आंध्र प्रदेश : मोदी जी ईसाई धर्मांतरण की पोल खोलने वाले सांसद पर अत्याचार क्यों?: अपने ही सांसद के पीछे क्यों जगन की CID

                      आंध्र में ईसाई धर्मांतरण की पोल खोलने वाले MP को 'टॉर्चर' करने की तस्वीरें 
आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस के बागी सांसद रघुराम कृष्णम राजू ने हिरासत में टॉर्चर करने का आरोप सीआईडी पर लगाया है। नर्सापुरम से सांसद राजू को सीआईडी ने 14 मई 2021 को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें जब मजिस्ट्रेट के पास पेश किया गया तो उनके वकील ने दावा किया कि उन पर पुलिस ने थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। इसकी वजह से अब वे चलने में भी सक्षम नहीं हैं।

वकील ने यह भी कहा कि कुछ महीने पहले ही उनकी बाइपास सर्जरी हुई थी। लिहाजा टॉर्चर किए जाने के बाद उनकी मेडिकल जाँच बेहद जरूरी है। वकील के मुताबिक राजू को 14 मई की रात 11 बजे के करीब उनके गुंटूर स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त वे सोने जा रहे थे। अचानक पाँच लोग उनके कमरे में दाखिल हुए। उन लोगों ने रूमाल से अपना चेहरा ढक रखा था। वकील के अनुसार उन्हें सांसद ने बताया कि उन लोगों ने रस्सी से उनके पैर बाँध दिए। इसके बाद एक ने छड़ी से और दूसरे ने रबर की मोटी छड़ी से उनके पैर पर वार किए।

ऐसे में यह भी प्रश्न पूछा जा रहा है कि जब सांसदों को सरकारी सुरक्षा मिली होती है, तो जिस समय सांसद पर अत्याचार हो रहा था, सांसद की सुरक्षा कहाँ थी? इस बात की भी जाँच होनी चाहिए। 

टॉर्चर करने के बाद उन लोगों ने उन्हें चलने का आदेश दिया। उन्हें चलता देख दोबारा उन्हें प्रताड़ित किया गया। जब वे चलने में सक्षम नहीं रहे तो उन लोगों ने उन्हें कमरे में छोड़ दिया। मजिस्ट्रेट ने वकील की बातें सुनने के बाद वाई सिक्योरिटी सुरक्षा की मौजूदगी में उनकी मेडिकल जाँच के निर्देश दिए हैं।

सीआईडी के एडिशनल एसपी ने बताया है कि राजू के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। YSRCP सांसद कृष्णम राजू आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण में लिप्त ईसाई मिशनरियों के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं। पूर्व में अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से जान का खतरा होने की बात भी वे कह चुके हैं।

राजू की गिरफ्तारी तब हुई है जब उन्होंने 27 अप्रैल को CBI की विशेष अदालत से मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की जमानत रद्द करने की माँग की थी। उन्होंने कहा था कि जगन मोहन रेड्डी ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। उन्हें आईपीसी की धारा 50(2), 124(A), 153 और 505 के तहत नोटिस देने के बाद गिरफ्तार किया गया। राजू के परिजनों ने गिरफ़्तारी का विरोध भी किया। बावजूद उन्हें गिरफ्तार करके गुन्टूर के सीआईडी ऑफिस ले जाया गया।  

ट्विटर पर पायल मेहता नाम की एक यूजर ने कृष्णम राजू की हिरासत की तस्वीरें पोस्ट की हैं जिनमें कृष्णम राजू के पैरों में निशान देखे जा सकते हैं।

राजू ने अपनी ही पार्टी से जान को ख़तरा बताते हुए केन्द्रीय सुरक्षा की माँग की थी। उन्होंने जून 2020 में कहा था कि पार्टी के विधायक और समर्थक लगातार उन्हें जान से मार डालने की धमकी दे रहे हैं और राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रशासन उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहा है। मई 2020 में एक न्यूज़ डिबेट में उन्होंने कहा था कि आंध्र प्रदेश में मिशनरी के लोग खुलेआम धर्मांतरण हो रहा है।

जब आंध्र प्रदेश में तिरुपति तिरुमला देवस्थानम बोर्ड (TTD) ने मंदिर की संपत्ति को नीलाम करने का निर्णय लिया था तब राजू ने हिन्दुओं की भावनाओं को देखते हुए इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी। हाउस-साइट डिस्ट्रीब्यूशन और बालू बेचने में हुए भ्रष्टाचार को लेकर भी उन्होंने मंदिर प्रशासन पर सवाल खड़े किए थे] जिसके बाद उनकी अपनी ही पार्टी विधायकों के साथ तीखी बहस हुई थी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के होते ईसाईकरण का विरोध करने पर जब एक सांसद को उसी की पार्टी के राज्य में इतनी उत्पीड़िन झेलनी पड़ रही है, आम नागरिक का क्या हाल होता होगा, कल्पना की जा सकती है। अब किसी को कोई असहिष्णुता नज़र नहीं आ रही। कहां है #intolerance गैंग?

आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे पर राजू ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा था कि प्रदेश में सरकारी आँकड़ों में भले ईसाइयों की संख्या 2.5% बताई जाती है, लेकिन वास्तविकता में यह 25% से कम नहीं है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर साल 2019 में खबर आई थी कि जगन मोहन रेड्डी सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं को रफ़्तार देने पर फोकस नहीं है। वह लोगों को मुफ़्त में चीजें देने की नीति पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इससे न सिर्फ़ सार्वजनिक संपत्ति को भारी क्षति पहुँच रही है, बल्कि राज्य में धर्मांतरण को भी बढ़ावा मिल रहा है।

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