दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (3 अक्टूबर 2023) को अपने एक फैसले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ताजमहल के ‘सही इतिहास’ को प्रकाशित करने वाले आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया। अपनी जनहित याचिका में हिंदू सेना ने कहा कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहाँ ने नहीं, बल्कि राजपूताना (वर्तमान राजस्थान) के कच्छावा वंश के क्षत्रिय राजा मान सिंह ने बनवाया था।
इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सतीशचंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने इस मामले में ASI को निर्देश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पहले भी इस तरह की प्रार्थनाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने तब संगठन से ASI के समक्ष एक आवेदन दाखिल करने को कहा था।
शुक्रवार को उच्च न्यायालय को याचिकाकर्ता ने बताया कि ASI ने अभी तक उनके प्रत्यावेदन पर निर्णय नहीं लिया है। इसलिए, बेंच ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से उस अभ्यावेदन पर गौर करने के लिए कहा है। हिंदू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने दायर याचिका में कहा है कि ताजमहल मूल रूप से राजा मान सिंह का महल था और बाद में शाहजहाँ द्वारा इसका जीर्णोद्धार किया गया था।
यादव ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से आग्रह किया कि इतिहास की किताबों से ताजमहल के निर्माण से संबंधित ‘ऐतिहासिक रूप से गलत तथ्यों’ को हटाने के लिए ASI, केंद्र सरकार, भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार और उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दे। याचिका में ASI से ताजमहल की उम्र और राजा मान सिंह के महल के अस्तित्व के बारे में जाँच करने का निर्देश देने की भी माँग की गई है।
याचिकाकर्ता सुरजीत यादव का कहना है कि उन्होंने ताजमहल के बारे में ‘गहरा अध्ययन और शोध’ किया है। इसलिए इतिहास के तथ्यों को सुधारना और लोगों को ताजमहल के बारे में सही जानकारी देना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने जेडए देसाई द्वारा लिखित ‘ताज संग्रहालय’ नामक पुस्तक का भी उल्लेख किया, जिसमें मुमताज महल को दफनाने के लिए एक ‘ऊँची और सुंदर’ जगह का चयन किया गया था।
इस पुस्तक का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी याचिका में आगे कहा कि यह ऊँची और सुंदर जगह राजा मान सिंह की हवेली थी, जो उस समय उनके पोते राजा जय सिंह के कब्जे में थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस हवेली को कभी ध्वस्त नहीं किया गया था। यादव का कहना है कि ताजमहल की वर्तमान संरचना राजा मान सिंह की हवेली का एक संशोधन और नवीनीकरण भर है, जो पहले से मौजूद थी।
सुरजीत यादव ने कहा है, “ता संग्रहालय नामक पुस्तक में उल्लेख किया गया है कि मुमताज महल का मृत शरीर राजा जय सिंह के भूमि परिसर के भीतर एक अस्थायी गुंबददार संरचना के तहत दफनाया गया था। यह उल्लेख करना उचित है कि ऐसा कोई विवरण नहीं है, जो बताता हो कि राजा मान सिंह की हवेली को ताजमहल के निर्माण के लिए ध्वस्त किया गया था।”
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