कर्नाटक :हिजाब के बाद अब स्कूलों में नमाज की जिद

                                                   कर्नाटक के स्कूलों में नमाज (फोटो साभार: TOI/CNN)
जब सडकों पर नमाज़ पढ़ने की जिद हो रही थी, तभी तत्कालीन और वर्तमान सरकार और नेताओं को वोट बैंक राजनीति को छोड़ कट्टरपंथियों के षड़यंत्र को समझने की जरुरत थी। आखिर छद्दम सेकुलरिज्म के नाम पर कब तक जनता को पागल बनाया जाता रहेगा? क्योकि भारत में सेकुलरिज्म one way traffic के समान है, जो केवल हिन्दुओं पर लागु किया जाता है, अन्यों पर नहीं, क्यों? अगर भारत में जयचंदों की कमी नहीं है तो मीर ज़ाफरों की भी नहीं। 
जब CAA के विरोध में जगह-जगह बने शाहीन बागों में हिन्दुत्व के विरुद्ध नारेबाज़ी हो रही थी, तब जयचंदी उनके सुर में सुर मिलाते नज़र आये, सेकुलरिज्म और संविधान का पाठ पढ़ाने वाली पार्टियों और नेताओं ने भी हिन्दुत्व विरोधी नारों को नज़रअंदाज़ करते रहे, क्यों?  

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) की छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के आह्वान के बाद कर्नाटक के उडुपी में सामने आए हिजाब विवाद के बाद राज्य के कई इलाकों में इस तरह की कट्टरपंथी सोच वाली घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। राज्य के कई इलाकों के स्कूलों में मुस्लिम छात्र-छात्राओं द्वारा नमाज पढ़ने की घटनाएँ सामने आई हैं।

कर्नाटक बगलकोट जिले के एक स्कूल में 6 विद्यार्थी स्कूल में ही नमाज पढ़ने लगे, इसको लेकर बवाल हो गया है। स्कूल में नमाज पढ़ने देने पर स्थानीय लोग भड़क गए। हालाँकि, कहा जा रहा है कि स्कूल द्वारा अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद स्कूल में नमाज पढ़ते देखे गए। सीएनएन न्यूज18 के वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि कुछ छात्राएँ स्कूल के बरामदे में ही नमाज पढ़ रही हैं।

वहीं, मंगलुरु के कडबा तालुका के अनकथाडका स्थित गवर्नमेंट हायर प्राइमरी स्कूल में नमाज पढ़ने की घटना सामने आई है। इस स्कूल के क्लासरूम में ही छात्र नमाज पढ़ने लगे। मुस्लिम विद्यार्थियों द्वारा नमाज पढ़ने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

यह वीडियो 4 फरवरी की बताई जा रही है। इस वीडियो में नमाज पढ़ते दिखने वाले बच्चे कक्षा पाँच और छह में पढ़ते हैं। मामला तब लोगों की नजर में आया जब इसका वीडियो क्लिप वायरल हुआ है। वीडियो देखने के बाद स्थानीय लोगों ने इस घटना का विरोध करना शुरू कर दिया। मामला तूल पकड़ता देख राज्य के शिक्षा विभाग ने शुक्रवार (11 फरवरी) को स्कूल का दौरा किया।

फरवरी 11 को पढ़े गए नमाज के संबंध में स्कूल के शिक्षकों को जानकारी नहीं थी, लेकिन जैसे ही इस संबंध में उन्हें जानकारी मिली स्कूल प्रशासन ने सभी छात्रों को क्लासरूम के भीतर धार्मिक गतिविधियों ना करने की चेतावनी जारी कर दी।

इतना ही नहीं, इनमें से स्कूल के कुछ मुस्लिमों विद्यार्थियों के परिजनों ने स्कूल प्रशासन से जुमे की नमाज के लिए अनुमति देने की माँग की। उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज (शुक्रवार की नमाज) के लिए उनके बच्चों को स्थानीय मस्जिदों में जाने की अनुमति दी जाए।

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कर्नाटक में बढ़ता कट्टरपंथ

ये पहली बार नहीं है कि स्कूलों में नमाज पढ़ने की घटना सामने आई है। राज्य कोलार के एक सरकारी स्कूल के करीब 20 मुस्लिम छात्र स्कूल क्लास में नमाज (Namaz) अता करते देखे गए थे। बताया गया था कि इन छात्रों को शुक्रवार (21 जनवरी 2022) की नमाज के लिए स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने इजाजत दी थी। स्कूल की कक्षा में नमाज पढ़ने की भनक लगने के बाद हिंदू संगठनों ने इसका जमकर विरोध किया था।
मुलबगल सोमेस्वरा पलाया बाले चंगप्पा सरकारी कन्नड़ मॉडल हायर प्राइमरी स्कूल (Mulbagal Someswara Palaya Bale Changappa Government Kannada Model Higher Primary School) की इस घटना के बाद प्रधानाध्यापिका उमा देवी को सस्पेंड कर दिया गया था।

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