दारुल उलूम देवबंद फतवा दे रहा है भारत को गज़वा-ए -हिंद बनाने का जबकि यह नहीं देखते कि 75 साल पहले गज़वा-ए-पाकिस्तान लेकर क्या उखाड़ लिया, आज लोगों को खाने के लाले पड़े हैं और पूरा मुल्क पाकिस्तान “कटोरा” हाथ में लिए भीख मांगता फिर रहा है। यही हालत भारत की भी करना चाहते हैं यहां के पाखंडी मुसलमान जो सब कुछ सुविधाएं मिलने पर भी कह रहे है कि बस किसी तरह मोदी को हराना है।
![]() |
लेखक |
लेकिन पाकिस्तान की फितरत थी कि भारत को धमकी दिया करता था कि “हमारे पास एटम बम है” और वो किसी शबे बारात के लिए नहीं हैं लेकिन कभी भारत पर एटम बम चलाने की सोच भी नहीं सका पाकिस्तान क्योंकि बम फटने से पहले भारत का बम पाकिस्तान का नामोनिशान मिटा देता।
लेकिन सवाल यह उठता है कि आज पाकिस्तान ईरान को एटम बम की धमकी क्यों नहीं दे रहा? अरे रोज रोज के कलेश झेलने से बेहतर है एक बम मार दे ईरान पर और कहानी ख़त्म कर दे क्योंकि ईरान से तो किसी एटम बम पेलने की उम्मीद भी नहीं है जैसी भारत से है।
एक तरफ ईरान ने रगड़ा तो दूसरी तरफ भारत ने पाकिस्तान को रावी नदी का जाने वाला पानी पंजाब के शाहपुर कंडी बांध के गेट बंद करके रोक दिया और इसका फायदा अब जम्मू कश्मीर की 32 हज़ार हेक्टेयर और पंजाब की 5000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई में होगा क्योंकि जम्मू कश्मीर को 1150 और पंजाब को 200 क्यूसेक पानी मिलेगा। यह है भारत की तरफ से छोड़ा हुआ “पानी बम” - लोग पानी पिला पिला के मारते हैं लेकिन हम प्यासा रख के मार देंगे।
जिसे भारत में पाकिस्तान से हमदर्दी है वो पाकिस्तान चला जाए। वैसे भी ऐसे लोगों को भारत में उत्पात मचाने से बेहतर है पाकिस्तान के लिए जाकर ईरान और अफगानिस्तान और बलूच विद्रोहियों से लड़ना चाहिए।
पाकिस्तान की एक और मुसीबत खड़ी हो गई जो चुनाव के बाद भी सरकार का गठन नहीं हो पा रहा। नवाज़ शरीफ उछलता कूदता आया था लेकिन प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा होता नहीं लग रहा और अब उसका भाई शाहबाज़ शरीफ की प्रधानमंत्री बनेगा लेकिन कब तक सत्ता में रहेगा पता नहीं क्योंकि PPP कब तक साथ देगी कह नहीं सकते और बिलावल भुट्टो भी तो अपनी किस्म का पप्पू है। मजे की बात है शाहबाज़ शरीफ अपने पहले कार्यकाल में दुनिया भर के मुल्कों से “भीख” ही मांगता रहा था।
भारत में जो मुसलमान मोदी को हराने के लिए पागल हुए जा रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि मोदी विदेशों से मिले सभी उपहार नीलामी में बेच कर पैसा “नमामि गंगे प्रोजेक्ट” में लगा देता है जबकि इमरान खान को ऐसे ही उपहारों को चोरी से बेच खाने के आरोप में 14 साल की सजा हुई है। इतना फर्क भी न दिखाई दे तो आपसे बड़े अंधे कोई हो नहीं सकते।
No comments:
Post a Comment