कई पहलवानअपने ही जाल में खुद उलझती जा रही पहलवानें। अब तो सम्पूर्ण जगत उड़ा रहा इनका उपहास। और अब खिलाड़ी सिर्फ इनका मोहरा बनकर रह गए है। यदि पहलवानों का भी यौन शोषण होता है तो पहलवान होने पर धिक्कार है लानत है। यानि टूलकिट देश में अराजकता फैला रहा है। जितने भी मोदी और भाजपा विरोधी है, सब इस आग को हवा देने मैदान में कूद असली समस्या से ध्यान भटका रहे हैं।
पहलवानों और WFI का विवाद (व्याख्या) इस पूरे विवाद में 4 पक्ष हैं:
1. बृज भूषण सिंह - भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष
2. कुछ प्रमुख विरोध करने वाले पहलवान - बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, साक्षी मलिक
3. दीपेंद्र हुडा
4 राजनेता

BBS सिंह ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया, उस समय वह समाजवादी पार्टी में थे -
उन्होंने मुलायम सिंह से मदद मांगी, मुलायम ने अहमद पटेल से बात की।
उस समय कांग्रेस सपा के समर्थन से सत्ता में थी
अहमद पटेल ने दीपेंद्र हुदा को पीछे हटने के लिए कहा उन्होंने भारी मन से नामांकन वापस लिया
BB सिंह 2012 में WFI के अध्यक्ष बने - अध्यक्ष पद 4 साल के लिए है, उन्होंने 2015 और 2019 में भी जीत हासिल की।
2014 में, वह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी केंद्र में जीती, इसलिए उन्हें बीजेपी से समर्थन मिला
-बृजभूषण सिंह बीजेपी के पुराने सदस्य हैं, वे राम मंदिर आंदोलन में भी शामिल थे और बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पहले व्यक्ति थे।
दीपेंद्र हुड्डा 2011, 2015 और 2019 में हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने
बीबी सिंह भारतीय इतिहास में WFI के सबसे सफल अध्यक्ष बने।
उनके कार्यकाल में भारतीयों ने कई मेडल जीते ,
इससे WFI में उनकी स्थिति और मजबूत हुई लेकिन सबसे ज्यादा मेडल हरियाणा के पहलवानों ने जीते
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सबसे चर्चित केस में से एक 2016 में सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच हुआ था।
सुशील ओलंपिक पदक विजेता थे और वह रियो ओलंपिक में खेलना चाहते हैं लेकिन WFI नरसिंह को भेजना चाहता था।
सुशील हरियाणा के थे और नरसिंह यूपी के।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला, कोर्ट ने सुनाया फैसला
नरसिंह के पक्ष में लेकिन जाने से पहले ही वह डोप टेस्ट में फेल हो गए।
उन्होंने सुशील कुमार को दोषी ठहराया और कहा की हरियाणा के कुछ खिलाडिय़ों ने उनके खाने में मिलावट की।
2020 में, एक और विवाद तब हुआ जब विनेश फोगट को निलंबित कर दिया गया जब उन्होंने भारतीय लोगो के स्थान पर अपनी ड्रेस पर प्रायोजक लोगो प्रदर्शित किया
टोक्यो ओलंपिक में।
उसने अन्य पहलवानों के साथ रहने से भी इनकार किया।
वह पदक नहीं जीत सकीं - WFI और हरियाणा के पहलवानों के बीच विवाद तब बढ़ा जब WFI ने नवंबर 2021 में नए चयन नियम लाए,
नए नियमों के अनुसार, प्रत्येक और प्रत्येक पहलवान पदक धारक या नहीं
उन्हें नेशनल खेलना है और ट्रायल से गुजरना है।
WFI ने हर राज्य का कोटा भी तय किया।
हरियाणा फेडरेशन ने किया इसका भारी विरोध लेकिन WFI पीछे नहीं हटी- बी बी सिंह और हरियाणा फेडरेशन के बीच जून 2022 में खुली लड़ाई हुई थी WFI ने हरियाणा फेडरेशन को किया भंग
हरियाणा फेड के अध्यक्ष पद से दीपेंद्र हुड्डा को हटाकर रोहतास को नया अध्यक्ष नियुक्त किया।
दूसरी तरफ बजरंग, विनेश और साक्षी नए चयन नियमों का विरोध कर रहे थे और उन्होंने गुजरात में राष्ट्रीय खेलों और दिसंबर में नई दिल्ली में चयन ट्रायल में भाग नहीं लिया।
दिसंबर 2022, डब्ल्यूएफआई ने साफ किया कि चयन ट्रायल में भाग लेने वालों पर केवल एशियाई खेलों के लिए विचार किया जाएगा, यानी बजरंग, विनेश और साक्षी के लिए खेल खत्म - जनवरी 2023, उन्होंने जंतर मंतर पर बीबी सिंह के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया। उनके शुरुआती आरोप कार्यशैली के थे
लेकिन यह यौन उत्पीड़न का एंगल बाद में आया -
सरकार द्वारा नियुक्त समिति के बाद उन्होंने अपना विरोध बंद कर दिया - डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष का अगला चुनाव मई 2023 को निर्धारित किया गया था।
लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि बीबी सिंह अपने बेटे को अध्यक्ष पद के लिए बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं
- बजरंग, विनेश और साक्षी बिना चयन परीक्षण के एशियाई खेल खेलना चाहते थे,
हुडा अध्यक्ष बनना चाहते थे और आम विरोधी बीबी सिंह थे इसलिए दोनों ने हाथ मिलाया
- अप्रैल 2023 से उन्होंने बीबी सिंह के खिलाफ फिर से धरना शुरू कर दिया।
अपने पिछले विरोध में उनके मुख्य आरोप असभ्य व्यवहार और बीबी सिंह के तथाकथित दुराचार थे,
लेकिन इस बार उन्होंने अपनी योजना पूरी तरह से बदल दी और केवल यौन उत्पीड़न के बारे में बोलना शुरू कर दिया।
- हुड्डा की योजना इस मामले का उपयोग करने और WFI के अगले अध्यक्ष बनने की है कि वह 2012 में नहीं बन सके -
सरकार ने मई 2023 के चुनावों को रद्द कर दिया और एक तदर्थ समिति का गठन किया
- अब यहाँ राजनेताओ की एंट्री होती है
- कर्नाटक चुनाव चल रहा है, राजस्थान , एमपी चुनाव आर आ रहे हैं
हरियाणा में अगले साल चुनाव है.
इसलिए राजनेताओ ने इस मौके का भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल करने की सोची
- इस केस को निम्नलिखित बिंदुओं पर इस्तेमाल करने के लिए एक टूल किट तैयार किया गया
1. भाजपा को महिला विरोधी के रूप में चित्रित करना
2. भाजपा को जाट विरोधी के रूप में चित्रित करना
3. जाट और राजपूत के बीच दरार पैदा करना
4. हिंदुओं को विभाजित करना
- राजस्थान , हरियाणा में जाट की बड़ी संख्या है
बीजेपी ने 2014, 2019 में सभी हिंदुओं को सफलतापूर्वक एकजुट किया।
अब हिंदुओं को बांटने की योजना बनाई गई है
- सच्चाई यह है कि वे 7 महिलाएं कौन हैं जिन्हें प्रताड़ित किया गया, कोई नहीं जानता
- बीवी श्रीनिवास के खिलाफ असम की अपनी ही पार्टी के सदस्य के लिए स्टैंड नहीं लेने वाली प्रियंका वाड्रा पहुंचीं
कांग्रेस ,जाट और राजपूत समूह ने अचानक मोदी को गाली देना और धमकी देना शुरू कर दिया।
वर्तमान में इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है लेकिन यह दर्शाता है कि राजनेता इसका उपयोग भारत में विशेष रूप से जाट और राजपूत के बीच जाति विभाजन पैदा करने के लिए करेगा।
विनेश फोगाट- 2015 मे जब मै तुर्की खेलने गई थी, तब अध्यक्ष जी ने मेरा यौन शोषण किया था
कमेटी- मगर 2015 मे तो तुर्की के कंपीटिशन मे आप गई ही नही थी, तो फिर यौन शोषण कैसे कर लिया गया
विनेश फोगाट:- साॅरी साॅरी मै डेट भूल गई थी। जब 2016 मे मै मंगोलिया खेलने गई थी, तब वहाँ अध्यक्ष जी ने मेरा यौन शोषण किया था।
कमेटी : - मतलब मंगोलिया मे अध्यक्ष जी ने आपका यौन शोषण किया था?
विनेश फोगाट :- हाँ जी मंगोलिया मे किया था।
कमेटी :- ये कैसे संभव है, जबकि मंगोलिया टूर पे तो ब्रजभूषण सिंह गये ही नही थे।
विनेश फोगाट :- हमे तो जी कमेटी पर यकीन नही है।
सारा मामला नए नियम का है जो नया नियम सभी को क्वालीफायर के लिए लोकल खेलकर जाना है जिसे इनको मंजूर नही इन खिलाड़ियों को डारेक्ट क्वालीफायर चाहिए ये नई प्रतिभागीयो के लिए नाइंसाफ़ी होगी
‘मेरा कभी नहीं हुआ उत्पीड़न, खेल जगत में ऐसे मामलों की मुझे जानकारी नहीं’: विनेश फोगाट
दिल्ली के जंतर-अंतर पर ये आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन करने बैठे हुए हैं कि WFI (भारतीय कुश्ती संघ) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है। हालाँकि, अब पहलवान विनेश फोगाट का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो साढ़े 4 साल पुराना है। नवंबर 2018 के इस वीडियो में वो ये कहती हुई दिख रही हैं कि वो ‘Me Too’ का शिकार नहीं बनी हैं और उनके साथ ऐसा कुछ गलत नहीं हुआ है।
ये नवंबर 2018 का समय था, जब दुनिया भर में और भारत में भी कई महिलाओं ने अपने साथ हुई यौन शोषण की घटनाओं का खुलासा करते हुए आरोप लगाए थे। इसी दौरान एक कार्यक्रम में पहुँचीं विनेश फोगाट से इसे लेकर सवाल पूछा गया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि खेल जगत में भी ऐसे मामले हो सकते हैं, लेकिन उन्हें इनकी कोई जानकारी नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके पूरे करियर में उन्होंने उत्पीड़न का सामना नहीं किया है।
Question: What are your thoughts on MeToo movement? Has anything happened to you?
— BALA (@erbmjha) April 30, 2023
Vinesh Phogat: By god’s grace nothing has happened to me. Maybe I’m a wrestler so people are afraid of me.
Date: 9-Nov-2018 pic.twitter.com/f2bVO0t9rp
ये तो एक्सपोज हो गया रे बाबा 😢
— Ramesh Chand (RC)🇮🇳 (@Ramesh_Chand_RC) April 30, 2023
players community? for all women. Sapna Gill similar fraud didn't have this much clout and yet damaged view of many ppl about women alleging these kind of harrassments
— #4r15c# 🇮🇳 (@harisched) April 30, 2023
Now this Vinesh(idk y this name feels masculine) is topic of the month all over India
महिला पहलवान विनेश फोगाट ने ‘Me Too’ अभियान का समर्थन करते हुए ‘Ekamra स्पोर्ट्स लिटरेरी फेस्टिवल’ में ये बातें कही थीं। एक और बड़ी बात उन्होंने ये कही थी कि जिस पहलवानी के खेल से वो जुड़ी हुई हैं, उसमें इस तरह के मामले नहीं होने चाहिए। विनेश फोगाट इससे पहले एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीत चुकी थीं। उन्होंने कहा था कि यौन शोषण के अनुभवों को साझा कर रही महिलाएँ साहसी हैं और कई बार प्रतिष्ठा खोने के डर से परिवार ही ऐसे मामलों को उठाने से रोकती है।
अब जब विनेश फोगाट सहित कई पहलवानों ने ये आरोप लगाया है कि 6 बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पिछले कई वर्षो से महिला पहलवानों का यौन शोषण करते रहे हैं, लोग उनका ये वीडियो शेयर कर के पूछ रहे हैं कि उस दौरान उन्होंने इसकी कोई चर्चा क्यों नहीं की थी? आरोप लगाने वाले पहलवानों ने अपने पारिवारिक कार्यक्रमों में भी उन्हें बुलाया था। जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों के समर्थन में पप्पू यादव, सत्यपाल मलिक, प्रियंका गाँधी और अरविंद केजरीवाल जैसे नेता भी पहुँच चुके हैं।
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