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दिल्ली मेट्रो : अश्लीलता की पराकाष्ठा ; सीट पर बैठ हस्तमैथुन करता दिखा युवक: ओरल सेक्स का भी Video वायरल

                                 मेट्रो में अश्लील हरकतें (तस्वीर साभार: वीडियो से लिए स्क्रीनशॉट)
सोशल मीडिया पर मेट्रो में रिकॉर्ड हुई दो आपत्तिजनक घटनाओं की वीडियोज वायरल हो रही हैं। एक वीडियो में खुलेआम एक आदमी को चलती मेट्रो में मास्टरबेशन करते देखा जा सकता है और दूसरी वीडियो में ओरल सेक्स हो रहा है। कथिततौर पर एक घटना दिल्ली की है। इन्हें IANS के असिस्टेंट एडिटर अतुल कृष्णन ने शेयर किया है।

अतुल ने लिखा, “ये सब हो क्या रहा है दिल्ली मेट्रो में। पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए वरना ऐसी और वीडियोज देखने को मिलेंगी।”

हैरानी की बात यह है कि दोनों वीडियो चलती ट्रेन में रिकॉर्ड की गई हैं। पहली क्लिप में देख सकते हैं कि दो आदमी हैं और एक दूसरे के सामने झुककर ओरल सेक्स कर रहा है। बैकग्राउंड में सिर्फ ट्रेन का दरवाजा दिखाई दे रहा है इसलिए इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती कि ये दिल्ली मेट्रो की है या कहीं और की।

दूसरे क्लिप में भी देख सकते हैं कि एक आदमी मेट्रो की सीट पर बैठ मोबाइल में देख रहा है और मास्टरबेट कर रहा है। पहले इनके बगल में एक लड़का-लड़की बैठे दिखते हैं। हालाँकि उसके बाद दोनों लड़का-लड़की चले जाते हैं और वो तब भी लगातार सेक्सुअल एक्टिविटी करता रहता है।

वीडियो देखकर पता चल रहा रहै कि सामने बैठे व्यक्ति ने इस वीडियो को बनाया है। साइड में बैठी महिला आदमी को देख घिन खा रही है और मेट्रो पर स्टेशन का नाम दिल्ली कैंट नजर आ रहा है।

ऑपइंडिया ने इन दिनों ही वीडियोज पर अतुल कृष्णन से बात की। उन्होंने बताया कि वो पहली वीडियो को लेकर पुष्टि नहीं कर सकते कि वो दिल्ली मेट्रो की है या नहीं। लेकिन दूसरी वीडियो को लेकर वो कहते हैं कि ये दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन की ही है।

इन वीडियोज के सामने आने के बाद DMRC ने कहा- “हम यात्रियों से मेट्रो में यात्रा करते समय जिम्मेदारी से व्यवहार करने का अनुरोध करते हैं। यदि अन्य यात्री इस तरह के आपत्तिजनक व्यवहार को देखते हैं तो उन्हें कॉरिडोर, स्टेशन, टाइम आदि का विवरण देते हुए तुरंत डीएमआरसी हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें।”

इससे पहले ऐसा मामला इसी साल जनवरी के महीने में आया था। तब जाकिर नाम के आदमी को डीटीसी में महिला यात्री के सामने अश्लील हरकत करते पकड़ा गया था। मध्यप्रदेश में भी एक आदमी विश्वेश्वर महादेव मंदिर के आगे प्राइवेट पार्ट दिखाने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। 2022 में एक गुरुग्राम का इंजीनियर भी दिल्ली मेट्रो में महिला के सामने ऐसी बेशर्मी करते पकड़ा दया था।

दिल्ली : 10 हिन्दू लड़कियाँ चिल्ड्रेन होम से कैसे हुई गायब?

                               तीस हजारी स्थित डीएमआरसी चिल्ड्रेन होम (साभार: सलाम बालक ट्रस्ट)
दिल्ली के एक चिल्ड्रेन होम से 10 लड़कियों के गायब होने की खबर सामने आई है। तीस हजारी स्थित डीएमआरसी चिल्ड्रेन होम का संचालन सलाम बालक ट्रस्ट करता है। इन लड़कियों की 3 मई 2021 से कोई खबर नहीं है। इनके अगवा होने को लेकर दिल्ली के द्वाराका सेक्टर-23 पुलिस थाने में 24 मई को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी।

यह पूरा मामला तब प्रकाश में आया ​जब इनकी तलाश में दिल्ली पुलिस की ओर से 2 जुलाई 2021 को टाइम्स ऑफ इंडिया में विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया। पुलिस ने इन लड़कियों के बारे में विवरण देते हुए इनके बारे में सूचना देने की अपील आमलोगों से की है। इस बाबत हमने दिल्ली पुलिस और सलाम बालक ट्रस्ट से बात करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।

टाइम्स ऑफ इंडिया में दिए गए विज्ञापन का स्क्रीनशॉट

गायब हुई लड़कियों के नाम हैं: निशा, सुष्मिता, सीता, सुषमा, सुशीला, सांचमाया, सिम्मी, संगीता, स्वीटी और अनीषा। इनकी उम्र 20 से 26 वर्ष के बीच है। विज्ञापन में इनको अगवा किए जाने की आशंका जताई गई है। स्ट्रीट चिल्ड्रेंस के लिए इस बाल गृह का निर्माण डीएमआरसी ने 2010 में किया था और इसकी जिम्मेदारी सलाम बालक ट्रस्ट को सौंपी गई थी।

सलाम बालक ट्रस्ट दिल्ली स्थित एक गैर-सरकारी संस्था है। इसकी स्थापना इंडियन ट्रस्ट ऐक्ट 1908 के अंतर्गत दिसंबर 1988 में हुई थी। यह ट्रस्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कार्यशील और बेसहारा बच्चों को सहायता प्रदान करता है। यह ट्रस्ट दिल्ली के कई इलाकों में लड़के और लड़कियों के लिए शेल्टर होम और चिल्ड्रन होम चलाता है।

दिल्ली के आश्रय गृहों से इस तरह महिलाओं के लापता होने का यह पहला मामला नहीं है। कुछ साल पहले दिल्ली के ही दिलशाद गार्डन स्थित एक शेल्टर होम से 9 लड़कियों के गायब होने की खबर आई थी। इनमें एक नाबालिग भी थी। शेल्टर होम के कर्मचारियों ने लड़कियों के भाग जाने के बारे में सूचना दी थी। लेकिन शेल्टर होम की दूसरी लड़कियों ने पुलिस को बताया था कि गायब हुई लड़कियों के साथ सही व्यवहार नहीं होता था। इस मामले में डीसीडब्ल्यू ने लड़कियों के अपहरण की आशंका भी जताई थी।

गौरतलब है कि 2018 में बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक शेल्टर होम से नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद इन केंद्रों की स्थिति राष्ट्रीय मुद्दा बन गई थी। उसके बाद कई जगहों से इस तरह के मामलों की शिकायत मिली थी।

दिल्ली मेट्रो महिलाओं के लिए मुफ्त : केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट का झटका

दिल्ली मेट्रो महिलाओं के लिए मुफ्त :  केजरीवाल सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
महिलाओं की दिल्ली में मेट्रो और बसों में मुफ्त यात्रा के आम आदमी पार्टी की सरकारी के प्लान पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस पर फटकार लगाई है सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि आप अगर महिलाओं को फ्री में मेट्रो में चलने देंगे तो मेट्रो नुकसान में जाएगी। कोर्ट ने कहा कि आप चाहते हैं कि मेट्रो को जो नुकसान हो उसकी भरपाई केंद्र करें? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दो टूक कहा कि कोई ऐसा फैसला न ले जिससे मेट्रो नुकसान में जाये 
वहीं जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा यदि आप लोगों को मुफ्त यात्रा करने की अनुमति देते हैं तो यह समस्या होगी जस्टिस मिश्रा ने कहा कि तब हम सभी बंद कर देंगे। आप नुकसान के बारे में बात करते हैं जो आपके पास है वो  जनता का पैसा है दुरुपयोग करेगी को अदालत शक्तिहीन नहीं है खुद की बनाई नीतियों से दिवालियापन नहीं आना चाहिए 
Image result for केजरीवालवहीं सुनवाई के दौरान EPCA ने कहा कि पिछले पांच साल में मेट्रो को ऑपरेशन में कोई घाटा नहीं हुआ है हालांकि दिल्ली सरकार को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि केंद्र को दिल्ली मेट्रो के चरण IV के लिए भूमि की लागत का 50 प्रतिशत वहन करना होगा दोनों को 2447.19 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा वहीं केंद्र ने इसका विरोध करते हुए कहा कि फिर तो सब राज्य आ जाएंगे इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ दिल्ली के लिए है 
इसके अलावा सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि मेट्रो के चौथे चरण के लैंड कोस्ट (जमीन की कीमत) को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार आधा आधा वहन करेगी सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि मेट्रो के चौथे चरण के निर्माण में देरी नही होनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने ऑथोरिटी को चेताया भी है सुप्रीम कोर्ट ने चौथे चरण के निर्माण के लिए तुरंत पैसा रिलीज करने के आदेश दिए और कहा कि ये तीन हफ्ते के भीतर हो जाना चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चौथा चरण 103.94 किलोमीटर का है जिसे जल्द पूरा करें 
दरअसल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में घोषणा की थी कि 29 अक्टूबर से महिलाओं के लिए डीटीसी और क्लस्टर बसों की सवारी मुफ्त होगी इसके बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन की बसों में मुफ्त सवारी योजना जल्द ही लागू की जाएगी, लेकिन मेट्रो ट्रेनों के मामले में कुछ समय लगेगा क्योंकि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को इसके लिए तैयारी करनी थी 
दिल्ली सरकार के इसी फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी हैसुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सरकार ऐसा कदम ना उठाए क्योंकि इससे जनता का पैसा बर्बाद होगा और डीएमआरसी यानि मेट्रो संचालन विभाग को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा 
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दिल्ली में महिलाओं को डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा से संबंधित प्रस्ताव को दिल्ली कैबिनेट ने सैद्धांति...

दिल्ली : क्या महिलाओं के लिए फ्री हो सकती है बस और मेट्रो की सवारी?


For the first time in the country, women will be able to travel freely in metro and buses
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है। दिल्ली सरकार जल्द ही महिला यात्रियों के लिए बस और मेट्रो का किराया माफ कर सकती है, ताकि उनके लिए सार्वजनिक यात्रा को सुविधाजनक बनाया जा सके। 
द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'सरकार सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की योजना बना रही है। इस निर्णय के कारण दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, दिल्ली परिवहन निगम और क्लस्टर स्कीम की बसों को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा।'
माना जाता है कि दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की अध्यक्षता में डीएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर संभावित परिदृश्य पर विचार किया जा रहा है, जहां महिला यात्री रियायत या पूर्ण शुल्क माफी का लाभ उठा सकती हैं। गहलोत ने इस संबंध में अधिकारियों से प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ये कदम उठाने के लिए रास्ता निकाला जा रहा है, क्योंकि तकनीकी चुनौतियों की वजह से इसे लागू करना मुश्किल है। हालांकि, DMRC (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) द्वारा अभी तक इस तरह की योजना पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
मेट्रो में हर दिन करीब 30 लाख लोग यात्रा करते हैं, जिसमें से 25 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं होती हैं। दिल्ली में मेट्रो की तुलना में लोग बस ज्यादा उपयोग करते हैं, लेकिन बस में महिला यात्रियों की संख्या 20 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है। बस में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 42 लाख के करीब है।
दिल्ली सरकार के इस फैसले को चुनाव से जोड़कर भी देखा जा सकता है। अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद आम आदमी पार्टी की नजर अब विधानसभा चुनाव पर है।

प्रति वर्ष 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा

नई योजना का सीधा फायदा आप सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि हालिया लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद दिल्ली सरकार मास्टर स्ट्रोक योजना की तलाश में है जिससे वह मतदाताओं का भरोसा फिर पा सके।  एक हिंदी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से पूछा है कि वह बताए कि महिलाओं को दी जाने वाली यह सुविधा वो कैसे लागू करेगा? इसके लिए मुफ्त पास की सुविधा दी जाएगी या किसी अन्य विकल्प की तलाश करनी होगी? एक अनुमान के मुताबिक अगर ये योजना लागू की जाती है तो दिल्ली सरकार पर प्रति वर्ष 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा?
लगता है, अरविन्द केजरीवाल दिल्ली वालों को मुफ्तखोर बनाकर महिला मतदाताओं को लुभाने में प्रयत्नशील है। एक तरफ केजरीवाल कहते हैं कि मोदी सरकार हमें काम करने नहीं देती, फिर किस आधार पर महिलाओं को बसों और मेट्रो में मुफ्त सफर करवाएंगे? क्योंकि केन्द्र में फिर से  आ गयी है। अपनी चुनावी रैलियों में तेज भागते बिजली के मीटर बदलने की बात कही थी, तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा किए घोटालों के 370 आरोप दिखाकर में जेल भेजने की बात भी कही थी, दोनों ही बातें पूरी नहीं हुई। केजरीवाल जी आपके कई विधायकों ने अपने क्षेत्रों में कई विकास कार्य किये हैं, उनको आधार बनाकर क्यों नहीं चुनाव की बिसात बिछाते। आखिर कब तक जनता को मुफ्तखोरी के सब्जबाग दिखाकर रिछाते रहोगे?