जब से मीडिया को विज्ञापनों से खरीदने की बात उजागर होने पर अरविन्द केजरीवाल की तरह यू-टर्न लेने पर अब अपने चहिते पत्रकारों से नाराज होने लगे हैं। ऑक्सीजन मुद्दे पर केजरीवाल के करीबी नवनीत कालरा और मंत्री इमरान हुसैन के फार्म हाउस से जब्त ऑक्सीजन पर प्रश्न पूछे जाने से इतने नाराज हो गए हैं कि AAP के व्हाट्सअप ग्रुप से निकालना शुरू कर दिया है। दूसरे सोशल मीडिया पर इमरान द्वारा अपने फार्म हाउस में ऑक्सीजन रखने का जो साम्प्रदायिकता से भरा बयान वायरल हो रहा है, जिसकी पुष्टि नहीं हो पायी है, यदि इसी तरह हिन्दू-मुस्लिम का किसी भाजपा नेता ने दे दिया होता, निश्चित रूप से भारत में एक नया बबाल खड़ा हो गया होता। हाँ, अगर इमरान का वायरल हुआ बयान सच है, तो हिन्दुओं को इमरान ही नहीं, आम आदमी पार्टी से भी दूरी बना लेनी चाहिए। फिर चाहे केजरीवाल सड़क पर बैठ हनुमान चालीसा पढ़े, राहुल गाँधी की तरह एक मंदिर से दूसरे मंदिर जाकर माथा टेके।
लंबे समय तक मीडिया के चहेते रहे अरविंद केजरीवाल इन दिनों पत्रकारों से नाराज हैं। न्यूजलॉन्ड्री की एक रिपोर्ट बताती है कि उन्होंने अपने ऑफिशियल वॉट्सएप ग्रुप से हिंदुस्तान टाइम्स के 7 पत्रकारों को बाहर का रास्ता सिर्फ इसलिए दिखा दिया क्योंकि उनके पेपर में AAP की आलोचना करने वाला एक लेख प्रकाशित हुआ था। क्या केजरीवाल अपने झूठ के पुरंदों से जनता को भ्रमित करने वाली खबरे एवं लेख प्रकाशित करवाना चाहते हैं? कभी नागरिकता संशोधक कानून विरोध में पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और रोहिंग्यों को बचाने शाहीन बाग बनवाना, और कृषि कानून दिल्ली में लागू करने के बावजूद यू-टर्न लेकर वापस लेकर किसान आंदोलन के समर्थन में कूद कर जनता को गुमराह करने का ही काम करते रहे हैं। बस चुनावों में जनता को ये फ्री तो कभी वो फ्री का लालच देकर सत्ता हथियाते रहो।
ये लेख 6 मई को अखबार में छपा। इसकी हेडलाइन Anatomy of Capital oxygen crisis: 5 things Delhi govt didn’t get right है। इसमें मुख्यत: बताया गया कि कैसे AAP सरकार ऑक्सीजन सप्लाई करने में विफल हुई, कैसे वह दिल्ली में ऑक्सीजन का वितरण नहीं कर पाई, कैसे उन्होंने ऑक्सीजन रिफिलिंग सिलेंडर के बारे में जागरूकता नहीं फैलाई, कैसे मरीजों की मदद के लिए कोई सेंट्रालाइज्ड नंबर नहीं तैयार किया, कैसे दिल्ली में पीएसए प्लांट लगाने को मना किए गए और कैसे दूसरी लहर में सरकार ने रिस्पॉन्स किया।
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित इस रिपोर्ट को स्वेता गोस्वामी ने लिखा था। इसे पढ़ने के बाद अरविंद केजरीवाल के मीडिया कॉर्डिनेटर विकास योगी ने 7 रिपोर्टरों को ग्रुप से बाहर का रास्ता दिखा दिया। IANS पत्रकार नवनीत मिश्रा ने AAP की इस हरकत का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया।
जिस रिपोर्टर ने कोरोना प्रबंधन में दिल्ली सरकार की 5 बड़ी लापरवाही उजागर की,उसे प्रवक्ता ने आधिकारिक मीडिया वाट्सअप ग्रुप से बाहर कर दिया। क्या दिल्ली सरकार की यही है अभिव्यक्ति की आजादी?कुछ साल पहले 1 टीवी पत्रकार को भी ऐसे बाहर किया गया था।दिल्ली सरकार को सच्चाई बतानी चाहिए pic.twitter.com/ajGHKEcniL
— Navneet Mishra (@navneetmishra99) May 7, 2021
पार्टी नहीं। ये दिल्ली सरकार का ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप है जिसमे सरकार पत्रकारों से बात शेयर करती है।
— Nandkishor R Balotiya (@Nandkishor_81) May 7, 2021
— Bharath Gopu (@bgopu1973) May 8, 2021
नवनीत ने लिखा, “जिस रिपोर्टर ने कोरोना प्रबंधन में दिल्ली सरकार की 5 बड़ी लापरवाही उजागर की,उसे प्रवक्ता ने आधिकारिक मीडिया वॉट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया। क्या दिल्ली सरकार की यही है अभिव्यक्ति की आजादी? कुछ साल पहले 1 टीवी पत्रकार को भी ऐसे बाहर किया गया था। दिल्ली सरकार को सच्चाई बतानी चाहिए।”
स्क्रीनशॉट में नजर आने वाला ग्रुप AAP का ऑफिशियल मीडिया ग्रुप है, जिसमें 150 से ज्यादा पत्रकार जुड़े हुए हैं। सरकार इस पर प्रेस रिलीज और हेल्थ बुलेटिन आदि भेजती है। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि AAP की इस बचकाना हरकत पर केवल कुछ लोगों ने आवाज उठाई। बाकी सबने इस पर चुप्पी साधी हुई है।
न्यूजलॉन्ड्री से बातचीत में पत्रकारों ने दिल्ली सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये को उजागर किया और बताया कि कैसे पत्रकारों को इस तरह ग्रुप से निकालने संबंधी सवाल करने पर वह उन मीडियाकर्मियों को भी जवाब नहीं दे रहे, जिन्हें वो पर्सनली जानते हैं। पत्रकारों ने यह भी बताया कि भले ही केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस रोज करते हों, लेकिन किसी पत्रकार को कॉन्फ्रेंस में उनसे सवाल पूछने की आजादी नहीं है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जहाँ चुनिंदा लोगों ने पत्रकारों को बाहर करने पर अपनी आवाज उठाई, वहीं कई वरिष्ठ पत्रकार ग्रुप में ऐसे भी रहे, जिन्होंने केजरीवाल सरकार की नजरों में उतरने से बचने के लिए मौन धारण किए रखा।
न्यूजलॉन्ड्री की रिपोर्ट में पत्रकार का हवाला देते हुए लिखा गया, “ग्रुप में 150 से अधिक पत्रकार हैं और उनमें से बहुत वरिष्ठ संवाददाता हैं। लेकिन कुल 6 लोगों ने निष्कासन पर सवाल उठाया, बाकी सभी चुप रहे।” आगे पत्रकार के हवाले से कहा गया, “यह बहुत स्पष्ट है कि कोई भी सरकार को दुखी नहीं करना चाहता है। शायद वे डरते हैं कि उन्हें जानकारी नहीं मिलेगी या फिर उनका संगठन उनके बोलने पर उनका समर्थन नहीं करेगा।”
अवलोकन करें:-
कोरोना संकट के बीच दिल्ली ऑक्सीजन की कमी के कारण बेहाल है। लेकिन AAP पार्टी इस समय भी उन मीडियाकर्मियों पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं जिन्होंने इन हालातों के लिए उन्हें जिम्मेदार कहा। अभी कुछ समय पहले ही एक आरटीआई में खुलासा हुआ था कि अरविंद केजरीवाल ने साल 2021 के शुरुआती तीन महीनों में कैसे 150 करोड़ रुपए आरटीआई में उड़ा दिए। वहीं 2 साल में एड पर 800 करोड़ का खर्च किया गया।
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