दिल्ली के मॉडल टाउन से आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को साल 2020 में एक लॉ छात्र को परेशान व बदसलूकी करने के मामले में दोषी करार दिया गया है। अखिलेश पर आरोप था कि उन्होंने छात्र पर जातिगत टिप्पणियाँ की थीं।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा, “अभियोजन ने आईपीसी की धारा 323 के तहत त्रिपाठी के अपराध को साबित कर दिया है और उन्हें उसी के लिए दोषी ठहराया गया है, जबकि उन्हें धारा 341/506 (1) आईपीसी और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम), 1989 की धारा 3(1)(आर) और 3(1)(एस) के तहत बरी किया गया है।”
इस मामले में अदालत ने इसी साल 16 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था और 10 दिना बाद यानी कि 26 मार्च को इस पर फैसला सुनाया गया। अब कोर्ट में आप नेता की सजा पर सुनवाई 13 अप्रैल 2023 को होगी। इस दौरान कोर्ट ने त्रिपाठी को 10 दिनों के भीतर अपनी संपत्ति और आय का हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया है।
A FIR was registered on the basis of a complaint filed by one Sanjeev Kumar wherein he stated that on February 7, 2020 he along with his friend Raj Kishore was stopped by Tripathi at Lal Bagh
— Hindustan Times (@htTweets) March 26, 2023
(Deepankar Malviya reports )https://t.co/kij99nWnuC
यह पूरा मामला साल 2020 में हुए दिल्ली चुनाव से एक दिन पहले का है। शिकायतकर्ता संजीव कुमार ने कहा था कि 7 फरवरी 2020 की रात करीब 11:30 बजे वह अपने दोस्त राज किशोर के साथ कूड़ा फेंककर अपने घर जा रहे थे तभी अखिलेश त्रिपाठी ने उन्हें अपने समर्थकों के साथ उन्हें झंडेवालान चौक पर रोका और उसके बाद उनकी स्कूटी की चाबी छीन, बुरी तरह पीटा। संजीव का कहना था कि इस दौरान उनपर जातिगत टिप्पणियाँ भी हुईं। हालाँकि कोर्ट ने अखिलेश को इस मामले में दोषी नहीं पाया और सिर्फ धारा 323 के तहत उन्हें दोषी पाया।

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