उत्तर प्रदेश :हम पैदाइशी लड़ाकू; ‘मुस्लिमों ने कानून हाथ में ले लिया तो हिंदुओं को भागने की जगह नहीं मिलेगी’: बरेली में तौकीर रजा ने उगला जहर

                                                                     मौलाना तौकीर रजा
बरेली में ‘धर्म संसद’ आयोजित कर मुस्लिम धर्म गुरु और आईएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर राज ने हिंदुओं को धमकी दी है। उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित इस्लामिया ग्राउंड में यह संसद बुलाई गई थी, जिसमें तकरीबन 20 हजार मुस्लिम पहुँचे थे। इस दौरान हिंदुओं के खिलाफ जहर ही नहीं उगला गया, बल्कि कोरोना गाइडलाइन की भी जमकर धज्जियाँ उड़ाई गईं। इस दौरान न किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और ना ही किसी के चेहरे पर मास्क दिखा।

इस दौरान भड़काऊ भाषण देते हुए रजा ने कहा कि जिस दिन मुस्लिम कानून हाथ में ले लेंगे, उस दिन हिंदुओं को पूरे देश में कहीं पनाह नहीं मिलेगा। रजा ने कहा, “अगर ये गुस्सा फुट पड़ा, जिस दिन मेरा नौजवान मेरे कंट्रोल से बाहर आ गया उस दिन….. । लोग मुझे कहते हैं कि तुम तो बुजदिल हो गए हो, तो मैं कहता हूँ कि पहले मैं मरूँगा, उसके बाद तुम्हारा नंबर आएगा। मैं अपने हिंदू भाइयों से खासतौर पर कहता हूँ कि मुझे उस वक्त से डर लगता है, जिस दिन मेरा ये नौजवान कानून अपने हाथ में ले लेगा उस दिन हिंदुस्तान में तुम्हें रहने की कहीं जगह नहीं मिलेगी।”

अपनी कुर्सी की खातिर छद्दम धर्म-निरपेक्षता का ज्ञान बांटने वाले नेताओं और पार्टियों को तौकीर के ज्ञानवर्धक भाषण पर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं? यदि यही बात किसी हिन्दू नेता, साधु अथवा संत ने कही होती, यही छद्दम धर्म-निरपेक्ष आसमान सिर पर उठा लेते, गिरफ़्तारी की मांग कर रहे होते, लेकिन अब सबके मुंह में दही जम गया है।  

तौकीर रजा ने हिंदुओं को चुनौती देते हुए कहा, “लड़ने का तुम्हें बहुत शौक है, लेकिन तुम लड़ने की बात कर सकते हो, लड़ नहीं सकते हो। लड़ाई तो हमारे खून में है, हम पैदाइशी लड़ाकू हैं।” मौलाना ने कहा कि उनकी बहू-बेटियों को बरगलाने और जाल में फँसाने की बात कही जाती है, और मुस्लिम खून का घूँट पीकर रह जाते हैं।

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मौलाना ने कहा कि क्या वह देशप्रेमी हो सकता है, जो अपने ही देश के लोगों (मुस्लिमों) को मारने की बात करे? उन्होंने कहा, “लेकिन हम तुमसे नहीं लड़ना चाहते, क्योंकि तुम हमारे हिंदुस्तानी भाई हो।अगर लड़ना है तो चलो चीन बॉर्डर पर। देखते हैं तुम्हारी बहादुरी। यहाँ बीस हजार नौजवान आए हैं और सिर पर कफन बाँध कर आए हैं अपनी जान देने के लिए। मेरे नौजवानों को थोड़ी सी ट्रेनिंग और थोड़े से हथियार दे दो, हम कैलाश मानसरोवर चीन से ले लेंगे और पाकिस्तान को हिंदुस्तान में मिला लेंगे।”

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