दिल्ली : 10 हिन्दू लड़कियाँ चिल्ड्रेन होम से कैसे हुई गायब?

                               तीस हजारी स्थित डीएमआरसी चिल्ड्रेन होम (साभार: सलाम बालक ट्रस्ट)
दिल्ली के एक चिल्ड्रेन होम से 10 लड़कियों के गायब होने की खबर सामने आई है। तीस हजारी स्थित डीएमआरसी चिल्ड्रेन होम का संचालन सलाम बालक ट्रस्ट करता है। इन लड़कियों की 3 मई 2021 से कोई खबर नहीं है। इनके अगवा होने को लेकर दिल्ली के द्वाराका सेक्टर-23 पुलिस थाने में 24 मई को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी।

यह पूरा मामला तब प्रकाश में आया ​जब इनकी तलाश में दिल्ली पुलिस की ओर से 2 जुलाई 2021 को टाइम्स ऑफ इंडिया में विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया। पुलिस ने इन लड़कियों के बारे में विवरण देते हुए इनके बारे में सूचना देने की अपील आमलोगों से की है। इस बाबत हमने दिल्ली पुलिस और सलाम बालक ट्रस्ट से बात करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

टाइम्स ऑफ इंडिया में दिए गए विज्ञापन का स्क्रीनशॉट

गायब हुई लड़कियों के नाम हैं: निशा, सुष्मिता, सीता, सुषमा, सुशीला, सांचमाया, सिम्मी, संगीता, स्वीटी और अनीषा। इनकी उम्र 20 से 26 वर्ष के बीच है। विज्ञापन में इनको अगवा किए जाने की आशंका जताई गई है। स्ट्रीट चिल्ड्रेंस के लिए इस बाल गृह का निर्माण डीएमआरसी ने 2010 में किया था और इसकी जिम्मेदारी सलाम बालक ट्रस्ट को सौंपी गई थी।

सलाम बालक ट्रस्ट दिल्ली स्थित एक गैर-सरकारी संस्था है। इसकी स्थापना इंडियन ट्रस्ट ऐक्ट 1908 के अंतर्गत दिसंबर 1988 में हुई थी। यह ट्रस्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कार्यशील और बेसहारा बच्चों को सहायता प्रदान करता है। यह ट्रस्ट दिल्ली के कई इलाकों में लड़के और लड़कियों के लिए शेल्टर होम और चिल्ड्रन होम चलाता है।

दिल्ली के आश्रय गृहों से इस तरह महिलाओं के लापता होने का यह पहला मामला नहीं है। कुछ साल पहले दिल्ली के ही दिलशाद गार्डन स्थित एक शेल्टर होम से 9 लड़कियों के गायब होने की खबर आई थी। इनमें एक नाबालिग भी थी। शेल्टर होम के कर्मचारियों ने लड़कियों के भाग जाने के बारे में सूचना दी थी। लेकिन शेल्टर होम की दूसरी लड़कियों ने पुलिस को बताया था कि गायब हुई लड़कियों के साथ सही व्यवहार नहीं होता था। इस मामले में डीसीडब्ल्यू ने लड़कियों के अपहरण की आशंका भी जताई थी।

गौरतलब है कि 2018 में बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक शेल्टर होम से नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद इन केंद्रों की स्थिति राष्ट्रीय मुद्दा बन गई थी। उसके बाद कई जगहों से इस तरह के मामलों की शिकायत मिली थी।

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