आजकल कांग्रेस के 2 विज्ञापन मीडिया में चल रहे हैं, एक में एक ग्रहणी कहती है चीनी पत्ती महंगी है, गैस महंगी है, मेरा हिसाब दो और दूसरे में एक नौकरी चाहने वाला हिसाब मांग रहा है सरकार से। दोनों हिंदू हैं लेकिन कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में एक अलग चैप्टर लिखा है बताने के लिए कि हम मुस्लिमों के लिए कैसी “टुच्चा गिरी” (तुष्टिकरण की जगह यह शब्द उचित है) करेंगे और हिंदुओं को ख़त्म कर देंगे।
मोदी तो अपने 10 साल का हिसाब दे रहा है लेकिन कांग्रेस अपने शासन के 10 साल का हिसाब भी देने की हिम्मत करे। कुछ गौर करें कांग्रेस वाले:-
-10 साल में 12 लाख करोड़ के घोटाले किए और आज भी बाहर आ रहे हैं जबकि मोदी के 10 साल में तुम एक घोटाला उजागर नहीं कर सके;
-60 साल में बैंकों से लोन दिया गया 18 लाख करोड़ जबकि 2006-2013 तक 7 साल में उद्योगपतियों को लुटा दिया 34 लाख करोड़ जबकि मोदी ने डूबते हुए बैंकों को संभाल लिया और NPA घटा दिए, बैंक लाभ कमा रहे हैं;
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-तुम्हारे समय में Inflation 10% रहना आम बात थी जो आज 5% के आसपास है लेकिन फिर भी लोगों को बरगलाते हो “बहुत महंगाई” है;
-ढोल पीटते हो नौकरियां नहीं हैं जबकि Unemployment Rate आज 2021 में 4.2% था, 2022 में 3.6% था और 2023 में यह 3.1% रह गया। यह 15 वर्ष या उसके ऊपर के लोगो के लिए है। तुम्हारी सरकार अगर 0% पर ले गई हो तो बताएं;
-वैसे जो नौकरी मांग रहा है विज्ञापन में उसको चाहिए हिसाब मांगे हरियाणा की 42 साल की नीलम से जो संसद में सुरक्षा भंग करने वाले गिरोह के साथ थी जिसे 4-5 डिग्री होने के बाद भी नौकरी नहीं मिली;
-तुमने ईरान से तेल खरीदा और 43000 करोड़ रुपया बकाया छोड़ गए जो मोदी सरकार ने ब्याज समेत चुकाया;
-तुम्हारे राज के 10 साल में 4 करोड़ फर्जी गैस कनेक्शन दे दिए गए और साढ़े 3 लाख फर्जी कंपनियां बना दी गईं। मोदी ने 47 करोड़ लोगो के बैंक खाते खोल दिए और फर्जी कंपनियां, फर्जी राशन कार्ड और फर्जी गैस कनेक्शन रद्द कर दिए और 32 लाख करोड़ रुपया DBT से लोगों के खातों में दिया। गैस महंगी बताने वाली विज्ञापन में महिला को बता देना कि मोदी ने 10 करोड़ गरीब महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन देकर धुएं की मार से बचाया है और 12 करोड़ घरों को “नल से जल” दिया है;
-कांग्रेस राज में फर्जी नोट चलाए गए लेकिन जब नोटबंदी में बर्बाद हुए तो उसका दर्द अभी तक रह रह कर उठता है। उसका एक कारण यह भी है कि नोटबंदी से कांग्रेस का चहेता पाकिस्तान भिखारी हो गया;
-तुम्हारी सरकार के पास एक राफेल खरीदने के पैसे नहीं थे जबकि मोदी 62 राफेल खरीद चुका है, S-400 खरीद चुका है और एक अनुमान के अनुसार करीब 10 लाख करोड़ के arms एंड ammunitions खरीद कर सेना को मजबूती दे चुका है।
बहुत हिसाब है देने के लिए लेकिन फिर भी सब कुछ होने पर भी राहुल गांधी कह रहा है कि मोदी 2024 में जीता तो देश को आग लग जाएगी।
नंगा क्या नहायेगा और क्या निचोड़ेगा
मीडिया सूत्रों के हवाले से ख़बर मिली है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से मुलाकात की, और उसमें उन्होंने यह वादा भी किया है कि उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी अपना कोई उम्मीदवार नहीं लड़ाएगी। इस मुलाकात में संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर अन्याय अत्याचार और भ्रष्टाचार से भरी भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए अखिलेश यादव का साथ देगा।
घोटाले पकडे जाने का असर सामने आना शुरू हो गया है। यानि घोटाले के दम पर चुनावी मैदान में उछलने वाली केजरीवाल पार्टी सिकुड़नी शुरू हो चुकी है। ED, सीबीआई द्वारा जितनी तेज जाँच होगी, पार्टी अस्तित्व खो देगी। अभी सम्पन्न हुए विधान सभा चुनावों में 267 उम्मीदवार उतारने वाली पार्टी(भले ही NOTA से कम वोट मिले) लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में एक भी उम्मीदवार न उतारे, मतलब साफ है घोटाले में कमाए धन के दम पर ईमानदारी का ढोल पीटा जाता था। यही हाल रहा पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा भी ख़तम होने वाला है।
गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लड़ी गई 40 से अधिक सीटों में से केवल एक सीट जीती और उसने राष्ट्रीय राजधानी में अपना उच्चतम वोट शेयर 18.10 प्रतिशत दर्ज किया। आप ने दिल्ली, चंडीगढ़, बिहार, गोवा, पंजाब, अंडमान और निकोबार, हरियाणा, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में उम्मीदवार उतारे थे।
अब जबकि आम आदमी पार्टी के मुखिया सहित तमाम शीर्ष स्तर के नेतागण तिहाड़ जेल में "कॉकटेल पार्टी" मनाने में व्यस्त हैं, तब भला कौन सा नेता होगा जो कि आम आदमी पार्टी के टिकट पर दावेदारी करने की जुर्रत कर पायेगा।
सच पूछिए तो उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी चौराहों पर खड़े होकर भी आवाज़ लगाएगी तब भी उसके टिकट नहीं बिकेंगे।
ऐसे में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह "अंगूर खट्टे हैं" वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए, यह जता रहे हैं कि उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी, बल्कि इंडी गठबंधन को समर्थन देगी।
भाजपा को उखाड़ फेंकने का यह मुंगेरीलाल का हसीन सपना पूरा तो नहीं होता दिख रहा है। अलबत्ता नंगा नहायेगा क्या और निचोड़ेगा क्या? वाली कहावत जरूर चरितार्थ होती दिखाई दे रही है।
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