पंजाब के अमृतसर में रविवार (21 मई, 2023) को लोगों द्वारा चर्च पर हमला किया गया। हमलावरों को निहंग सिख बताया जा रहा है। यह हमला चल रही ईसाई प्रार्थना के दौरान किया गया। इस वजह से दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और हालात तनावपूर्ण हो गए। घटनास्थल पर नारेबाजी और पत्थरबाजी भी हुई। मौके पर पहुँची पुलिस ने स्थिति को काबू किया। ईसाइयों ने निहंगों पर बाइबिल की बेअदबी का आरोप लगा कर कार्रवाई की माँग की है।पंजाब के अमृतसर स्थित चर्च पर ईसाइयों की प्रार्थना के दौरान निहंगों का हमला (साभार- @paramaulakh02)
वहीं हमलावरों ने सिखों की वेशभूषा में ईसाईयत के प्रचार पर एतराज जताया है। पुलिस की मानें तो अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमलावर निहंग ही थे या कोई और। पुलिस ने केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी है। घटना रविवार (21 मई, 2023) की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला अमृतसर के गाँव राजेवाल का है। यहाँ के सिखपाल राणा मिनिस्ट्रीज चर्च में 21 मई को दोपहर के समय प्रार्थना चल रही थी। प्रार्थना के ही दौरान निहंगों के वेश में लगभग 25 हमलावर अपने चेहरों को ढँक के आ धमके।
उनके हाथों में डंडे और तलवारें थीं। आरोप है कि हमलावरों ने आते ही चर्च में मौजूद लोगों से मारपीट शुरू कर दी। बाहर खड़ी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई और चर्च में रखी बाइबिल की भी बेअदबी हुई। इस अचानक हुए हमले से पहले तो अफरातफरी मची गई और बाद में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। इस से हालात तनावपूर्ण हो गए।
Nihang Singhs att@cked Christian prayer meeting in Amritsar with sharp weapons. Nihangs have been accused of ass@ult and sacrilege of holy Bible by Christians. Police has registered FIR in this matter.
— PunFact (@pun_fact) May 21, 2023
Source: Punjab Nation TV pic.twitter.com/hezf8jS2aV
🤦♂️🤦♂️🤦♂️
— Manroop singh (@be3ast007) May 22, 2023
बताया जा रहा है कि निहंगों के हमले के जवाब में ईसाई पक्ष से भी ईंट-पत्थर चलाए गए। इस दौरान दोनों तरफ से धार्मिक नारेबाजी भी की गई। हमलावरों का आरोप था कि चर्च के अंदर सिखों के वेश में प्रार्थना करवाई जाती है जिस पर उन्हें एतराज है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुँची। पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग-अलग किया और समझाया। अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी सतिंदर सिंह के मुताबिक अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर के जाँच की जा रही है।
‘लाइव हिंदुस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार निहंग समूहों ने इस घटना में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। साथ ही उन्होंने ऐसे हमलों के लिए निहंगों की पोशाक पहनने पर भी आपत्ति जताई है। अमृतसर ग्रामीण सतिंदर सिंह के मुताबिक, केस दर्ज कर के जाँच की जा रही है। हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, पुलिस की जांच हमले का मकसद पता करना भी शामिल है।
इस हमले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दौड़ रहे निहंगों के हाथों में हथियार और डंडे देखे जा सकते हैं। कुछ लोग खुले मैदान और कुछ सड़क की तरफ भाग रहे हैं। ईसाई पक्ष खुद को पीड़ित बताते हुए अपने टूटे वाहन दिखा रहा है। पादरी जॉन का कहना था कि वो लोग चुपचाप प्रार्थना कर रहे थे कि अचानक ही हमला कर दिया गया। उन्होंने निहंगों पर सख्त कार्रवाई न होने पर पूरे पंजाब में चक्का जाम करने और उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होने का एलान किया।
घटना के बाद ईसाई समुदाय के लोगों ने ण्डली ने जंडियाला गुरु-तरनतारन मार्ग पर दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया और ट्रैफिक जाम किया। पंजाब अल्पसंख्यक आयोग सुभाष थोबा ने भी घटनास्थल का जायजा लिया। ईसाई समूहों का कहना है कि वो इस मामले को मुख्यमंत्री भगवंत मान के आगे उठाएँगे।
गौरतलब है साल 2021 में, SGPC ने पंजाब में हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए डोर-टू-डोर अभियान की शुरुआत की थी। इसी के साथ पंजाब में चर्चों पर हमलों में भी वृद्धि हुई है। अगस्त 2022 में अमृतसर के ददुआना गाँव में एक ऐसी ही घटना में निहंगों ने जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में ईसाइयों के एक कार्यक्रम को बाधित कर दिया था।
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