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| साभार: Zee News |
बिहार के मुजफ्फरपुर के MDDM कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं द्वारा मचाए गए बवाल पर अब हर जगह चर्चा हो रही है कि कर्नाटक से लेकर बिहार तक किसी न किसी बहाने देश का माहौल ख़राब करने वाले/वालियों इन शांतिप्रिय, गरीब और मजलूमों के परिवारों की आर्थिक स्थिति एवं बैंक खातों की गहन जाँच करवानी चाहिए। हिजाबी छात्राओं ने आरोप लगाए कि टीचर ने उन्हें देशद्रोही कहा जबकि शिक्षक का कहना था कि वो बस कान में ब्लूटूथ चेक कराने को बोल रहे थे।
अब इस पूरे मामले को देखने के बाद स्कूल प्रिंसिपल मुस्लिम छात्राओं के ऐसे रवैये से बेहद परेशान हैं। उन्होंने कहा कि ये हैरान करने वाला है कि ग्याहरवीं की छात्राएँ ये सब कर रही हैं। ऐसा लगता है कि इन्हें कोई मजहब और हिजाब के नाम पर गलत राह दिखा रहा है। स्कूल में मजहब और जाति के नाम पर कोई भेदभाव होता ही नहीं है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कैसे लड़कियों ने कान न दिखाने के बदले पेपर छोड़ने की ठान ली थी और फिर बात मजहब पर ले आईं।
It's shocking that a class 11th girl will behave like this. It seems somebody has misdirected her in the name of religion and hijab. There's no discrimination based on religion or caste on school premises: College Principal pic.twitter.com/0rr5h9I2XQ
— ANI (@ANI) October 16, 2022
Good 👍
— Alok (@Alok18461742) October 17, 2022
Very soon they will say at Airport you can’t check the burqa…let us go in or else Muslims are being pull down in this fascist regime…I can see writing on the wall…and let a see now what gyaan we get from hon Supreme Court bench..
— Prem Sethi (@PremSet14864307) October 17, 2022
इससे पहले कॉलेज प्रिंसिपल ने घटना को बेहद शर्मनाक कहा था। उन्होंने बताया कि छात्राओं की यह हरकत यहाँ का माहौल बिगाड़ने की एक साजिश है। इस कॉलेज का इतिहास काफी पुराना है। ये छात्राएँ इंटर की हैं। सभी लोगों को मोबाइल हटाने और ब्लूटूथ हटाने को कहा गया था। लेकिन इन लोगों ने इसे एक अलग ही मामला बना लिया और धर्म से जोड़कर बवाल करने लगीं।
She said that she won't write the exams but won't show her ears. Then she started raising this issue on the basis of religion: College Principal pic.twitter.com/8ftOcM6VAi
— ANI (@ANI) October 16, 2022
To create useless drama and play Radical Islamic politics
— Akash Aryavart (@AkashAryavart) October 17, 2022
The whole world is protesting against wearing the hijab.
— SK (@Saket_IsTheName) October 17, 2022
If hijab is more important for these girls then why don't they go to some madarsa.
The earlier tweets were deleted and redone after blurring the faces to conceal the identity of the students.
— ANI (@ANI) October 16, 2022
उन्होंने ये भी जानकारी दी थी कि छात्राओं की अटेंडेंस भी 75% से कम है। अब तो शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी का भी निर्देश है कि कम अटेंडेंस पर्सेंट वाली छात्राओं को फाइनल एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाए। ये लोग बेवजह का दबाव बना रहे हैं। ताकि कॉलेज प्रशासन इनके सामने झुक जाए। हिजाब की कोई बात नहीं थी। ये जिस शिक्षक पर आरोप लगा रही हैं, उन्होंने देशद्रोही और पाकिस्तान जाने जैसी कोई बात नहीं कही थी। ये लोग मनगढ़ंत बातें बनाकर बेवजह मामले को तूल दे रही हैं।

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