केरल : नाथूराम गोडसे के लिए किया कमेन्ट तो प्रोफ़ेसर पर हो गई FIR, सच्चाई से घबराते तुष्टिकरण करने वाले

                                                                                                                               साभार: NIT-C
केरल के कोझिकोड में एक महिला प्रोफ़ेसर पर नाथूराम गोडसे के समर्थन में कमेन्ट करने पर FIR हो गई है। केरल के कोझिकोड की पुलिस ने उनके विरुद्ध दंगा भड़काने की धारा के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। उनके खिलाफ केरल के वामपंथी छात्र संगठन ने FIR दर्ज करवाई है।
यह कार्यवाही इस बात को शत-प्रतिशत सिद्ध कर रही है कि छद्दम धर्म-निरपेक्षों और तुष्टिकरण करने वालों ने कितनी भ्रांतियां फैलाई हुई थी/हैं कि सच्चाई सुनने को तैयार नहीं। गोडसे विरोधियों को मालूम होना चाहिए कि जस्टिस खोसला ने गोडसे को उनके 150 बयान पढ़ने के लिए माइक और लाउड स्पीकर की इजाजत दी थी, जो आज तक विश्व रिकॉर्ड हैं। सेवानिर्वित होने के बाद एक पाक्षिक को सम्पादित करते शीर्षक "गोडसे ने गाँधी को मारा क्यों?" शृंखला प्रकाशित की थी।(सामने देखिए पृष्ठ) अवलोकन कीजिए नीचे दिए लिंक।  
दूसरे, अगर गोडसे ने गाँधी को मार अपराध किया है, फिर क्यों तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गोडसे के कोर्ट में दर्ज 150 बयानों को सार्वजनिक होने पर क्यों प्रतिबन्ध लगाया था? गोडसे विरोधियों को यह भी मालूम होना चाहिए कि परिवार ने आज तक गोडसे की अस्थियों को सुरक्षित रखा हुआ है। गोडसे ने कहा था कि "अखंड भारत होने पर सिंधु नदी में विसर्जन किया जाए।" 
अवलोकन करें:-
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जिन महिला प्रोफ़ेसर के विरुद्ध FIR दर्ज की गई है, वह नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (NIT) कालीकट में वरिष्ठ प्रोफ़ेसर हैं। उनका नाम शैजा अन्दावन है। वह NIT में मैकेनिकल इंजीयनियरिंग विभाग में पढ़ाती हैं। उन्होंने 30 जनवरी को महात्मा गाँधी की हत्या की बरसी पर एक पोस्ट पर कमेन्ट किया था। पोस्ट में नाथूराम गोडसे को भारत में अनेकों लोगों का नायक बताया गया था। इसमें उन्होंने नाथूराम गोडसे का समर्थन किया था।

उन्होंने एक पोस्ट पर कमेन्ट किया, “भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है।” यह पोस्ट गोडसे के समर्थन में किया गया था। उनके इस कमेन्ट का स्क्रीनशॉट वायरल हो गया। हालाँकि, उन्होंने यह कमेन्ट बाद में हटा दिया। यह पोस्ट एक हिंदूवादी वकील कृष्णा राज की पोस्ट पर किया गया था। जब प्रोफ़ेसर अन्दावन से इस सम्बन्ध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह यूनिवर्सिटी में विवाद नहीं पैदा करना चाहती, इसलिए उन्होंने कमेन्ट हटा दिया।

कमेंट डिलीट करने के बावजूद उनके खिलाफ वामपंथी छात्र संगठनों ने दो FIR दर्ज करवा दी। उनके खिलाफ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज करवाया गया है। वामपंथी छात्र संगठनों का प्रोफ़ेसर पर आरोप है कि उन्होंने इस कमेन्ट के जरिए द्वेष फैलाने का प्रयास किया। इन संगठनों ने उन्हें NIT से निष्कासित करने की माँग की है। केरल के कोझिकोड से कॉन्ग्रेस सांसद एमके राघवन ने NIT के डायरेक्टर को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।

प्रोफ़ेसर शैजा अन्दावन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, “मेरा कमेन्ट गाँधीजी की हत्या की प्रशंसा करना नहीं था और ना ही मैं कभी ऐसा करना चाहती थी। मैंने गोडसे की ‘मैंने गाँधी को क्यों मारा’ किताब पढ़ी है। इस किताब में कई खुलासे और जानकारियाँ हैं, जो कि आम लोगों को नहीं पता। गोडसे ने इस किताब में हमें वह बताया है। मैंने इसी सम्बन्ध में फेसबुक पर डाली गई एक पोस्ट पर कमेन्ट किया था। जब मैंने देखा कि लोग मेरे कमेन्ट का गलत मतलब निकाल रहे हैं, तो मैंने वह हटा दिया।”

हाल ही में NIT कोझिकोड में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा एक विरोध में एक छात्र ने यहाँ पूरे कैम्पस में पोस्टकार्ड लहराए थे, जिसके बाद विवाद हो गया था। उसने यहाँ कुछ छात्रों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाए जाने का विरोध किया था।

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