बंगाल में ‘नेटवर्क 18’ के पत्रकार का दावा : TMC गुंडों द्वारा BSF जवानों के घर पर भी हमले, आगजनी और मारपीट

पश्चिम बंगाल में मई 2, 2021 को हुई मतगणना में तृणमूल कांग्रेस  (TMC) की जीत के साथ ही उसके गुंडे सक्रिय हो गए। राज्य भर में कई भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। उनके घर तोड़े गए और भाजपा के दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया। अब ‘नेटवर्क 18 ग्रुप’ के प्रबंध संपादक ब्रजेश कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि पश्चिम बंगाल में देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले BSF जवानों को भी नहीं बख्शा जा रहा है।

जो इस बात को साबित करता है कि छद्दम सेक्युलरिस्ट के संरक्षण में पल रहे अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठी अपना इस्लामिक मंसूबा करने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्र सरकार को चुन-चुन कर ऐसे लोगों की पहचान कर दण्डित करना होगा। 

               ‘नेटवर्क 18 ग्रुप’ के मैनेजिंग एडिटर ब्रजेश कुमार सिंह ने दी BSF जवानों पर हमले की जानकारी
ब्रजेश ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया है कि पश्चिम बंगाल में सीमा रक्षकों के घरों पर भी हमले हो रहे हैं। उन्होंने अपने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि ममता बनर्जी की पार्टी TMC के कार्यकर्ताओं ने दो अलग-अलग जगहों पर BSF जवानों के घरों पर हमले किए हैं। उन्होंने बताया कि तोड़फोड़ व आगज़नी के साथ-साथ मारपीट की गई है। उन्होंने जवानों और उनके परिवार पर हुए हमले को शर्मनाक करार दिया।
ब्रजेश के अनुसार, पहला मामला जलपाईगुड़ी ज़िले के रानीरहाट इलाक़े का है, जहाँ छुट्टी पर आए BSF जवान कमल सेन के घर पर TMC से जुड़े गुंडों ने हमला बोला। साथ ही कमल और परिवार वालों के साथ मारपीट कर उन्हें घायल कर दिया। ब्रजेश की मानें तो कमल सेन के घर, ट्रैक्टर और बाइक में भी आग लगा दी गई। घायल जवान के सिलिगुड़ी के अस्पताल में भर्ती होने की बात कही जा रही है।
वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक, दूसरी घटना कूचबिहार की है। यहाँ सुशांत बर्मन नामक BSF जवान के घर पर हमला किया गया और लूट मचाई गई है। उन्होंने बताया है कि हमले की वजह से बर्मन के परिवार के सदस्य घर छोड़कर भागे हुए हैं। उनकी जान को ख़तरा है। जवान का भाई भाजपा समर्थक है और इसे ही हमले का कारण बताया जा रहा है। जानकारी दी गई है कि इस मामले में शिकायत भी दर्ज हुई है।
ब्रजेश कुमार सिंह ने ट्विटर पर लिखा, “ये दोनों ही घटनाएँ ये बताने के लिए काफी हैं कि पश्चिम बंगाल में हालात क्या हैं। अगर सीमा ऱक्षक खुद या उनके परिवार और मकान सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी की कौन कहे। जो लफ़ंगों, गुंडों और घुसपैठियों से देश को बचाते हैं, खुद उनके घर पर ये लफ़ंगे हमले कर रहे हैं। हद है ये सब।” हालाँकि, मीडिया के अन्य स्रोतों में ये खबर अभी नहीं आई है।
ब्रजेश ने बताया कि BSF के उच्चाधिकारियों ने दोनों ही मामलों में स्थानीय प्रशासन और पुलिस से कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने लिखा, “देखना ये होगा कि ममता बनर्जी के बंगाल में खुद सीमा रक्षकों के परिवारों को न्याय मिलेगा या नहीं, वो भी अगर हमले करने वाले उनकी खुद की पार्टी TMC के कार्यकर्ता हों।” बता दें कि पश्चिम बंगाल में हिंसा के खिलाफ आज बीजेपी धरना देगी। पार्टी के राष्ट्रीय जेपी नड्डा खुद बंगाल में कैंप कर रहे हैं।
ये भी खबर आई थी कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद उपजी राजनीतिक हिंसा के बाद सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंगाल छोड़ दिया है। बंगाल के पड़ोसी राज्य असम के मंत्री व भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने खुद इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था, ”एक दुखद घटनाक्रम में 300-400 बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों ने अत्याचार और हिंसा का सामना करने के बाद असम में धुबरी पार किया है। हम उन्हें आश्रय और भोजन दे रहे हैं।”

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