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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द की मोहम्मद जुबैर की याचिका (फाइल फोटोज) |
मोहम्मद जुबैर ने इस मामले में राहत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मोहम्मद जुबैर ने इन तीनों को ‘घृणा फैलाने वाला (Hate Mongers)’ कहा था, जिसके बाद खैराबाद स्थित ‘बड़ी संगत’ के मुखिया और ‘राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना’ के संरथापक बजरंग मुनि के शिष्यगणों ने विरोध प्रदर्शन किया था। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि मोहम्मद जुबैर आदतन ऐसी करतूतें करता रहा है और उस पर पहले भी मामले दर्ज हुए हैं।
उसके खिलाफ एक बच्ची की ऑनलाइन प्रताड़ना के सम्बन्ध में दर्ज केस की भी चर्चा की गई। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि मामला अभी शुरुआती चरण में ही है और आगे जाँच होनी बाकी है। साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में सबूत जुटा कर पेश किए जाने के बाद ही कुछ निष्कर्ष निकाला जा सकेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर ये आरोप झूठे हैं और जानबूझ कर बदनाम करने के लिए लगाए गए हैं, तो जाँच में ये सब सामने आ जाएगा।

मोहम्मद जुबैर ने 27 मई 2022 को किए गए अपने ट्वीट में टाइम्स ऑफ इंडिया के विनीत जैन को टैग करते हुए लिखा था, “बहुत बढ़िया! हमें यति नरसिंहानंद सरस्वती या बजरंग मुनि या आनंद स्वरूप जैसे हेट मोंगर को किसी समुदाय या मजहब के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद आयोजित करने की क्या जरूरत है, जब उससे बढ़िया काम करने के लिए स्टूडियो में एंकर मौजूद हैं।” महंतों को हेट मोंगर कहने पर राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सीतापुर जिलाध्यक्ष भगवान शरण ने खैराबाद में FIR दर्ज कराई थी।
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