सनातन धर्म का अपमान कांग्रेस को ले डूबा… अपनी ही पार्टी पर बरसे आचार्य प्रमोद कृष्णम, पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद बोले – सनातन को गाली देने का नतीजा

विधानसभा चुनाव 2023 में कॉन्ग्रेस पार्टी को आचार्य प्रमोद कृष्णम और पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने दिखाया आईना
इतिहास साक्षी है कि सनातन विरोधियों का विश्व में कोई नामलेवा नहीं, एक अपवाद भारत को छोड़ कर, वह भी कांग्रेस और वामपंथियों द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण करते गौरवशाली हिन्दू सम्राटों के इतिहास को धूमिल कर आतताई मुगलों को महान बता दिया गया। वही स्थिति इन विधान सभा चुनावों से पूर्व सनातन धर्म पर कितने प्रहार किये सभी ने देखा। 

मानो या न मानो, तेलंगाना में भाजपा द्वारा अपने इकलौते विधायक टी राजा सिंह के विरुद्ध ओवैसी द्वारा बिछाये जाल में फंसने की बजाए राजा के साथ खड़ी होती, तेलंगाना की स्थिति भी कुछ और ही होती। सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि भाजपा ओवैसी को ओवैसी के ही गढ़ शिकस्त दे दी होती।  ओवैसी जो अपने ही राज्य में समस्त सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने में असमर्थ है यानि अपने संसदीय क्षेत्र यानि हैदराबाद क्षेत्र को छोड़ इतने बड़े तेलंगाना में चुनाव लड़ने में पूर्णरूप से असफल हैं। ओवैसी की पार्टी AIMIM को क्षेत्रीय पार्टी भी नहीं कह सकते, ये तो मीडिया ने इसे इतना उठा रखा है। ओवैसी की पार्टी से कहीं सम्मानित समाजवादी, बहुजन समाज, जनता दल और आम आदमी पार्टी आदि पार्टियां हैं, जिनमे अपने राज्य में दबदबा होने के साथ साथ दूसरे राज्यों में जाकर जमकर चुनाव लड़ने की क्षमता रखते हैं, लेकिन ओवैसी अपने राज्य तेलंगाना में नहीं।   

देश के पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे लगभग आ चुके हैं। रविवार (3 दिसंबर, 2023) को चार राज्यों के चुनाव नतीजों जारी किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के रुझानों की मानें तो तीनों ही राज्यों में भाजपा सत्ता में आ रही है। इन चुनाव परिणामों के साथ ही कांग्रेस पार्टी को याद दिलाई जा रही है कि कैसे पार्टी ने सनातन धर्म का अपमान किया था, सनातन का अपमान करने वालों का जम कर साथ दिया।

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पिछड़ने पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “सनातन (धर्म) का विरोध करने से पार्टी डूब गई है। यह सनातन (धर्म) का विरोध करने का अभिशाप है।”

उन्होंने कहा, “भारत भावनाओं का देश है और सनातन का विरोध हमें ले डूबा। जातिवादी राजनीति को इस देश ने कभी स्वीकार नहीं किया है। 6 सितंबर, 1990 का राजीव गाँधी जी का भाषण हैं संसद में वो सुन लीजिएगा। देश अगर जातिवादी होता तो विश्वनाथ प्रताप सिंह को गाँव-गाँव पूजा जाता। विश्वनाथ प्रताप सिंह जी जब मंडल लाए थे उनसे बड़ा कोई जातिवाद का कार्ड खेलने वाला नहीं था और न हुआ, लेकिन विश्वनाथ प्रताप सिंह जी की हालत इस देश में क्या हुई ये सबके सामने है। इसीलिए, जातिवादी राजनीति और सनातन का विरोध ये हमें ले डूबे।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है ये कांग्रेस की हार नहीं है बल्कि वामपंथ की हार है। कुछ दिनों से कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता घुस आए थे और घुस आए हैं और उनका बड़ा प्रभुत्व हैं। कांग्रेस के सभी फैसलों में उनकी बड़ी भूमिका है। और वो कुछ नेता कांग्रेस को महात्मा गाँधी के रास्ते से हटाकर वामपंथ के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं और ले जा रहे हैं। जो कांग्रेस पार्टी महात्मा गाँधी के रास्ते पर चलकर यहाँ तक आई है।”

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, “महात्मा गाँधी जी के सभा की शुरुआत रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम से हुई थी। आज उस कांग्रेस को सनातन के विरोधी पार्टी के रूप में देखा जा रहा है। ये दुर्भाग्य है। कांग्रेस पार्टी ने अगर ऐसे नेताओं को नहीं निकाला तो पार्टी की हालत जल्द ही AIMIM जैसी हो जाएगी। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस को महात्मा गाँधी, पंडित नेहरू, इंदिरा गाँधी राजीव गाँधी की कांग्रेस  रहने दिया जाए। पार्टी को महात्मा गाँधी के रास्ते से हटाकर मार्क्स के रास्ते पर ले जाने वाले जो नेता है। इनको बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।” आचार्य प्रमोद ने राजस्थान और मध्य प्रदेश की हार पर कहा, “इस हार का पूरा विश्लेषण होगा। फिलहाल तो इन राज्यों के पार्टी प्रभारियों को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। अगर उनमें जरा सी भी शर्म हो। तो खुद ऐसा करना चाहिए।”

वहीं पूर्व क्रिकेटर वेंकटेंश प्रसाद ने भी सनातन धर्म का विरोध करने वालों पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट किया, “सनातन धर्म को गालियाँ देने वालों का बुरा नतीजा भुगतना पक्का था। प्रचंड जीत के लिए भाजपा को बहुत-बहुत बधाई। प्रधानमंत्री के अद्भुत नेतृत्व का एक और प्रमाण नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह और जमीनी स्तर पर पार्टी कैडर के शानदार काम का नतीजा है ये चुनाव परिणाम।”

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