हल्द्वानी दंगे में कांग्रेस ने ही खोल दी मणिपुर दंगे की सच्चाई : ‘हमको कमजोर समझ गलती कर रहे, हमारी ताकत का अंदाजा तुम नहीं लगा सकते’–नेता से लेकर वकील और मुल्ले सबने भड़काई हल्दवानी में हिंसा

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मणिपुर जैसे हालात की धमकी दी थी (चित्र साभार: ANI & ABP)
उत्तराखंड के हल्द्वानी में कट्टरपंथी मुस्लिमों ने जम कर हिंसा की है। इस हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। यह हिंसा कट्टरपंथी मुस्लिमों ने इसलिए की क्योंकि यहाँ प्रशासन अतिक्रमण हटाना चाहता था। हालाँकि, उत्तराखंड में दंगा भड़काने की धमकियाँ पहले से दी जा रही थीं, इससे संबंधित ट्वीट और बयान अब वायरल हो रहे हैं।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में हाल ही में UCC लागू किया गया है। इसी को लेकर मुस्लिमों के सड़कों पर उतरने की धमकी बड़े मौलानाओं से लेकर मुस्लिम सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर तक दे रहे थे। इसमें कांग्रेस के बड़े नेता भी शामिल थे। ऐसी ही कई धमकियाँ अब वायरल हो रही हैं। UCC का विरोध करने वालों में से कोई बताए कि कानून विश्व के कौन से देश में लागू नहीं है। भारत में कट्टरपंथियों द्वारा देश के किसी भी कानून का विरोध करने के कारण कोई मुस्लिम देश भारतीय मुसलमानों को वह इज्जत नहीं देता, जिसके वह अधिकारी हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा मुस्लिम देश का दौरा करने पर जो कट्टरपंथियों ने बबाल मचाया, उस पर सऊदी अरब ने किस तरह अपमानित किया किसी से छिपा नहीं। सऊदी अरब ने कहा था कि 'मुसलमान बन गए हो तो इसका मतलब नहीं कि हर मामले में दखल दो।'  

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एक पोस्ट में एक कट्टरपंथी मुस्लिम इन्फ्लुएन्सर शादाब चौहान, जो कि खुद को पीस पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बताता है, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को धमकी देता दिखा था। उसने मुस्लिमों की ताकत को कम ना आँकने की धमकी दी थी।

शादाब चौहान ने हल्द्वानी दंगे (8 फरवरी, 2024) से दो दिन पहले सीधी धमकी देते हुए लिखा था, “कान खोल करके सुन लो पुष्कर सिंह धामी, किसी की औकात नहीं है जो भारत के मुसलमानों को अल्लाह के हुकुम और हमारे नबी के तरीके पर चलने से रोक सके। अगर तुम हमको कमजोर समझ रहे हो तो गलती कर रहे हो, हमारी ताकत का अंदाज़ा तुम नहीं लगा सकते। हम हर संवैधानिक संघर्ष के लिए तैयार हैं। हमारी ताकत संविधान का अनुच्छेद 25 है, जिसके सामने तुम्हारी कोई हैसियत नहीं है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और कांग्रेस, तुम्हारी भी जिम्मेदारी है कि इसके लिए संवैधानिक संघर्ष करो।”

 उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी ऐसे हालातों की चेतावनी दी थी। उन्होंने UCC पर कहा था कि इससे राज्य में अशांति हो सकती है। राज्य के हालत मणिपुर में तब्दील हो सकते हैं। उन्होंने UCC के बाद होने वाली हिंसा का उदाहरण कूकी-मैतेई समुदाय से जोड़कर दिया था। उनका यह बयान भी अब वायरल हो रहा है।

उत्तराखंड में UCC के आते ही मुस्लिम मौलानाओं ने धमकियाँ देना चालू कर दी थीं। देहरादून के शहर काजी हम्मद अहमद कासमी ने सड़क पर उतरने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि देश के बुद्धिमान लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत नहीं मानते हैं। वहीं मुस्लिम युवाओं ने भी इस कानून को ना मानने की बात कही थी।

उत्तराखंड में मुस्लिम आबादी का एक हिस्सा UCC लाने के विरोध में था। कई कट्टरपंथी इसके खिलाफ बड़े प्रदर्शन और सड़कों को जाम करने की धमकी दे रहे थे। इसके दो दिनों के भीतर ही हल्द्वानी से हिंसा की खबर आ गई।

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