‘हिंदू होना पाप है क्या?’ : रॉकेट्री की आलोचना पर नंबी नारायण का सवाल, कहा- ‘मैं हिंदू हूँ तो फिल्म में मुस्लिम-ईसाई दिखाएँगे क्या?’

नंबी नारायण
80 के दशक तक फिल्मों में हिन्दू-मुस्लिम-ईसाई इतना नहीं था, जितना आज। 90 का दशक आते-आते इस बात की होड़ लगने लगी कि हिन्दुत्व के मुकाबले ईसाई और मुस्लिम को हिन्दुत्व के ऊपर दिखा दर्शकों को मुर्ख बनाकर अपनी तिजोरी ज्यादा भरता है। जिस कारण सामाजिक एवं पारिवारिक फिल्मों के नाम पर अश्लीलता परोसी जाने लगी। उसका परिणाम यह हुआ कि 90 के दशक पूर्व जो अभिनय वैम्प किया करती थी, वह भी नायिकाओं से लिया जाने लगा।  

‘रॉकेट्री- द नंबी इफेक्ट’ फिल्म में इसरो वैज्ञानिक को हिंदू परंपराओं का पालन करते हुए दिखाए जाने पर लिबरल आलोचकों ने जो सवाल खड़े किए थे, उन पर स्वयं नंबी नारायण ने जवाब दिया है। उन्होंने पूछा है कि क्या हिंदू होना पाप है। अगर वो हिंदू हैं और हिंदू धर्म का अनुसरण करते हैं तो वही तो उनकी बायोग्राफी में दिखाया जाएगा।

इस सन्दर्भ में एक पुराना किस्सा स्मरण आता है कि एक बार एक मुस्लिम नेता ने DRDO को लिखा था कि आप जो भी हथियार(missile आदि) बनाते हैं हिन्दू नाम ही क्यों रखते हो, उस पर DRDO ने बहुत ही सुन्दर जवाब दिया था कि यह डॉ अबुल कलाम से पूछिए। नाम वही रखते हैं।  

डेक्कन वाहिनी को दिए गए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने फिल्म की आलोचना को गलत बताते हुए कहा,

“मैं हिंदू हूँ। मुझे कोई शर्म नहीं है हिंदू होने में। क्या हिंदू होना पाप है? अगर मैं हिंदू हूँ और मेरी कहानी दिखाई जा रही है तो वो मुझे हिंदू की तरह ही तो दिखाएँगे । वह लोग मुझे मुस्लिम या ईसाई तो नहीं दिखा सकते…। तो फिर हम किस बारे में बात कर रहे हैं? क्या ब्राह्मण होना पाप है? मैं ब्राह्मण नहीं हूँ, वो अलग सवाल है। अगर कोई ब्राह्मण है तो क्या आप उसे हटा देंगे? कितने ब्राह्मण हैं जिन्होंने इस देश को अपनी सेवा दी। कोई एक नहीं। बहुत सारे। मैं आपको लिस्ट दे सकता हूँ।”

उन्होंने कहा, “मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि हम बेवजह मामले को रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। हम नरेंद्र मोदी को भाजपा नेता कहते हैं न कि प्रधानमंत्री। आपकी जानकारी के लिए बताता हूँ, नरेंद्र मोदी को भूल जाएँ। क्या आप जानते हैं कि वर्तमान के केरल मुख्यमंत्री ने मेरा कितना समर्थन किया था? जिस ढंग से उन्होंने मुझे समर्थन दिया वो जितना बताओ उतना कम है? उन्होंने मेरे मामले को लंबा खिंचने से रोका। ऐसे में क्या मुझे कम्युनिस्ट कहा जाने लगेगा।”

वह इंटरव्यू में साफ करते हैं कि उनका किसी भी राजनीतिक पार्टी के प्रति कोई झुकाव नहीं है। लेकिन फिर भी उनसे सवाल हो रहे हैं क्योंकि लोगों की एक मानसिकता बन गई है। वह कहते हैं, “आप मुझसे सवाल नहीं पूछते, क्योंकि आपने एक तरह की मानसिकता बनाई हुई है कि आप मुझ पर बीजेपी का ठप्पा लगाना चाहते हैं।” 

उन्होंने इंटरव्यू लेने वाले को सलाह दी वो अपने सवाल में सुधार करें और चीजों को समझें। तब उन्हें पता चलेगा कि चाहे शिवसेना हो या कोई और उनसे किसी का कोई लेना देना नहीं है।

वह बोले, “अगर कोई मुझे समर्थन देता है है तो कृपया ऐसा न दिखाएँ कि मैं उस पार्टी विशेष का हो गया हूँ। मैं ये देखकर खुश होता हूँ मैंने नरेंद्र मोदी और पिनराई विजयन दोनों से बात की। वह दोनों ही शीर्ष पर हैं। अगर मेरा केस सही नहीं होता तो ये दो लोग क्यों मेरे साथ आते।”

रॉकेट्री की आलोचना

नंबी नारायण के जीवन पर आधारित रॉकेट्री फिल्म 1 जुलाई 2022 को सिनेमाघरों में आई थी। आर माधवन ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट को लिखा, इसे डायरेक्ट किया और इसमें लीड रोल निभाया। इस फिल्म को देखने के बाद कई लिबरलों ने इस पर सवाल खड़े किए थे। फिल्म आलोचक अनुपमा चपड़ा ने कहा था, “ये सराहनीय बात है कि फिल्म ने नारायणन की उपलब्धियों को सुर्खियों में ला दिया है। लेकिन फिल्म में लगातार उनकी राष्ट्रभक्ति दिखाई गई है और बार-बार उनके धर्म को प्रदर्शित किया गया है। सबसे पहले ही दृश्य में नारायण अपने घर में पूजा कर रहे हैं और किसी भी महत्वपूर्ण समय में वह प्रार्थना ही करते दिखते हैं। “

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