चलो देर आए दुरुस्त आए, अप्रयत्क्ष रूप में इस्लामिक संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद और उसके चीफ मौलाना अरशद महमूद मदनी ने मान गए कि ॐ और अल्लाह एक हैं। अब हिन्दू संगठन यह भी प्रश्न कर रहे है कि जब ॐ और अल्लाह एक है फिर अज़ान और नमाज़ में ॐ का जाप कब? अल्पज्ञानी मदनी को शायद यह नहीं मालूम कि ॐ शब्द में समस्त देवी-देवताओं का समावेश है। कई बार अपने लेखों में 'नमाज', 'अल्लाह' और 786 का हिन्दू धर्म से सम्बन्ध के बारे में लिख चूका हूँ। लेकिन अब मदनी ने तो ॐ और अल्लाह की परिभाषा बता दी। मदनी ने जो जहर उगला है,लोकेश मुनि की तर्ज पर समस्त हिन्दुओं, हिन्दू संगठनों को गंभीरता से लेकर जवाब देना होगा। जमीयत और मदनी के विरुद्ध बिगुल बजाकर स्पष्ट कहा जाए कि "अगर तुम्हारे कहने में सच्चाई है, फिर नमाज और अज़ान की ॐ का उच्चारण करवाओ या जहर फ़ैलाने पर माफ़ी मांगो। महन्त धीरेन्द्र शास्त्री ठीक कहते हैं कि 'हद में रहोगे, ठीक है।'
इस जीती जागती सच्चाई पर ध्यान आज तक किसी का क्यों नही जा पाया। इससे अधिक सनातन होने का प्रमाण क्या चाहिए? यह अत्यन्त ही दुर्लभ जानकारी है। जिसको लुप्त करने का प्रयास करने वाले सेक्युलर लोगों पर इतिहास की इस सच्चाई का बडा तमाचा है। इस छोटे से विडियो का किसी के पास उत्तर नहीं मिल सकता। विडिओ बनाने वाले शोध करता को नमन करते हैं और निवेदन करते हैं ऐसी और छुपी हुई सच्चाईयों को ढूंढें और सनातन विरोधी तत्वों की जुबान पर ताला लगाएं।
इस्लामिक संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद और उसके चीफ मौलाना अरशद महमूद मदनी लगातार चर्चा में बने हुए हैं। पहले भारत को मुस्लिमों की मातृभूमि बताने के बाद अब मौलाना मदनी ने मनु, आदम तथा ॐ और अल्लाह को एक बता दिया है। इसको लेकर जैन आचार्य मुनि लोकेश ने मदनी को लताड़ लेते हुए मंच छोड़ दिया था। हालाँकि अब आचार्य चिदानंद ने मदनी के बयान का समर्थन किया है। वहीं चक्रपाणि महाराज ने मदनी को सनातनी बताया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद ने कहा है, “मदनी के बयान में सहमति और असहमति की बात नहीं है। मैंने अपने विचार अपने ढंग से प्रकट किए। उन्होंने अपने विचार अपने ढंग से प्रकट किए हैं। जिसको सुनना होगा वो सुनेगा। मुझे नहीं मालूम लोकेश मुनि जी के मन में क्या था और उन्होंने क्या समझा है। किस रूप में इसे लिया है।”
आचार्य चिदानंद ने यह भी कहा है, “मैंने मदनी की बात को इस रूप से लिया है कि मैं सब का सम्मान करता हूँ। मेरे लिए सब समान है और मैं सब का सम्मान करता हूँ। यही हमारे देश का संविधान भी है। हालाँकि यदि कोई इस्लाम धर्म को मानता है और उसकी विशेषता बताता है, तो उसको बताना ही चाहिए। यह स्वाभाविक है। वह उसकी विशेषता बताएँगे ही।”
उन्होंने आगे कहा है कि हिंदू धर्म मानने वाला भी हिंदू धर्म की विशेषता बताएगा। लेकिन अपने अपने धर्म की विशेषता को बताते हुए अपने मूल से, अपने मूल्यों से और अपनी जड़ों से अपनी संस्कृति तथा संस्कारों से जुड़े रहना चाहिए। यही आज का संदेश है।
वहीं मदनी के बयान को लेकर अब इस पर अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने भी पलटवार किया है। चक्रपाणि महाराज ने कहा है कि मौलाना मदनी ने कहा है वह मनु को मानते हैं तो मनु तो सनातन धर्मी थे। उन्हें भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण कर बचाया था। इसलिए मौलाना मदनी भी सनातनी हिंदू हुए। अब उन्हें राष्ट्रभक्ति दिखाने, वंदे मातरम बोलने और भारत माता की जय बोलने की आवश्यकता है। क्योंकि हिंदू सनातन धर्मी राष्ट्रभक्त होते हैं।
मनु, आदम तथा ॐ और अल्लाह को बताया था एक
मौलाना मदनी को जैनाचार्य लोकेश मुनि ने लगाई लताड़
जमीयत के मंच से लोकेश मुनि ने जताया विरोध,- 'कोई भी संत मदनी से सहमत नहीं है'
— India TV (@indiatvnews) February 12, 2023
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अब नई कहानी, नया नजरिया। इस्लाम जो १४०० वर्ष पूर्व था ही नही, उसे प्राचीन भारतीय इतिहास से जोड़ा जा रहा है। हिंदुओ को अब एक नए जूठ से लड़ना पड़ेगा। "मनु और अल्लाह सब से पहले धरती पर आए"। मनघड़ंत कहानियो को सोचनेवाले ने क्या दिमाग लगाया है। आफरीन। पठान, डॉन से भी बढ़िया कहानी।
— Ajay K Mehta (@ajaykmehta) February 12, 2023
इस्लाम सबसे पुराना धर्म और पाकिस्तान दुनिया का सबसे पुराना देश 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣यें सब मदरसे के डिग्री होल्डर है 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
— Sanjay Joshi (@JoshiJ62848364) February 12, 2023
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