्थन दिया, पलटे में जनता को क्या मिल रहा है, सबके सामने है। वास्तव कोरोना एक महामारी जरूर है, लेकिन अरविंद केजरीवाल और इसकी पार्टी को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। जब ऑक्सीजन ऑडिट के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी और केजरीवाल मंत्री और इनके समर्थकों के पास से सिलेंडर आदि मिलने के स्थिति यह हो गयी कि सुनने में आ रहा है कि ऑक्सीजन स्टोर करने की जगह नहीं।

दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत और अस्पतालों में बेड की कमी के कारण लगातार दिल्लीवासी परेशान हैं। ऐसे में केजरीवाल सरकार अपनी लापरवाहियाँ करने से बाज नहीं आ रही। हाल में दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर खाली बेडों की संख्या बिना सत्यापन के अपलोड कर दी गई। बाद में परेशानी किसे हुई? उन लोगों को जो सरकार की इस वेबसाइट पर भरोसा करके अस्पताल तक गए।

जानकारी के मुताबिक द्वारका स्थित इंदिरा गाँधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को लेकर दिल्ली सरकार ने दावा किया कि ये अस्पताल चालू हो गया और दो दिन बाद भी यहाँ अस्पताल खाली पड़े हैं। दिल्ली सरकार द्वारा की गई इस घोषणा के प्रमाण दिल्ली सरकार की ऐप पर भी है। यहाँ भी द्वारका में स्थित इंदिरा गाँधी अस्पताल में 150 बेड खाले दिखाए जा रहे हैं।

इस लापरवाही के मद्देनजर दिल्ली हाई कोर्ट ने अब दिल्ली सरकार से जवाब माँगा है। दिल्ली सरकार के वकील का कहना है कि एसओ सर्टिफिकेट देर से मिलने के कारण ऐसा हुआ।

कोर्ट ने सरकार को कहा, “दिल्ली सरकार के लिए ऐसी चीजें करना उचित नहीं है। शनिवार को कहा गया कि अस्पताल शुरू हो गया और अब मंगलवार दोपहर कहा जा रहा है कि अब भी चालू नहीं।”

मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस विपिन संघी और रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए भविष्य में दोबारा ऐसी लापरवाही न करने के निर्देश दिया। जिसके बाद कोर्ट की बात सुन दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत में माफी माँगी। कोर्ट ने उनसे हलफनामा दायर करने को कहा। साथ ही सख्ती से कहा कि अधिकारियों से सरकार बोले कि वो गलत जानकारी न दें।

इस दौरान दिल्ली के प्रधान सचिव स्वास्थ्य डॉ आशीष वर्मा ने अदालत को बताया कि परिचालन में देरी हुई क्योंकि अस्पताल में उपलब्ध कराए गए ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग नहीं किया जा सकता था, क्योंकि पीईएसओ प्रमाणन प्राप्त नहीं हुआ था। वर्मा ने अदालत को बताया कि अभी प्रमाणन प्राप्त किया गया है और आज से अस्पताल प्रवेश के लिए खुला है।

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दिल्ली सरकार ने इससे पहले भी इस अस्पताल को लेकर दावा किया था कि शनिवार से इंदिरा गाँधी अस्पताल कोविड अस्पताल में तब्दील हो जाएगा। आदेशानुसार इस अस्पताल में प्रारंभ में 250 बिस्तर होंगे और बाद में संख्या बढ़ाई जाएगी। हालाँकि, दो दिन बाद जब ऐसा नहीं हुआ तो मामला कोर्ट पहुँचा और दिल्ली सरकार की लापरवाहियों पर उन्हें फटकार लगी।

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