राजस्थान विधानसभा चुनाव: बदला राज, नहीं बदला रिवाज; लेकिन तेलंगाना में बीजेपी ने झंडा बुलंद किया

राजस्थान में विधानसभा चुनावों के नतीजों से साफ हो गया है कि राज्य में बीजेपी बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। राज्य में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की हार के के साथ ही राजस्थान में कई वर्षों से हर बार सरकार बदलने का रिवाज कायम रहा है। कांग्रेसी शासन से परेशान मतदाताओं ने राज्य में राज बदलकर पार्टी को सबक सिखाने का भी काम किया है।

राजस्थान में पिछले कई वर्षो से एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस का राज आने का रिवाज बना हुआ है। यानी राजस्थान में जनता एक बार कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका देती है तो दूसरी बार बीजेपी को यह अवसर मिल जाता है। कांग्रेसी शासन में महिलाओं के खिलाफ अपराध, पेपर लीक और तुष्टिकरण की राजनीति से त्रस्त राज्य की जनता ने बीजेपी की सबका साथ-सबका विकास वाली राजनीति पर विश्वास करते हुए रिवाज का कायम रखा है। इसलिए बीजेपी को ज्यादा खुश होने की जरुरत भी नहीं। लेकिन इन विधान सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की झाड़ू कहां उड़ गयी कुछ नहीं पता? सब जगह खूब दिल्ली की तरह मुफ्त की रेवड़ियां भी देने का वायदा किया था, कोई दिल्ली वालों की तरह झांसे में नहीं आया। 

कांग्रेस ने राजस्थान में राज बचाने के लिए अपनी पूरी तात झोंक दी थी। पार्टी के सभी बड़े नेता जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटे रहे। मतदाताओं को फ्री रेवड़ी से लुभाने की कोशिश की गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर चुनावी सभा में कह रहे थे कि फिर से वापस आ रहा हूं। लेकिन पांच साल तक उनके प्रदर्शन को देख लोगों ने उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया और राज बदल दिया।

राजस्थान में 25 नवंबर को राज्य की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद 3 दिसंबर को हुई मतगणना में सुबह से ही रुझान बीजेपी के पक्ष में दिखने लगे। बीजेपी ने जल्दी ही 115 से ज्यादा सीटों पर अपनी बढ़त बना ली। रुझानों में बहुमत मिलते दिख बीजेपी कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। पार्टी कार्यालय के सामने कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों की ताल पर नाचते दिख रहे हैं।

राजस्थान में राज बदलकर सरकार बनाने जा रही बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साथा है। बीजेपी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक लिखा है कि राजस्थान की जनता के गुस्से की आंधी में उड़ी कांग्रेस सरकार।

बीजेपी नेता जयवीर शेरगिल ने कहा कि बीजेपी इस विधानसभा चुनाव में 3-0 से जीत रही है। बीजेपी का विजय रथ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जरूर आएगा। इस बार नहीं तो तेलंगाना में, भाजपा अगली बार राज्य में अपना झंडा बुलंद करेगी। 

भाजपा का टी राजा सिंह को निष्कासित करना बहुत बड़ी भूल थी। जिसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ा। यदि भाजपा ने राजा को ओवैसी के षड़यंत्र में फंस पार्टी से निकालने की बजाये उसके समर्थन में खड़ी होती, निश्चित रूप अगर सत्ता में नहीं आती तो शक्तिशाली विपक्ष बनकर उभरती। जिसमें ओवैसी सफल हो गया। ओवैसी को उसके गढ़ तक समेटे रखने में राजा की भूमिका को नाकारा नहीं जा सकता।   

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