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प्रतीकात्मक तस्वीर |
इस पादरी के खिलाफ POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक, 59 साल के इस पादरी की पहचान रविन्द्रनाथ के तौर पर की गई। रविन्द्रनाथ ने 13 साल के बच्चे को पहले अपनी बातों से फुसलाया। इसके बाद उसका यौन शोषण किया।
ये घटना आरोपित को हिरासत में लेने से दो दिन पहले 17 जनवरी 2024 की है। बताते चलें कि इस लड़के को इसकी माँ छोड़ कर चली गई है। वो अपनी अपनी दादी के साथ रहता है।
घटना के दिन बच्चे की दादी अस्पताल गई थीं। इसी का फायदा उठाकर पादरी ने बच्चे को बहकाया- फुसलाया और अपने घर ले गया। घर ले जाकर पादरी ने उसे केक खिलाया। उसने कथित तौर पर उसे टैबलेट पर अश्लील फोटो दिखाईं और फिर उसका यौन उत्पीड़न किया।
दक्षिण भारत में पादरियों के बच्चों और औरतों के यौन शोषण करने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले बीते साल तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक महिला ने नींद की 40 गोलियाँ निगल आत्महत्या की कोशिश की थी। महिला ने पादरी के यौन शोषण से तंग थी।
आरोपित पादरी 39 साल जगन था। उसका महिला से पहचाना चर्च में प्रार्थना के लिए आने-जाने के दौरान हुआ था। इससे पहले मार्च 2023 में तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक पादरी नर्सिंग छात्रा के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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