चंपारण के मदरसे से देश विरोधी प्लानिंग, NIA ने मौलवी को दबोचा: 5 बोरी किताबें बरामद, 100 लड़कियों को दे रहा था ‘तालीम’

पूर्वी चंपारण के ढाका से मदरसे के मौलवी को NIA ने किया गिरफ्तार (फोटो साभार: TV9 भारतवर्ष)
अक्सर इस बात का उल्लेख करता रहता हूँ कि मुस्लिम कट्टरपंथी नूपुर शर्मा मुद्दे को जितना अधिक जीवित रखेंगे, उससे कहीं अधिक यह इस्लाम के लिए घातक होगा। यह कटु सच्चाई है। इसलिए यह हर शांतिप्रिय मुसलमानों का फ़र्ज़ है कि वह मुल्लावाद के खिलाफ खड़े हों। क्यों नहीं मौलवी आगे आकर नूपुर के बयान पर चर्चा करते, क्योकि इस बात को वह भी जानते हैं कि नूपुर ने किसी अपशब्द की बजाए वही कहा जो इस्लामिक किताबों में लिखा है। चर्चा यह भी है कि कट्टरवादी कोर्ट इसलिए नहीं जा अगर तीस हज़ारी कोर्ट का 31 जुलाई 1986(नीचे लिंक क्लिक करके पढ़िए) और Calcutta High Court में दर्ज कुरान की 124 आयतों के खिलाफ केस को पुनः खोल दिया वास्तव में इनके लिए घोर संकट खड़ा हो जायेगा। कोई मुस्लिम देश नहीं बोल पाएगा। वैसे भी अब तो सोशल मीडिया यानि यूट्यूब पर तो चर्चाओं में कुरान पर ही प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं, और सब मुंह में दही जमाए बैठे हैं। किसी में खंडन करने का साहस नहीं, बस शरारती तत्वों को लालच देकर डर का माहौल बनाकर अशांति फैलाते रहो। इन कट्टरपंथी मौलानाओं को इतना ज्ञान तो होना ही चाहिए कि जब 800 साल में मुग़ल आतताई हिन्दुत्व को ख़त्म करने में असफल रहे। भारत को छोड़ कहीं उनका नामलेवा नहीं, लेकिन हिन्दुत्व आज भी वही खड़ा है। 

कांवड़ यात्रा रोकने का षड़यंत्र 

कांवड़ियों के ट्रक के नीचे एक मुसलमान व्यक्ति की मौत हो जाती है जिसको लेकर बवाल खड़ा हो गया आसपास के रहने वाले मुस्लिम युवकों ने कहा कांवरियों ने जानबूझकर इस व्यक्ति को मारा है पुलिस ने सभी कांवरियों के खिलाफ तुरंत केस दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी, लेकिन भला हुआ एक बच्चे का जो एक जगह खड़ा होकर कावड़ियों की झांकी का वीडियो बना रहा था और यह घटना भी उस बच्चे के मोबाइल में कैद हो गई वीडियो जांच में सामने आया मरने वाला मुस्लिम व्यक्ति जानबूझकर कावड़ियों के ट्रक के पिछले पहिए के नीचे कूद गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। देवबंद अति संवेदनशील मुस्लिम बहुल इलाका है ऐसी घटना से जातिय दंगा भड़कने की पूरी संभावना रहती है लेकिन इस बच्चे की बनी वीडियो वायरल से मामला पुलिस ने तुरंत शांत करा दिया। 

योगी सरकार को इस मृतक के परिवार को मिलने वाली सरकारी सुविधा वापस ही नहीं ली जाएं बल्कि अब तक मिल चुकी सुविधाओं को ब्याज सहित वापस लिया जाए और परिवार के बैंक खातों की जाँच करवाई जाए। क्योंकि इस लघु वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि न ट्रक ने टक्कर मारी और न ही किसी ने धक्का दिया। यह किसी षड़यंत्र के तहत किया गया है, यूँही कोई मौत के मुंह में नहीं जाता।   

लेकिन सोचने वाली बात यह है आखिर मरने वाला मुसलमान शख्स ने सुसाइड करने के लिए कावड़ियों का ही ट्रक को क्यों चुना कहीं यह कोई दंगा भड़काने की सोची समझी साजिश तो नहीं थी पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। 

अवलोकन करें :-

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Court Ruling: Some Ayats in the Quran cause Communal Riots | IndiaFacts
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Court Ruling: Some Ayats in the Quran cause Communal Riots | IndiaFacts

बिहार के पटना में हाल में ही ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)’ के कुछ संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है। जिसके बाद उनके खतरनाक मंसूबों के बारे में देश को पता चला है। इस गिरफ्तारी के बाद से बिहार की पुलिस व जाँच एजेंसी NIA सक्रिय है। NIA अपनी तरफ से लगातार जाँच कर रही है।

इसी सिलसिले में 19 जून, 2022 को पटना से ढाका पहुँची एनआईए की टीम ने पचपकड़ी रोड स्थित जामिया मारिया मिसवा मदरसा से तीन लोगों को हिरासत में लिया। इस दौरान सिकरहना डीएसपी राजेश कुमार समेत एसडीओ व कई पुलिस अधिकारी थाना पर मौजूद रहे।

पटना से आई एनआईए की टीम जामिया मारिया मिसवा मदरसा ढाका के पचपकड़ी पहुँची और मदरसा के मौलवी मुफ्ती असगर अली को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही मदरसा के दो अन्य लोगों को भी कस्टडी में लेकर ढाका थाना पहुँची। हालाँकि पूछताछ के बाद उन दोनों को छोड़ दिया गया और अली असगर को लेकर जाँच एजेंसी पटना आ गई है। जहाँ उससे दोबारा पूछताछ की जाएगी। मौलाना पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है।

एफआईआर में अली का नाम भी है। पुलिस इस सिलिसिले में उसके घर पर भी दबिश देने पहुँची थी, जहाँ पाँच बोरे में उर्दू की किताबें मिली हैं। ये किताबें आपत्तिजनक बताई जा रही हैं, जिनकी आगे जाँच की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि वे कैसी मजहबी किताबें हैं। 

असगर अली पलनवा थाना के सिसवनिया गाद गाँव का रहने वाला है और जामिया मारिया मिसवा मदरसा में बच्चों को तालीम देने का काम करता था। ढाका के पचपकड़ी में स्थित जामिया मारिया मिसवा मदरसा का संचालन वर्ष 2013 से हो रहा है। इस मदरसे में लगभग 100 मुस्लिम लड़कियों को तालीम दी जाती है। अली असगर ढाका बड़ी मस्जिद के नायाब इमाम मोहम्मद नेसार के कमरे में रहता है। मस्जिद के नायाब इमाम ढाका थाना क्षेत्र के जमुआ के रहने वाले हैं।

ढाका पहुँची एनआईए की टीम को लेकर एसपी डॉ. कुमार आशीष ने भी कुछ बताने से इनकार किया है। डीएसपी सिकरहना राजेश कुमार ने सिर्फ एनआईए की टीम के आने की पुष्टि की, मगर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम पर देश विरोधी गतिविधियाँ चल रही थी, जिसका खुलासा होने का बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियाँ पूरे बिहार में लगातार कार्रवाई कर रही हैं। 

इससे पहले इस मामले में बिहार की पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से पाँच लोगों की गिरफ्तारी की थी। इस मामले में कुल 26 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। बिहार पुलिस की फुलवारी शरीफ कार्यालय में छापेमारी के दौरान पुलिस को आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे, जिनमें से एक का शीर्षक था – ‘2047 इंडिया टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया’। इसके अलावा इनके पास से पीएफआई के पर्चे भी बरामद किए गए थे।

मोदी के पटना दौरे से 15 दिन पहले से ही इन आतंकियों को फुलवारी शरीफ में ट्रेनिंग दी जा रही थी। पीएम मोदी को मारने की साजिश को लेकर उन्होंने 6 और 7 जुलाई को बैठकें कीं। हालाँकि, बिहार पुलिस का कहना है कि पीएम मोदी को सीधा खतरा नहीं था।

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