ओवैसी अगर तुझे 6 दिसंबर याद रहेगी, तो सनातनियों को 4000+ तारीखें याद रहेंगी, तुम्हारी हैदराबाद से बाहर पूरे तेलंगाना के 1/10 में भी चुनाव लड़ने की हैसियत नहीं।

सुभाष चन्द्र

श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई, अयोध्या में उस दिन शांति रही लेकिन रामलला के लिए सदा सजग रहना होगा, मंदिर की निरंतर सुरक्षा के प्रबंध करने होंगे क्योंकि देश को आग लगाने वालों की कमी नहीं है। 

एक तरफ कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा दिया लेकिन जिस समय यह कार्यक्रम होना था, ठीक उसी समय राहुल “कालनेमि” असम के नौगांव जिले में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान मंदिर में जाने की जिद पकड़े हुए था जिसकी अनुमति हेमंता विश्व शर्मा सरकार ने कानून व्यवस्था की स्तिथि में संभावित अड़चन का हवाला देकर नहीं दी और तब “कालनेमि” पूछता है कि अब क्या मोदी तय करेंगे कि मंदिर कौन जाएगा? अगर राहुल कोट पर जनेऊ पहनकर जाते, शायद कोई नहीं रोकता। असली बात तो यही कि राहुल ने कोट पर जनेऊ नहीं पहन रखा था। 

लेखक 
मोदी तय नहीं करता कौन मंदिर जाएगा मगर राहुल “कालनेमि” तूने तो MK Stalin के साथ मिलकर तमिलनाडु में तय कर दिया कि हिन्दू मंदिर में पूजा नहीं कर सकते जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा होनी थी तुम इटली के इतने बड़े तानाशाह “मुसोलिनी” हो गए हमारे देश में रह कर

मोदी ने कब तय किया मंदिर कौन जाएगा मगर इटली के किसी “...” को मंदिर से क्या काम हो सकता है यह तय करने का अधिकार उस गधे को भी तो नहीं दिया जा सकता यह कैसे हो सकता है कि जिस मंदिर में जाने का निमंत्रण तुम्हे दिया जाए वहां तो जाओ न और जाने की अनुमति नहीं है वहां जाकर कलेश करोगे। दूसरे, ईसाई कब से मंदिर जाने लगे। 

उधर ओवैसी भड़काने में लगा है मुसलमानों को और कह रहा है कि हमें 6 दिसंबर हमेशा याद रहेगी ओवैसी मियां, 6 दिसंबर तो 30 साल पुरानी है, हिन्दुओं को 4000+ तारीखें हमेशा याद रहेंगी। खुदाई में मिले मंदिर के अवशेषों को छुपाकर हिन्दुओं के साथ छल कर मुसलमानों को पागल बनाकर अपनी तिजोरियों को भरने वालों को पुरुषोत्तम श्रीराम कभी माफ़ नहीं करेंगे। इस बात को सभी सनातन विरोधी ध्यान रखे। दूसरे, अपने मुस्लिम समुदाय के बीच सिर्फ मुस्लिम हितों की बात करते हो और हिन्दुओं के बीच आकर दलितों की बात करते करने को दोगलापन ही कहा जाएगा। शायद यही कारण है कि तुम और तुम्हारी पार्टी तेलंगाना के किसी कुएं के मेंढक से कम नहीं, यानि हैदराबाद से बाहर पूरे तेलंगाना में चुनाव की लड़ने की हैसियत नहीं। अभी पिछले 3 महीने में जो मस्जिदें इज़रायल ने गाज़ा में ढेर की हैं, पहले उन्हें बनवा कर आओ चीन ने हज़ारों मस्जिदें बर्बाद कर दी, उनके लिए किसी में बोलने की हिम्मत नहीं बल्कि कहा जाए औकात नहीं। 

ओवैसी आग से खेलने की कोशिश कर रहा है, अगर ओवैसी को एक 6 दिसंबर याद रहेगी तो हिन्दुओं को अपने आप 4000 तारीखें याद आ जाएंगी जब 4000 मंदिर तोड़ कर मस्जिदें बनाई गई थी हिन्दुओं को भी 15 अगस्त, 1947 याद रहेगा जब तुम्हारे लोगों ने 20 लाख हिन्दुओं के शवों पर पाकिस्तान बनाया था भारत के टुकड़े करके 

ओवैसी को याद रहे, अब 1947 नहीं है, आग लगाने की कोशिश मत करे ओवैसी कहता है मुस्लिमों को केवल अल्लाह से डरना चाहिए लेकिन किस मुल्क के अल्लाह से डरना चाहिए यह भी बताए क्योंकि हर मुल्क का अल्लाह अलग है, हिन्दुस्थान का अलग है, पाकिस्तान, ईरान, इराक, बांग्लादेश, सऊदी अरब और UAE सभी का अलग है

श्री राममंदिर ने विपक्ष का जातिकार्ड ध्वस्त कर दिया है आज लाखों की संख्या में रामलला के दर्शन को अयोध्या पहुंचे लोग हर जाति के खड़े हैं, हर धर्म और संप्रदाय के हैं और हर कोई मोदी का धन्यवाद कर रामलला को देखने को लालायित है कैसे खड़ी करोगे ऐसे लोगों में जातपात की दीवारें अपने वोट साधने के लिए यह एक ऐसा सागर है जिसमें देश भर की सभी नदियां आकर जैसे मिल रही हों

ममता बनर्जी दूसरी तरफ कल सदभाव यात्रा निकाली जब प्राण प्रतिष्ठा हुई रामलला की जैसे रामलला देश में सदभाव बिगाड़ रहे हों ममता का सदभाव देखिए जो खुले आम धमकी दे रही थी कि “बीजेपी की मदद मत करिए, आप में से कोई भी बीजेपी को समर्थन करेगा। अल्लाह की कसम कोई भी आपको माफ नहीं करेगा मैं आपको माफ नहीं करूंगी। जो काफिर हैं वो डरते हैं, जो लड़ते हैं वो जीतते हैं

ऐसी बातें कह कर ममता सद्भावना पैदा करेगी या आग लगाएगी ऐसा कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यह भाषा बता रही है कि ममता ने कलमा पढ़ लिया है

ममता. महबूबा, फारूक, ओवैसी, सोनिया, लालू, अखिलेश राहुल और स्टालिन कोई भी हों, देश में शांति होती देख नहीं सकते इनसे सावधान रहना होगा

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